आरकेबी के पक्ष में आईं चार और चिट्ठियां

राजीव कुंवर बजाज उर्फ आरकेबी, सीईओ, लेमन टीवी के खिलाफ उनके साथ काम कर चुके रवि पारीख ने एक पत्र क्या भड़ास4मीडिया के पास भेजा, पत्र के छपते ही आरकेबी समर्थकों ने आरकेबी को महान बताने के लिए मेल भेजो कंपेन शुरू कर दिया है, और साथ में फोन कर कर के यह कहना कि अभी तक उनका भेजा छपा नहीं. एक पत्र के जवाब में अभी तक दो पत्र छप चुके हैं, Lemon is working smoothly… और लेमन न्यूज़ में सब कुछ ठीक चल रहा है शीर्षकों से.

लेमन न्यूज़ में सब कुछ ठीक चल रहा है

: आरकेबी को बदनाम करने की कोशिश : लेमन न्यूज़ को लेकर इन दिनों तरह-तरह की खबरें खास तौर पर भड़ास मीडिया पर प्रकाशित की जा रही है. साथ ही आरकेबी यानी राजीव बजाज साहब को लेकर भी कुछ मनगढ़ंत बातों को यहाँ पर लगातार प्रकाशित किया जा रहा है, लेकिन दुःख इस बात का होता है कि जिन लोगों पर आरकेबी ने अपना पूरा विश्वास दिखाया था या वे लोग भी कभी उनके विश्वास पर खरे उतरे थे, ऐसे लोग जो इस समय कुछ ऐसी बातें प्रकाशित कर रहे हैं, जिनका कोई तात्पर्य नहीं है.

क्या होगा लेमन, चैनल वन और जहीर अहमद का?

चर्चा बहुत तेज है कि जहीर अहमद के इर्द-गिर्द जांच एजेंसियों तेजी से शिकंजा बुनने में लगी हैं. कुछ पक्के सूत्र बता रहे हैं कि उड़ीसा की पुलिस के कुछ बड़े अधिकारी मुंबई में डेरा डाले हुए हैं. ये लोग चिटफंड कंपनी में जनता के लगाए पैसे के जरिए चैनल खरीदे जाने व चलाने के घटनाक्रम की जांच कर रहे हैं. साथ ही पैसों के आवाजाही की कुछ शिकायतों पर भी नजर गड़ाए हैं.

‘लेमन टीवी’ हुआ ‘लेमन न्यूज’

: संजय काव और अयूब शेख हसन जुड़े : लेमन टीवी के साथ आरकेबी के प्रयोगों का सिलसिला जारी है. लेमन टीवी को अगस्त महीने से अब ‘लेमन न्यूज’ में कनवर्ट कर दिया गया है. अभी तक यह न्यूज व इंटरटेनमेंट, दोनों का मिक्स चैनल था.

रिलायंस रिफंड करेगा दो हजार चार सौ दस करोड़ रुपये

आरकेबी‘आरकेबी शो’ की एक और कामयाबी : महाराष्ट्रा इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (एमईआरसी) ने रिलायंस इनर्जी को मुंबई के उपभोक्ताओं से एक साल में ड्यूटी-टैक्स के रूप में वसूले गए दो हजार चार सौ दस करोड़ रुपये रिफंड करने, बिजली उत्पादन, काम-काज और आर्थिक मसलों की जांच कराने के आदेश दिए हैं। सौ पेज की इस रिपोर्ट में एमईआरसी ने आदेश दिया है कि इन्वेस्टिगेटिव अथार्टी गठित कर उससे रिलायंस इनर्जी के पूरे एकाउंट की छानबीन कराई जाए। यह भी इन्वेस्टिगेशन के दायरे में होगा कि मुंबई के उपभोक्ताओं के लिए रिलायंस इनर्जी ने जितने विद्युत उत्पादन और सप्लाई का जिम्मा लिया था, उस कैपिटल एक्सपेंडिचर की स्थितियां क्या हैं? तीसरा मुख्य निर्देश यह जारी किया गया है कि उपभोक्ताओं के यहां लगे रिलायंस इनर्जी के मीटरों की छानबीन की जाए। शिकायतें हैं कि लाइट कटौती के समय भी मीटर तेजी से भागते हैं। इसका अब तक कोई ठोस समाधान इसलिए नहीं हो सका है कि अपने मीटरों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की बजाय रिलायंस खुद ही चेक कर कह देता है कि उसके मीटर ठीक काम कर रहे हैं। जबकि सच्चाई हैरतअंगेज है। मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों का हर उपभोक्ता मासिक पांच से छह हजार रुपये तक विद्युत बिलों का भुगतान कर रहा है। यदि मीटर तेज नहीं भाग रहे तो सिर्फ एक-दो पंखा-टीवी चलाने वाले उपभोक्ताओं को इतने भारी-भरकम बिल क्यों अदा करने पड़ रहे हैं? अब इसकी भी जांच बहुत जरूरी हो गई है। रिलायंस के विद्युत मीटरों की एफिसिएंसी निश्चित ही संदिग्ध हो चली है।

आरकेबी का नया मोर्चा : थ्री-आर कैंपेन

[caption id="attachment_15254" align="alignleft"]आरकेबीआरकेबी[/caption]थ्री-आर…री-कॉल, रोलबैक, रिफंड : मुंबई की पॉवर कंपनियों (रिलायंस, टाटा, बेस्ट) और एमईआरसी (महाराष्ट्रा इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन) की मनमानियों के खिलाफ पहली लड़ाई जीतने के बाद लेमन टीवी ने अपने आगामी संघर्ष का दायरा काफी व्यापक कर लिया है। आरकेबी शो एंकर राजीव कुंवर बजाज उर्फ आरकेबी ने ऐलान किया है कि अब वह महामुंबई के लिए थ्री-आर कैंपेन का नया मोरचा खोलने जा रहे हैं। थ्री-आर कैंपेन, यानी री-कॉल, रोलबैक, रिफंड। आरकेबी के प्लेटफॉर्म से इस महाभियान में महामुंबई की पहले से ज्यादा शानदार भागेदारी होगी। मुंबई के करोड़ों विद्युत उपभोक्ताओं और हिंदुस्तान के साठ से ज्यादा एनजीओ, सभी राजनीतिक दलों को लेमन टीवी के प्लेटफॉर्म पर एक साथ लामबंद कर रिलायंस एनर्जी को पछाड़ने के बाद अत्यंत जोशीले अंदाज में आरकेबी बताते हैं कि अब उनका कारवां बहुत बड़ी लड़ाई का आगाज करने जा रहा है। इस दूसरे चरण के महासंग्राम का बिगुल बज चुका है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि मीडिया के मोरचे से कामयाबी की दिशा में बढ़ रहे करोड़ो-करोड़ मुंबईवासी इस महासंग्राम में पहले से ज्यादा उत्साह के साथ अवश्य शिरकत करेंगे। भड़ास4मीडिया के साथ अपने ताजा महाअभियान का खुलासा किया आरकेबी ने।