भड़ासी चुटकुला (24)

ये चुटकुला मीडिया पर नहीं है, मीडिया से संबंधित नहीं है. ”भड़ासी चुटकुला” में अब तक मीडिया से संबंधित चुटकुले ही शामिल किए जाते रहे हैं, लेकिन आज एक नान-मीडिया जोक पब्लिश किया जा रहा है. यह चुटकुला एक मित्र ने मुझे एसएमएस किया. इतना सटीक लगा और पसंद आया कि इसे मैंने फेसबुक पर डाल दिया. फेसबुक पर मेरे दो एकाउंट हैं. एक में पांच हजार दोस्त हैं. फ्रेंड लिमिट पूरी होने से दूसरे नया एकाउंट बनाया जिसमें करीब साढ़े छह सौ दोस्त हैं.

भड़ासी चुटकुला (23)

एक बड़े भाई तुल्य मित्र ने यह कहते हुए इस चुटकुले को भेजा है कि– ”इसका हिन्दी अनुवाद अश्लील हो जाएगा। इसलिए अंग्रेजी में ही भेज रहा हूं। अगर उपयोग कर सकें।” दो-तीन बार चुटकुला पढ़ा. सिर्फ एक शब्द का खेल है. उस एक शब्द का अर्थ गदहा भी होता है और वह भी होता है जो पिछवाड़े कपड़ों में ढका छिपा होता है. जो ढका-छिपा होता है, वह उत्सुकता पैदा करता है, कौतुक व रहस्य पैदा करता है.

भड़ासी चुटकुला (5)

एक बड़े हिन्दी अखबार के दफ्तर में एक पत्रकार साथी ने अपने संपादक से एक बहुत ही सामान्य शब्द का हिज्जे पूछा. उस पत्रकार ने अपने संपादक जी से पूछा- सर जी, किताब के ‘क’ में छोटी मात्रा होगी या बड़ी?