‘मिड-डे’, मुंबई के तुषार जोशी की रपट ‘सिर्फ बोल बचन’ अमेरिका की उस चर्चा पर आधारित है, जिसके मूर्त रूप लेने में संशय है। अमेरिका में स्पोर्ट्स यूटीलिटी व्हीकिल (एसयूवी) प्रतिबंधित किये जाने की संभावना अभी व्यक्त की जा रही है। इसलिए क्योंकि इन वाहनों से कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। अमेरिका की संसद में कब बिल आयेगा और कब पास होगा, इसका कोई अता-पता नहीं है। फिर भी पर्यावरणवादी पत्रकार तुषार जोशी को मुम्बई के पर्यावरण की चिंता होने लगी और उन्होंने आव देखा न ताव, अमिताभ बच्चन को प्रदूषण फैलाने का दोषी करार देते हुए रपट दे मारी। क्या ‘मिड-डे मेट’ शीर्षक तले इस अखबार में छापी जा रही स्त्रियों की तस्वीरें संस्कृति प्रदूषण नहीं फैला रही हैं? इनका प्रकाशित किया जाना क्या अपरिहार्य है? बेसिर-पैर की हवा में उड़ रही चिंगारी को अमिताभ बच्चन के बदन पर फेंकने की असफल कोशिश कर रहे हैं तुषार जोशी! शायद अपनी कपोल-कल्पित खबर के लिए उन्हें अमिताभ बच्चन ही सॉफ्ट टारगेट दिखाई दिये।