24, पुष्प मिलन, वार्डन रोड, मुंबई-36 के सिरहाने से झांकती ग्यारह अक्टूबर की सुबह

आलोक श्रीवास्तव: मुंबई से लौटकर आलोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट : ऐसे भी जाता नहीं कोई… :  जबसे जगजीत गए तब से क़ैफ़ी साहब के मिसरे दिल में अड़े हैं – ‘रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई, तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई।’ और दिल है कि मानने को तैयार नहीं। कहता है – ‘हम कैसे करें इक़रार, के’ हां तुम चले गए।’

उस रोज़ जगजीत भाई किसी दूसरे ही जग में थे

: हमेशा आसपास ही कहीं सुनाई देती रहेगी मखमली आवाज़ : बात थोड़ी पुरानी हो गई है। लेकिन बात अगर तारीख़ बन जाए तो धुंधली कहाँ होती है। ठीक वैसे जैसे जगजीत सिंह की यादें कभी धुंधली नहीं होने वालीं। ठीक वैसे ही जैसे एक मखमली आवाज़ शून्य में खोकर भी हमेशा आसपास ही कहीं सुनाई देती रहेगी। जगजीत भाई यूएस में थे, वहीं से फ़ोन किया – ‘आलोक, कश्मीर पर नज़्म लिखो। एक हफ़्ते बाद वहां शो है, गानी है।’

खुशखबरी, जगजीत सिंह की तबीयत पहसे से बहुत बेहतर है

आलोक श्रीवास्तव: ‘जग जीत’ ने वाले यूं नहीं हारते : तकलीफ़ क्या बांटनी? दुख को क्या सांझा करूं? जगजीत सिंह जी पिछले चार रोज़ से आईसीयू में हैं। एक महफ़िल में गाते हुए ब्रेन हैमरेज हुआ और फिर मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में ऑपरेशन। परसों मुंबई से ही मित्र रीतेश ने मैसेज किया, फ़िक्र जताई – आलोक भाई, जगजीत जी ठीक तो हो जाएंगे न? उनकी आवाज़ में सजा आपका एक शेर कल से ज़हन में मायूस घूम रहा है –

ममता-चित्रा के हाथों आलोक सम्मानित

सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित रहे पत्रकार स्‍व. वेद अग्रवाल स्‍मृति साहित्‍य-पत्रकारिता सम्‍मान-2010 लब्‍धप्रतिष्‍ठ गजलकार-पत्रकार आलोक श्रीवास्‍तव को प्रदान किया गया। मेरठ के चैंबर हॉल में उत्‍तर प्रदेशीय महिला मंच के रजत जयंती समारोह में ये सम्‍मान आलोक को ममता कालिया और चित्रा मुदगल ने प्रदान करते हुए आलोक श्रीवास्‍तव को दुष्‍यंत के बाद हिंदी गजलों का सर्वाधिक सशक्‍त हस्‍ताक्षर बताया।

आलोक और प्रेम को ‘लाला जगतज्योति सम्मान’

युवा ग़ज़लकार आलोक श्रीवास्तव और मासिक पत्रिका ‘पाखी’ के संपादक प्रेम भारद्वाज को वर्ष 2010 का लाला जगतज्योति प्रसाद सम्मान दिया जाएगा। साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय युवाओं को दिया जाने का यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रतिवर्ष 4 अप्रैल को लाला जगत ज्योति प्रसाद की पुण्य तिथि पर दिया जाता है। इस साल उनकी बारहवीं पुण्यतिथि पर समकालीन साहित्य मंच, मुंगेर की ओर से यह सम्मान, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और ‘वागर्थ’ पत्रिका के संपादक व आलोचक डॉ. विजय बहादुर सिंह देंगे।

आलोक श्रीवास्‍तव को ‘साहित्य-पत्रकारिता सम्‍मान’

[caption id="attachment_16782" align="alignleft"]आलोक श्रीवास्तवआलोक श्रीवास्तव[/caption]मेरठ : उत्‍तर प्रदेश महिला मंच ने अपने संस्‍थापक स्‍व. वेद अग्रवाल की 75वीं जयंती पर ‘साहित्य-पत्रकारिता सम्‍मान 2010’ साहित्‍यकार एवं पत्रकार आलोक श्रीवास्‍तव को देने की घोषणा की है। ये सम्‍मान उनकी कृति ‘आमीन’ के लिए दिया जा रहा है। मंच के 25वें स्‍थापना दिवस समारोह में यह सम्‍मान दिया जाएगा। मूर्धन्‍य पत्रकार और लेखक रहे स्‍व. वेद अग्रवाल की स्‍मृति में दिया जाने वाला ये सम्‍मान इससे पूर्व नवाज देवबंदी, महावीर रवांल्‍टा और डा. नवीन चंद लोहनी आदि को दिया जा चुका है। आलोक श्रीवास्तव 30 दिसंबर 1971 शाजापुर (म.प्र) में जन्मे। वे सुपरिचित ग़ज़लकार, कथा-लेखक, समीक्षक और टीवी पत्रकार हैं।