दुख-दर्द
इस हैबते-हालात पे कुछ गौर कीजिये, अब भी तो खौफ छोड़िये आवाज़ दीजिये, ग़म नहीं गुस्से की सदा बनके यशवंत जी, खामोशियों को तोडिये,...
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इस हैबते-हालात पे कुछ गौर कीजिये, अब भी तो खौफ छोड़िये आवाज़ दीजिये, ग़म नहीं गुस्से की सदा बनके यशवंत जी, खामोशियों को तोडिये,...
: तीन टिप्पणियां : यशवंत भाई सबसे पहले तो फ़्लैट बुक करने के लिये बधाई. वह अत्यंत आवश्यक था. दिल्ली जैसे शहर में आपके...
बरेली में चल रहे बवाल के कारण कई लोगों के आफर लेटर लटक गए थे. अब डाक वाले चलते-फिरते नजर आने लगे हैं तो...