: अपहृत पत्रकार की निर्ममतापूर्वक हत्या : बिहार सरकार के एक मंत्री पर उठी उंगली : हत्या के विरोध में बंद, मौन जुलूस निकाला : कुशीनगर : अपहृत पत्रकार तेजबहादुर की लाश शनिवार को नौरंगिया (बिहार) थाना क्षेत्र के दिल्ली कैम्प के पास से बरामद हुई है. पत्रकार को क्रूरतापूर्वक यातना देने के बाद हत्यारों ने सिर में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था.
बिहार पुलिस ने रेलवे ट्रैक पर दो टुकड़ों में पड़ी लाश को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है. मृतक के परिजनों ने प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री की तरफ भी उंगलियां उठाई हैं. इस हत्या के विरोध में रामकोला एवं कप्तानगंज कस्बा बंद रहा तथा मौन जुलूस निकालकर लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया. गौरतलब है कि गुरुवार की शाम को लगभग सात बजे नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के गांव रायपुर फूलवरिया के पास से सशस्त्र अपराधियों ने अगवा कर लिया था. उत्तर प्रदेश की पुलिस हाथ-पांव मारती रही लेकिन अपहृत पत्रकार को ढूंढ नहीं पाई.
शनिवार को कुछ बारातियों ने दो टुकड़ों में कटी एक लाश को दिल्ली कैम्प के पास रेलवे ट्रैक पर पड़ा देखा. इसकी सूचना बारातियों ने पुलिस को दी. बाद में इस लाश की पहचान अपहृत पत्रकार तेजबहादुर के रूप में हुई. लाश मिलने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई और वहां उत्तर प्रदेश एवं बिहार पुलिस के साथ-साथ भारी संख्या में आम नागरिक एवं पत्रकार पहुंच गए. पत्रकार के परिजनों के आने के बाद पूरा माहौल गमगीन हो गया. परिजनों की चीत्कार से उपस्थित लोगों में से अधिकांश की आंखें नम हो गईं. मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक को भी परिजनों एवं अखबारवालों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. कुछ लोगों ने पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी भी की.
पुलिस की मौजूदगी में ही परिजनों ने सीधे-सीधे प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री पर आरोप लगाया कि यदि इस मंत्री का शह नहीं होता तो आरोपी डॉक्टर पत्रकार की हत्या कराने का हिम्मत नहीं जुटाता. लाश को देखने के बाद ऐसा लगता था कि अपहरणकर्ताओं ने जी भरकर यातना देने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी. अपने सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंचे नौरंगिया के थानाध्यक्ष सुभाष सिंह ने लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया.
ravishankar vedoriya
July 11, 2010 at 1:07 pm
ese sabhi logo ko police ko pakdna chahiye jo is karname ko anjaam de rahe ho
anand sharma
July 11, 2010 at 6:03 pm
Jo mafiya hain vo neta hai or jo neta hai vo mafiya hain. is dohri jaat ne apna swaroop badal liya hai. bus ab ye khadi ke ander chipkar vo sabhi gheenoone krayta kiya karte hain jo abhi khadi nahin odh pay mafiya khuleaam karte hain. enke is kher ka ab koi sthai samadhan nahin bacha hai.
anand sharma
July 11, 2010 at 6:39 pm
Jo mafiya hain vo neta hai or jo neta hai vo mafiya hain. is dohri jaat ne apna swaroop badal liya hai. bus ab ye khadi ke ander chipkar vo sabhi gheenoone krayta kiya karte hain jo abhi khadi nahin odh pay mafiya khuleaam karte hain. enke is khel ka ab koi sthai samadhan nahin bacha hai
Avner jos
July 12, 2010 at 9:28 am
Media should carry a campaign like they did for monica lal, or else this will become a trend.
Avner
manav
July 16, 2010 at 7:49 pm
such cases are very high in bihar and U P , reason is ego problem