एक अमेरिकी पत्रकार से डर गया महान लोकतांत्रिक देश भारत

कश्मीर भारत के दो युद्ध क्षेत्रों में से एक है, जहां से कोई खबर बाहर नहीं निकल सकती. लेकिन गुमनाम कब्रों में दबी लाशें खामोश नहीं रहेंगी. 23 सितंबर की सुबह 3 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने के कुछ ही घंटों के भीतर अमेरिकी रेडियो पत्रकार डेविड बार्सामियन को वापस भेज दिया गया. पब्लिक रेडियो पर प्रसारण के लिए स्वतंत्र रूप से मुफ्त कार्यक्रम बनाने वाला यह खतरनाक आदमी चालीस वर्षों से भारत आता रहा है.

न्यूज चैनलों के पागलपन से दहशत में हैं अरुंधति

अमेरिका की पोलिटिकल और सोशल मैग्जीन ‘गेरनिका’ के फरवरी, 2011 के अंक में अरुंधति राय का एक लंबा इंटरव्यू छपा है. इंटरव्यू लेखक हैं अमिताव कुमार. कई मामलों में ये शानदार इंटरव्यू है. इस इंटरव्यू को बेहद सरल, सहज तरीके से पेश किया गया है, और पढ़ते हुए लगता है कि जैसे आंखों के सामने इंटरव्यू चल रहा हो. अरुंधति राय बहुत शानदार महिला हैं, बहुत उम्दा चिंतक हैं, बेहद संवेदनशील मनुष्य हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है.

अरुंधति और गिलानी पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज

लेखक अरुंधति रॉय और हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इन पर 21 अक्तूबर को नई दिल्ली में हुए एक सेमिनार में भारत विरोधी भाषण देने के आरोप हैं. इन लोगों ने कश्‍मीर के बारे में अलगाववादी बयान दिया था.

अरुंधति,‍ गिलानी के खिलाफ होगा केस दर्ज

दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को हुर्रियत कान्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी और लेखिका अरुंधति राय और पांच अन्य के खिलाफ भारत विरोधी भाषण देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नविता कुमारी बाघा ने कहा कि दिल्ली पुलिस को भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और छह जनवरी 2011 को मामले की अगली सुनवाई के दौरान इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।

अब अरूंधति ने माओवादियों को देशभक्‍त बताया

: एक कार्यक्रम में आरएसएस ने किया विरोध, मारपीट में आधा दर्जन घायल : कश्मीर मसले पर विवादित बयान देकर चर्चा में बनी लेखिका एवं सामाजिक कार्यकत्री अरूधंति राय ने फिर विवादास्‍पद बयान दिया है. राष्‍ट्र द्रोह के मुकदमें का खतरा झेल रही अरूधंति ने भुवनेश्‍वर के एक कार्यक्रम में इस बार माओवादियों को देशभक्‍त बताया है.

Statement from the Concerned Citizens of India on Kashmir

We are deeply concerned at the recent media reports of possible cases of ‘sedition’ to be levelled against some of the speakers at the public convention on Kashmir held in New Delhi on 21 October 2010 titled “Azadi: The Only Way” organized by the Committee for the Release of Political Prisoners(CRPP) with sections of political forces fomenting jingoistic feelings.

अरुंधति राय कानूनन दंड पाने योग्य हैं

अमिताभ ठाकुर: देशद्रोह बनाम निर्दोष : अरुंधती रॉय देश की विख्यात लेखकों-सामाजिक कार्यकर्ताओं में मानी जाती हैं. देश-विदेश में उनके समर्थकों और चाहने वालों की एक बहुत लंबी कतार है. कई विषयों पर उनके अपने स्वयं के विचार हैं जो बहुधा विवादास्पद भी हो जाते हैं. संभव है उन्हें इन तमाम विवादों से लाभ भी मिलता हो और उनकी सामजिक छवि में इजाफा होता हो.

Statement by Arundhati Roy

[caption id="attachment_18356" align="alignleft" width="62"]अरुंधति रायअरुंधति राय[/caption]I write this from Srinagar, Kashmir. This morning’s papers say that I may be arrested on charges of sedition for what I have said at recent public meetings on Kashmir. I said what millions of people here say every day. I said what I, as well as other commentators have written and said for years.