गरीबी, बेरोजगारी, स्‍वास्‍थ्‍य जैसी वास्‍तविक खबरें मीडिया से गायब हैं : काटजू

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के नवनियुक्‍त चेयरमैन जस्टिस एम काटजू बीते दस अक्‍टूबर को मीडिया से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्‍हों ने मीडियाकर्मियों से चौथे खम्‍भे के बारे में ढेर सारी बातें कीं. कई सुझाव दिए, कई बातें रखी, मीडियाकर्मियों की बातें भी सुनीं. जस्टिस काटजू ने पत्रकारों की जिम्‍मेदारी पर भी काफी कुछ सुझाव दिए, विचार रखे. इन्‍हीं सुझावों-विचारों को ‘द हिंदू’ ने अपने यहां प्रकाशित किया है.

सिद्धार्थ वरदराजन ने संभाला द हिंदू के एडिटर का दायित्‍व

एन रवि, मालिनी पार्थसारथी एवं निर्मला लक्ष्‍मण के संपादकीय विभाग से इस्‍तीफे के बीच सिद्धार्थ वरदराजन ने द हिंदू के नए एडिटर का पद सभाल लिया है. तीनों लोगों ने वरदराजन को संपादक बनाए जाने के फैसले के विरोध में ही अपना इस्‍तीफा दिया था. बोर्ड ने बहुमत के आधार पर सिद्धार्थ वरदराजन को द हिंदू का नया एडिटर बनाया है. फिलहाल वे दिल्‍ली में स्‍ट्रेटैजिक एडिटर थे.

इस्‍तीफा देने के अलावा और कोई दूसरा रास्‍ता नहीं था : एन रवि

द हिंदू के संपादक एन रवि ने इस्‍तीफा देने के बाद सहयोगियों का आभार जताते हुए कहा है कि सिद्धार्थ वरदराजन के संपादक बनने के बाद मेरे पास संपादक के पद से इस्‍तीफा देने के अलावा और कोई दूसरा रास्‍ता नहीं था. उन्‍होंने अपने सहयोगियों का आभार जताते हुए उनके कार्यकाल में हिंदू को दूसरे नम्‍बर का अंग्रेजी अखबार बनाने पर धन्‍यवाद दिया है.

आहत होकर अखबार से इस्‍तीफा दे रही हूं : मालिनी

: अपने सहयोगियों को लिख पत्र : द हिंदू की एक्‍जीक्‍यूटिव एडिटर मालिनी पार्थसारथी ने अपने पद से इस्‍तीफा देने के बाद अपने सहयोगियों को पत्र लिखा है. जिसमें उन्‍होंने अपने इस्‍तीफा देने के कारणों का विस्‍तार से खुलासा किया है. उन्‍होंने कहा है कि ये पत्र वो काफी आहत होकर तथा वेदना के साथ लिख रही हैं.

द हिंदू से एन रवि, मालिनी पार्थसारथी एवं निर्मला लक्ष्‍मण का इस्‍तीफा

द हिंदू में वरदराजन को संपादक बनाए जाने का विवाद और ज्‍यादा गहरा गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा कंपनी ला बोर्ड को इस मामले पर डे बाई डे सुनवाई के आदेश के बाद संपादक एन रवि, एक्‍जीक्‍यूटिव एडिटर मालिनी पार्थसारथी और ज्‍वाइंट एडिटर निर्मला लक्ष्‍मण ने इस्‍तीफा दे दिया है. ये इस्‍तीफा वरदराजन के संपादक बनाए जाने के विरोध में दिया गया है.

राडिया वाले एक पत्रकार ने माना कि उसका आचरण बड़ा बेईमान है

लोक लेखा समिति (पीएसी) की रिपोर्ट के हवाले से द हिंदू अखबार में एक खबर प्रकाशित हुई है. Scribe admits ‘unprofessional’ work शीर्षक से. J. Balaji लिखित इस खबर में बताया गया है कि राडिया से बातचीत करके फंसे दिग्गज पत्रकारों में से एक ने समिति के आगे स्वीकार किया कि राडिया से बातचीत में जो आचरण था, वह पत्रकारीय नैतिकता के लिहाज से कतई ईमानदार नहीं था. उस पत्रकार ने स्वीकार किया कि उसका आचरण बिलकुल अनप्रोफेशनल था.

अब प्रोफेशनल संपादक संभालेगा ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ की बागडोर, तलाश शुरू

हिंदू ग्रुप के बिजनेस अखबार ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ का संपादक अब इस परिवार का सदस्‍य नहीं होगा. इसके लिए अब बाहर से प्रोफेशनल संपादक की तलाश की जाएगी. अगले तीन महीने के अंदर इस बिजनेस अखबार लिए नए संपादक की खोज कर ली जाएगी.  यह निर्णय द हिंदू के बोर्ड ऑफ डाइरेक्‍टर की म‍ीटिंग में लिया गया. इसके लिए अखबार को भी रिस्‍ट्रक्‍चरिंग किया जा रहा है.

‘द हिंदू’ मैनेजमेंट ने कोड आफ एडिटोरियल वैल्यूज स्वीकार किया

पुराने व प्रतिष्ठित अखबार द हिंदू से खबर है कि 18 अप्रैल को बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की बैठक में कोड आफ एडिटोरियल वैल्यूज को स्वीकार किया गया. द हिंदू को प्रकाशित करने वाली कंपनी कस्तूरी एंड संस लिमिटेड के निदेशकों की बैठक में सभी 12 निदेशक मौजूद थे. पर अंदरुनी खबर है कि ये नौ प्वाइंट वाला कोड आफ एडिटोरियल वैल्यूज को सर्वसम्मति से नहीं स्वीकार किया जा सका. द हिंदू ने इन नौ प्वाइंट्स को अखबार व वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया है. आप भी पढ़ें-

Shekhar, this is not fair…

The war has started. It’s between ‘The Hindu’ and ‘The Indian Express’ newspapers, this time. While I am strongly questioning the retiring age of M.K.Razdan, CEO & Editor-in-Chief of news agency Press Trust of India, a similar sword now hangs before another top gun in the Indian media. The Indian Express published a bottom story, throwing this serious question before N.Ram, the Editor-in-Chief of The Hindu and Group Publications and Director of Kasturi & Sons Ltd., with his photo captioned “No retirement age: N.Ram”.

राम भड़के तो एक्सप्रेस वाले पीछे पड़े

एक्सप्रेस समूह वाले तो एन. राम और ‘दी हिंदू’ अखबार के पीछे पड़ गए लगते हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि देश में अंग्रेजी में दो ही सर्वाधिक प्रतिष्ठित अखबार हैं, एक ‘दी हिंदू’ और दूसरा ‘दी इंडियन एक्सप्रेस’. इन अखबारों के जो सर्वाधिक चर्चित दो नाम हैं वे हैं- इंडियन एक्सप्रेस के एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता और ‘दी हिंदू’ के एडिटर इन चीफ एन. राम. शेखर गुप्ता और एन. राम में अगर तुलना की जाए तो कई मामलों में एन. राम लोकप्रियता में बाजी मारते दिखते हैं. दिल्ली में न रहने के बावजूद, चेन्नई से दी हिंदू की कमान संभाले एन. राम की खरी-खरी लंबे समय तक पाठकों तक पहुंच रही है. वे सिर्फ अखबार के एडिटर इन चीफ ही नहीं हैं बल्कि पब्लिशर व डायरेक्टर भी हैं.

इंडियन एक्सप्रेस पर मुकदमा ठोकेंगे एन. राम

इंडियन एक्सप्रेस में 'द हिंदू' के बारे में प्रकाशित खबरअंग्रेजी के दो बड़े अखबारों ‘इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘द हिंदू’ में आपस में ही भिड़ंत हो गई है. ‘द हिंदू’ को संचालित करने वाली कंपनी ‘कस्तूरी एंड संस लिमिटेड’ में पब्लिशर और ग्रुप एडिटर इन चीफ एन. राम के रिटायर होने के बाद उनकी जगह लेने के लिए अंदरखाने मची उथल-पुथल से संबंधित खबर प्रकाशित करने वाले एक्सप्रेस समूह के दो अखबारों ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘फाइनेंसियल एक्सप्रेस’ पर एन. राम ने मानहानि का मुकदमा ठोंकने का फैसला किया है. एन. राम के इस निर्णय के बारे में एक खबर द हिंदू की आफिसियल वेबसाइट पर रिलीज कर दी गई है.

‘द हिंदू’ में घमासान, कौन होगा नया एन. राम!

[caption id="attachment_17176" align="alignleft" width="99"]एन. रामएन. राम[/caption]पब्लिशर व ग्रुप एडिटर इन चीफ के रिटायर होने की संभावना देख उनकी कुर्सी के लिए परिजनों में जंग : इंडियन एक्सप्रेस में आज प्रकाशित खबर से देश के सर्वाधिक पुराने व सर्वाधिक प्रतिष्ठित अखबारों में से एक ‘द हिंदू’ को संचालित करने वाली कंपनी ”कस्तूरी एंड संस लिमिटेड” के कर्ताधर्ताओं में अखबार पर नियंत्रण को लेकर ‘महाभारत’ होने की जानकारी मिली है. अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ व अंग्रेजी बिजनेस डेली ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के पब्लिशर व ग्रुप एडिटर इन चीफ एन. राम अपनी बढ़ती उम्र के कारण रिटायर होने वाले हैं. यह संभावना देख उनके परिजन एन. राम की कुर्सी हथियाने के लिए दांव-पेंच चल रहे हैं. पूरी स्टोरी ये है…