इस बार सच कह रहे थे कमबख्त चैनल वाले!

दिनेश चौधरी: जगजीत सिंह बरास्ते अमिताभ (तीन) : जगजीत साहब के चले जाने की खबर एक चैनल पर देखकर झटका लगा। पर उम्मीद खत्म नहीं हुई थी, यह सोचकर कि ये चैनलवाले तो उल्टी-सीधी सच-झूठ खबरें देते ही रहते हैं, चलो किसी और चैनल पर देखें। चैनल बदल दिया। लेकिन दूसरे-तीसरे हरेक चैनल पर यही खबर। पिछली बार एक मित्र ने कहा था कि जब किसी इंसान के गुजर जाने की झूठी खबर चल जाये तो उसकी उम्र बढ़ जाती है।

उस रोज़ जगजीत भाई किसी दूसरे ही जग में थे

: हमेशा आसपास ही कहीं सुनाई देती रहेगी मखमली आवाज़ : बात थोड़ी पुरानी हो गई है। लेकिन बात अगर तारीख़ बन जाए तो धुंधली कहाँ होती है। ठीक वैसे जैसे जगजीत सिंह की यादें कभी धुंधली नहीं होने वालीं। ठीक वैसे ही जैसे एक मखमली आवाज़ शून्य में खोकर भी हमेशा आसपास ही कहीं सुनाई देती रहेगी। जगजीत भाई यूएस में थे, वहीं से फ़ोन किया – ‘आलोक, कश्मीर पर नज़्म लिखो। एक हफ़्ते बाद वहां शो है, गानी है।’