क्या नवीन पांडेय की नौकरी चली जाएगी?

आदरणीय यशवंत जी, मैं यह पत्र आपको लिखने के लिए मजबूर हो गया हूँ, भड़ास4मीडिया पर एक खबर प्रकाशित हुई थी शीर्षक था “जागरण के बाद आर्यन न्यूज़ पर भी पंडित जसराज मरे”, इस सन्दर्भ में आपको सूचित करना चाहूँगा कि आपके ब्लॉग पर इस खबर के प्रकाशित होने के बाद चैनल के प्रबंध निदेशक श्री अनिल जी ने चैनल हेड श्री संजय मिश्र से इस बारे में पूछ ताछ की और श्री संजय मिश्र ने इस पूरे प्रकरण के लिए श्री नवीन पाण्डेय को जिम्मेदार ठहराया गया जो वहां आउटपुट में कार्यरत हैं.

जागरण के बाद आर्यन टीवी पर भी पंडित जसराज मरे!

भारत रत्‍न पंडित भीमसेन जोशी के मरने से लोग दुखी हैं. परन्‍तु अखबार और चैनल वाले उनका दुख और बढ़ाने पर लगे हुए हैं. कल दो-दो बार पंडित भीमसेन जोशी की जगह पंडिस जसराज को मरा बताया गया. दरअसल हुआ यह कि पहले जागरण ने यह गलती की और अपने वेबसाइट में पंडित भीमसेन की जगह जसराज की फोटो छाप दी, फिर ऐसी ही गलती बिहार झारखंड के रीजनल चैनल आर्यन टीवी ने दोहराई. आर्यन ने पंडित भीमसेन जोशी की जगह पंडित जसराज का विजुअल चलाया. यह विजुअल लगभग पंद्रह मिनट तक चलता रहा. इसके बाद यह खबर गिरा दी गई.

जागरण डॉट कॉम में भीमसेन नहीं, जसराज मरे!

जागरण में इतनी गलतियां क्यों होती हैं. कभी अखबार में तो कभी वेबसाइट पर. ताजी सूचना ये है कि जागरण डॉट कॉम में भीमसेन जोशी की जगह पंडित जसराज का निधन दिखाया गया है. दरअसल हुआ ये है कि जागरण की वेबसाइट पर भीमसेन जोशी की मौत पर देश के जाने-माने संगीतज्ञों के शोक जताने की प्रतिक्रिया वाली जो खबर है, उसमें तस्वीर पंडित जसराज की लगा दी गई है. इस भूल से जसराज के प्रशंसक दुखी हैं.

भीमसेन जोशी : एक अनिर्वाण का निर्वाण

[caption id="attachment_19333" align="alignleft" width="94"]भीमसेन जोशीभीमसेन जोशी[/caption]भीमसेन जोशी का अचानक चले जाना जितना चौकाता है उससे ज्यादा चौकाता है उनका इतने दिन काल से होड़ कर के जीतते रहना।  जिस तरह की औघड़ और अराजक जीवन शैली भीमसेन जोशी ने अपनाई थी उसमें लोग ज्यादा चलते नहीं। रात तीन बजे तक फेफड़ों की पूरी ताकत लगा कर अपनी शास्त्रीय मिठास से लोगों को मुग्ध करना।

मनहूस जनवरी भीमसेन जोशी को भी ले गया

: पंडित जी की अदभुत गायकी को सुनकर उन्हें श्रद्धांजलि दीजिए… सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें… : कुछ जाने क्यों नया साल मनहूस सा लगने लगा है. अतुल माहेश्वरी की मौत से जो शुरुआत हुई तो एक के बाद एक बुरी खबरें ही आ रही हैं. बालेश्वर चले गए. कई पत्रकार साथियों की मौत हुई, कइयों का इलाज चल रहा है तो कुछ के साथ पारिवारिक ट्रेजडी हुईं.