पत्रकार राकेश को थैंक्यू, दर्ज हुई एफआईआर, ठग हुए गिरफ्तार

झारखण्ड राज्य के देवघर जिले में करियर काउंसिलिंग करने वाले कुछ लोगों ने मथुरा (उत्तर प्रदेश) और बिहार राज्य के तीन चार छात्रों को बीआईटी (देवघर) में एडमिशन कराने के नाम पर 1.8 लाख रुपये ठग लिए. जब तक छात्रों को अपने साथ हुए फर्जीवाड़े की भनक लगी तब तक बहुत देर हो चुकी थी. खैर, छात्र आनन-फानन में देवघर पहुंचे और अपने साथ हुई ठगी की शिकायत करने देवघर नगर थाना पहुंचे. मगर देवघर नगर थाने की पुलिस ने उन्हें उलटे पाँव लौटा दिया.

‘देश लाइव’ पर इएसआई का छापा!

रांची से प्रसारित होने वाले चैनल ‘देश लाइव’ पर इएसआई के अधिकारियों ने छापा मारा है. शुक्रवार को इएसआई के अधिकारियों ने देश लाइव के कागजातों को टटोला और कंपनी के बारे में पड़ताल की. इएसआई के अधिकारियों ने जो सवाल देश लाइव के मैनेजमेंट से पूछा है उनके अनुसार, चैनल चलाने वाली कंपनी का नाम, कंपनी का पूर्ण विवरण, कर्मचारियों की संख्या, उनका वेतन, इएसआई रजिस्ट्रेशन जैसे सवाल है.

कारस्‍तानी उपेंद्र राय की और साख दांव पर सहारा के मीडियाकर्मियों की

अनंत झासहारा न्यूज़ नेटवर्क के न्यूज़ डायरेक्टर उपेन्द्र राय द्वारा नीरा राडिया के पक्ष में प्रवर्तन निर्देशालय के अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने के ऑफर के बाद सहारा समूह में कार्यरत मीडियाकर्मियों की साख दांव पर लग गयी है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि अब तक किसी भी मीडिया घराने के सबसे बड़े पद पर आसीन किसी भी व्यक्ति पर इस तरह का आरोप नहीं लगा था.पहले से टीआरपी की दौड़ से कोसों दूर खड़े सहारा मीडिया की साख पर भी बड़ा सा सवालिया निशान लग गया है.

तीन महीने में हो जाएगा उपेंद्र राय की किस्मत का फैसला

सहारा न्यूज़ नेटवर्क के डायरेक्टर (न्यूज़) उपेन्द्र राय के विरुद्ध मिली शिकायत पर देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. ज्ञात हो की उपेन्द्र राय के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की शिकायती पत्र लिखा था, जिसमे यह कहा गया था की कॉरपोरेट दलाल नीरा राडिया को बचाने के लिए सहारा न्यूज़ के उपेन्द्र राय ने निदेशालय के अधिकारियों को दो करोड़ बतौर रिश्वत का ऑफर दिया था ताकि मामले को प्रभावित किया जा सके.

नीरा राडिया से बड़ा दलाल निकला यह संपादक

: खुद राडिया ने किया खुलासा : एक मैग्जीन निकालकर एक आदमी इतना ”बड़ा” संपादक बन बैठा कि वह मैग्जीन को भूलकर सत्ता की दलाली करने लगा. और दलाली भी ऐसी वैसी नहीं. विजय माल्याओं के प्रोजेक्ट को पास करने की दलाली. बड़े बड़े औद्योगिक घरानों की दलाली. इस शख्स का नाम है सतीश ओहरी. इस कम चर्चित नाम सतीश ओहरी को सुनकर आप भी चौंकेंगे लेकिन इस आदमी के कारनामें बड़े बड़े हैं. यह खुद को संपादक बताता है. संपादक ही नहीं, मालिक भी, मुद्रक भी और प्रकाशक भी.

नाराज रतन टाटा ने मीडिया पर लगाया प्रतिबंध!

इन दिनों रतन टाटा मीडिया से नाराज चल रहे है. वैसे रतन टाटा तो केंद्र की यूपीए गठबंधन सरकार से भी नाराज चल रहे हैं. लगता है रतन टाटा का नाम इन दिनों विवादों के साथ-साथ चल रहा है. तभी तो वे प्रधानमंत्री से पुरस्कार लेने नहीं जाते. हालाँकि प्रधानमंत्री उन्हें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में क्रांति लाने वाले ‘नैनो’ के कारण सम्मान देना चाहते थे. अब इसी विवाद की अगली कड़ी है रतन टाटा की कंपनी टाटा संस का मीडिया पर प्रतिबन्ध.

झूठ बोल रहे हैं रतन टाटा?

अनंत झापिछले दिनों टाटा समूह के सर्वेसर्वा रतन टाटा ने यह कह कर सनसनी फैला दी थी की उनसे एयरलाइंस व्यवसाय में कदम रखने के दौरान किसी केन्द्रीय मंत्री ने रिश्वत की मांग की थी जो उन्होंने नहीं दी और उसी के कारण टाटा सन्स (टाटा समूह की वास्तविक कंपनी) ने एयरलाइंस के कारोबार से तौबा कर ली. हालाँकि मीडिया में इस खबर के आने के बाद रतन टाटा ने अपनी और से सफाई भी दी की उनसे किसी मंत्री ने सीधे तौर पर रिश्वत नहीं मांगी थी.

न्यूज चैनलों और अखबारों का नीतीशीकरण

अनंत झाबिहार में होने वाले विधान सभाचुनाव का परिणाम भले ही 24 नवम्बर को आने वाला हो, मगर मीडिया के सबसे ताकतवर माने जाने वाले इलेक्ट्रानिक चैनलों ने तो हद ही कर दी है. आखिर अभी पहले चरणों का चुनाव भी नहीं हुआ है और देश के सबसे ताकतवर माने जाने वाले स्तम्भ ने तो नीतीश को मानो दुबारा मुख्यमंत्री बना ही दिया है. आखिर मीडिया क्या साबित कर रही है? आखिर खुद को सबसे अव्वल कहने वाले समाचार चैनल स्टार न्यूज़ को ये क्या हो गया है?

प्रभात खबर में छपी इस रिपोर्ट को सलाम!

अनंत झाप्रभात खबर के देवघर संस्करण के 11 अक्तूबर के अखबार का पहला पन्ना. हैरतअंगेज, अविश्वनीय, या यूं कह लें सभ्य समाज के मुंह पर तमाचा. हम भारतीय खुद के महाशक्ति कहलवाने के लाख दावे करें लेकिन हमारे दावों की पोल खोलने वाली इस रिपोर्ट को पढ़कर शायद किसी का भी कलेजा मुंह को आ जाए. हम खुद को लाख आधुनिक होने का दावा कर लें, लेकिन इस खबर ने हमें इस बात का एहसास करा दिया है कि हमारे अंदर का इंसान मर गया है और मर गयी है हमारी सोच व संवेदना.

अयोध्या कवरेज में आशुतोष ने मिसाल कायम की

: आइए, आईबीएन7 की इस पत्रकारिता का स्वागत करें : तारीख 30 सितम्बर 2010. टेलीविजन मीडिया के लिए एक इम्तिहान का दिन. आमतौर पर भारतीय टेलीविजन मीडिया अपनी अपरिपक्वता और जल्दबाजी के लिए कुख्यात है. परन्तु मामला इस बार बेहद संगीन और फिसलनदार. देश-विदेश के लाखों करोड़ो लोगों की नजर अपने टेलीविजन चैनल के स्क्रीन पर चस्पा थी.