: विभूति नारायण राय और राजकिशोर कथा : आओ पद-पद खेलें : कल जीटी एक्सप्रेस से राजकिशोर जी वर्धा से दिल्ली की ओर पदमुक्त होकर जाने वाले थे. उनसे खार खाए मेरे जैसे कुछ लोग इस जानकारी के बाद से खुश थे. मुझे लगा कि वर्धा आते ही एक अच्छी खबर सुनने को मिल गई, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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पत्रकार रामशरण जोशी हिंदी विवि में प्रोफेसर के रूप में नियुक्त
[caption id="attachment_20741" align="alignleft" width="122"]रामशरण जोशी[/caption]वर्धा : हिंदी पत्रकारिता जगत के ख्यातिलब्ध पत्रकार व समाजविज्ञानी प्रो.रामशरण जोशी महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में प्रोफेसर के पद पर हाल ही में नियुक्त हुए हैं। करीब साढे चार दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न ओहदों पर काम करने वाले जोशी ने समाज के झंझावातों से जूझने के लिए कलम को हथियार बनाया।
चोरगुरु दीपक केम बर्खास्त किए गए, वीएन राय कब भगाएंगे अनिल अंकित को?
जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली के सेंटर फार कल्चर एंड मीडिया गवर्नेस विभाग के रीडर चोरगुरु डा. दीपक केम को नकल करके पुस्तकें लिखने के मामले में बर्खास्त कर दिया गया। चोरगुरु दीपक केम और चोरगुरु अनिल के राय अंकित ने मिलकर कटपेस्ट करके जो किताब अपने नाम बनाई है उसका पृष्ठवार चोरी के दस्तावेज सहित खुलासा पत्रकारद्वय कृष्णमोहन सिंह व संजय देव ने अपने खोजपरक कार्यक्रम “चोरगुरू” में किया।
जनकवि हूं मैं क्यों हकलाउं
चंदू, मैंने सपना देखा, उछल रहे तुम ज्यों हिरनौटा… चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से हूँ पटना लौटा. जी हां, सपने में नहीं, अपितु यथार्थ में नागार्जुन के जन्मशती पर विमर्श के लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा द्वारा पटना (ए.एन.सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान) में ‘नागार्जुन एकाग्र’ पर आयोजित समारोह के दौरान साहित्यकारों ने उनको याद किया गया। नागार्जुन के साहित्य पर विमर्श का लब्बोलुआब था कि बाबा नागार्जुन जनकवि थे और वे अपनी कविताओं में आम लोगों के दर्द को बयां करते थे। वे मानते थे कि जनकवि हूं, मैं क्यों हकलाउं।
हाशिमपुरा कर्ज की तरह मेरे सिर पर लदा था, उसे अब मैं उतार रहा हूं : वीएन राय
[caption id="attachment_18294" align="alignleft" width="309"]वीएन राय[/caption]: इंटरव्यू : वीएन राय, कुलपति (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय) : विभूति नारायण राय का इंटरव्यू, वादे के अनुरूप प्रकाशित किया जा रहा है लेकिन इसे टेक्स्ट फार्म में नहीं दे पा रहे हैं, इसके लिए माफी चाहता हूं. वेब मीडिया की खासियत है कि इसमें प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और रेडियो, सभी मीडिया माध्यम समाहित हैं. सो, यह तय किया कि अगर वीडियो फार्मेट में इंटरव्यू है तो इसे टेक्स्ट में रूपांतरित करने जैसा थोड़ा मुश्किल काम क्यों किया जाए. दूसरे, वीडियो या इलेक्ट्रानिक फार्मेट जब अपने आप में कंप्लीट फार्मेट है तो उसका प्रिंट फार्म क्यों जनरेट किया जाए. सो, जस का तस रख दिया गया है पूरा इंटरव्यू. और, इसी बहाने भड़ास4मीडिया के इंटरव्यू सेक्शन में ये पहला वीडियो इंटरव्यू प्रकाशित करने का नया रिकार्ड भी कायम हो रहा है.
वीएन राय, ब्लागिंग और मेरी वर्धा यात्रा
[caption id="attachment_18266" align="alignnone" width="505"]विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के ठीक बगल में लिखे नाम के साथ तस्वीर खिंचवाता मैं.[/caption]
वर्धा में भले सिर्फ दो, सवा दो दिन रहा, लेकिन लौटा हूं तो लग रहा है जैसे कई महीने रहकर आया हूं. जैसे, फेफड़े में हिक भर आक्सीजन खींचकर और सारे तनाव उडा़कर आया हूं. आलोक धन्वा के शब्दों में- ”यहां (वर्धा में) आक्सीजन बहुत है”. कई लोगों के हृदय में उतर कर कुछ थाह आया हूं. कुछ समझ-बूझ आया हूं. कइयों के दिमाग में चल रहीं तरंगों को माप आया हूं. दो दिनी ब्लागर सम्मेलन के दौरान विभूति नारायण राय उर्फ वीएन राय उर्फ पूर्व आईपीएस अधिकारी उर्फ शहर में कर्फ्यू समेत कई उपन्यास लिखने वाले साहित्यकार उर्फ महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति, ये सब एक ही हैं, से कई राउंड में, मिल-जान-बतिया आया हूं.
‘छिनाल’ बोल कर फंस गए वीएन राय
कुलपति विभूति नारायण के ग्रह नक्षत्र खराब चल रहे हैं. दलित विरोधी होने और चोर गुरुओं को संरक्षण देने जैसे आरोपों से इधर थोड़ी राहत मिली थी कि उन्होंने ‘छिनाल’ शब्द बोलकर खुद को फिर फंसा लिया है. भारतीय ज्ञानपीठ की साहित्यिक पत्रिका ‘नया ज्ञानोदय’ ने ‘बेवफाई’ विषय के शीर्षक के साथ अपने ख़ास अंक में विभूति राय का साक्षात्कार किया था.
अनिल चमड़िया अनैतिक टीचर : वीएन राय
[caption id="attachment_16827" align="alignleft"]वीएन राय[/caption]अनिल चमड़िया ने इंट्रेस एक्जाम में हेरीफेरी की जिसके कारण परीक्षा कैंसिल करानी पड़ी : जांच कमेटी की रिपोर्ट आते ही अनिल राय अंकित पर कार्रवाई होगी : मेरे जीवन में ऐसी स्थिति आएगी, इसकी मैंने कल्पना नहीं की थी : जिन लोगों के स्वार्थ मुझसे पूरे नहीं हो पाए वही लोग आरोप लगा रहे हैं : एक पक्षीय रिपोर्टिंग और गाली-गलौज की भाषा के चलते ब्लागों की विश्वसनीयता कम हो रही है : इतने ही दलितवादी हैं तो ब्लाग वाले अपने ब्लागों का संपादक किसी दलति को क्यों नहीं बना लेते? : वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय इन दिनों दिल्ली आए हुए हैं. इसी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर अनिल चमड़िया को हटाए जाने के मामले में वे आजकल चर्चा में हैं. आज सुबह जब उनका फोन आया तो अनिल चमड़िया प्रकरण पर उनसे कई बातें हुईं. उन्होंने कई सवालों के जवाब भी दिए. पेश है बातचीत के अंश-
मुझे तो पता भी नहीं कि अनिल दलित हैं : वीएन राय
[caption id="attachment_16827" align="alignleft" width="85"]वीएन राय[/caption]वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से प्रोफेसर पद से हटाए गए जाने-माने पत्रकार अनिल चमड़िया के बारे में विश्वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय का कहना है कि एक्जीक्यूटिव कमेटी (ईसी) सबसे ताकतवर संस्था होती है. वही किसी की भी नियुक्ति को एप्रूव करती है या निरस्त करती है. अनिल चमड़िया के मामले में भी ऐसा ही हुआ. मैं उन्हें खुद लेकर आया था. पर ईसी ने उनकी नियुक्ति को कनफर्म नहीं किया तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं.