अयोध्याकांड : पत्रकारिता दिवस यात्रा वाया मच्छर से लिंग तक

यशवंत सिंहपत्रकारिता दिवस आया और चला गया. 29 और 30 मई को जगह-जगह प्रोग्राम और प्रवचन हुए. मैंने भी दिए. अयोध्या में. अयोध्या प्रेस क्लब की तरफ से आमंत्रित था. अपने खर्चे पर गया और आया. लौटते वक्त 717 रुपये अतिरिक्त ट्रेन में काली कोट वाले को दे आया. वापसी का टिकट कनफर्म नहीं हो पाने के कारण रुपये देकर भी ट्रेन में ठीक से सो न सका.

अयोध्या : किसकी हार, किसकी जीत

नदीम अख्‍तर आजकल इस बात पर खूब बहस चल रही है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय से संबद्ध लखनऊ बेंच द्वारा सुनाए गए अयोध्या पर फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए या नहीं। हालांकि वक्फ बोर्ड अब ऐलान कर चुका है कि वह मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाएगा, लेकिन समाज के कई तबकों से यह आवाज भी आ रही है कि मामले को हिंदू और मुसलमान, दोनों समुदायों के प्रतिनिधि मिलबैठ कर आपस में सुलझा लें। अगर ऐसा होता है तो इससे अच्छी बात कुछ और नहीं हो सकती लेकिन फैसला अगर कोर्ट से ही आना है, तो मामला सुप्रीम कोर्ट में जरूर जाना चाहिए। हालांकि आस्था से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर फैसला देना इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए भी आसान नहीं था, लेकिन फैसला पढ़ने के बाद यह धारणा बनती है कि कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर कम और आस्था (पापुलर बिलीफ) पर ज्यादा आधारित है। न्यायालय का फैसला संविधान-कानून सम्मत होता है, विश्वास और आस्था पर बेस्ड कतई नहीं होता। सो, अगर इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चैलेंज नहीं किया गया तो यह न्यायपालिका में एक बिल्कुल नए और असम्मत ट्रेंड को पनपने देने जैसा हो जाएगा।

अयोध्या कवरेज में आशुतोष ने मिसाल कायम की

: आइए, आईबीएन7 की इस पत्रकारिता का स्वागत करें : तारीख 30 सितम्बर 2010. टेलीविजन मीडिया के लिए एक इम्तिहान का दिन. आमतौर पर भारतीय टेलीविजन मीडिया अपनी अपरिपक्वता और जल्दबाजी के लिए कुख्यात है. परन्तु मामला इस बार बेहद संगीन और फिसलनदार. देश-विदेश के लाखों करोड़ो लोगों की नजर अपने टेलीविजन चैनल के स्क्रीन पर चस्पा थी.

All should respect and adhere to the Court verdict

Dear FRIEND, The Court verdict on the Ramjanambhoomi-Babri Masjid titleship issue has been given earlier today. All should respect and adhere to the Court verdict. Even though the Government had sent strict prior instructions to the TV News Channels not to air anything that will incite passions and the newspapers as well as the TV News Channels really did play a commendable role, we have not thought what impact it will have on our children and the future generations.

ये खून हिंदू और मुस्लिम, दोनों का है

: देवघर में प्रभात खबर की पहल : हर धर्म के लोगों ने किया रक्तदान : प्रभात खबर, देवघर संस्करण ने अयोध्या विवाद पर फैसला आने के ठीक एक दिन पहले व शहीदे आजम भगत सिंह के जन्मदिन के ठीक एक दिन बाद संथाल परगना के सबसे बड़ा रक्तदान शिविर का आयोजन किया.

अयोध्या : सुलह नहीं, फैसला चाहते हैं पक्षकार

लखनऊ / अयोध्या : उत्तर प्रदेश में अयोध्या के फैसले से पहले लखनऊ से लेकर फैजाबाद तक माहौल गरमा गया है। लखनऊ में सियासी पारा बढ़ रहा है तो अयोध्या में आशंका और तनाव। दूसरी तरफ अयोध्या मसले पर दोनों तरफ के पक्षकारों में सुलह की अंतिम कोशिश भी नाकाम होती नज़र आ रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस मामले के पक्षकारों के बीच सुलह की एक और कोशिश के लिए 17 सितम्बर की तारीख़ तय की गई है। पर कोई पक्षकार सुलह के मूड में नहीं है।