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अमिताभ ने मिड-डे की बजा दी बैंड

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अंग्रेजी टैबलायड मिड-डे, मुंबई में आठ जुलाई को एक रिपोर्ट ‘सिर्फ बोल बचन’ शीर्षक से प्रकाशित हुई। पत्रकार तुषार जोशी की यह बाइलाइन खबर बताती है कि अमेरिका में जहां स्पोर्ट्स यूटिलिटि वैन (एसयूवी) के संचालन को प्रतिबंधित करने के बारे में सोचा जा रहा है और इसके लिए बिल लाए जाने की तैयारी की जा रही है, वहीं भारत में अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के लोग धड़ल्ले से एसयूवी गाड़ियों का इस्तेमाल कर पर्यावरण के खिलाफ काम रहे हैं।

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अंग्रेजी टैबलायड मिड-डे, मुंबई में आठ जुलाई को एक रिपोर्ट ‘सिर्फ बोल बचन’ शीर्षक से प्रकाशित हुई। पत्रकार तुषार जोशी की यह बाइलाइन खबर बताती है कि अमेरिका में जहां स्पोर्ट्स यूटिलिटि वैन (एसयूवी) के संचालन को प्रतिबंधित करने के बारे में सोचा जा रहा है और इसके लिए बिल लाए जाने की तैयारी की जा रही है, वहीं भारत में अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के लोग धड़ल्ले से एसयूवी गाड़ियों का इस्तेमाल कर पर्यावरण के खिलाफ काम रहे हैं।

इसमें इशारे इशारे में यह भी कहा गया है कि अमिताभ ऐसा करके कहीं न कहीं पर्यावरण को दूषित करने में योगदान दे रहे हैं क्योंकि ये गाड़ियां कार्बन डाइ आक्साइड का ज्यादा उत्सर्जन करती हैं और इस प्रकार दुनिया के तापमान को बढ़ाने में योगदान दे रही हैं। तुषार ने लिखा कि अमिताभ और उनके घरवाले खुद को पर्यावरण प्रेमी कहते नहीं अघाते लेकिन एसयूवी गाड़ियों में चलकर वे पर्यावरण विरोधी काम को अंजाम दे रहे हैं। तुषार ने अमिताभ का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर जो एसएमएस किया वह इस प्रकार है-

‘Mr Bachchan just wanted to check if you are aware that in the US there is a move to ban SUV’s as they are called ‘gas guzzlers’ and bad for the environment. As a brand ambassador of iifa, who supports the green revolution ( and even have a green carpet event ) have you considered not using your SUV’s ? Thank you. Tushar from MidDay’

इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के ठीक एक दिन बाद बिग बी ने अपने ब्लाग पर तुषार जोशी और मिड-डे की जमकर खटिया खड़ी की। उन्होंने लिखा, चलिए, मैं गलत हूं, अपनी गलती मानता हूं, इसे सुधारूंगा भी, मुझसे बड़ी भूल हो गई, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन मिस्टर तुषार, आपको भी मोबाइल यूज नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बहुत नुकसान होते हैं। इससे हेल्थ खराब होता है और इससे जो तरंगे निकलती हैं वह पर्यावरण को किसी न किसी प्रकार नुकसान पहुंचाती हैं। अमिताभ सिर्फ यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने बड़े प्यार से तुषार को सलाह दी कि वे लोग जो अखबार छाप रहे हैं, वे कागज पर छापते हैं और ये कागज पेड़ों को काटकर पैदा किए जाते हैं। अखबार छापने के लिए जितने बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जा रहे हैं, उससे दुनिया का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है, हरियाली खत्म हो रही है जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है, कृपा करके अखबार छापना बंद कर दें क्योंकि यह काफी नुकसान पहुंचाने वाला है।

अमिताभ ने अपने लंबे ब्लाग पोस्ट में जिस तरह तुषार जोशी और मिड-डे वालों की बैंड बजाई है, उसे अमिताभ के ब्लाग के पाठक मजे लेकर पढ़ रहे हैं और टिप्पणियां कर रहे हैं। अब तक उनके ब्लाग पर कुल साढ़े पांच सौ कमेंट आ चुके हैं। अमिताभ की प्रतिक्रिया ब्लाग पर आने के अगले दिन मिड-डे, मुंबई ने फिर लिखा और अमिताभ ने फिर इस पर प्रतिक्रिया अपने ब्लाग पर व्यक्त की। इस पोस्ट पर भी पाठकों के सैकड़ों कमेंट आ चुके हैं। अमिताभ के दोनों ब्लाग पोस्टों व पाठकों की टिप्पणियों को पढ़ने के लिए क्लिक करें-

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