वीओआई के तीन बड़े विकेट गिरे हैं। आशीष मिश्र, विवेक बख्शी और प्रदीप चौहान ने संस्थान को टाटा बाय बाय बोल दिया है। इनके जाने के पीछे कई कहानियां बताई जा रही हैं। ताजी खबर ये है कि विवेक के इस्तीफा देने से खफा सभी वीडियो एडीटरों और कैमरामैनों ने काम बंद कर न्यूज रूम का वाकआउट कर दिया है। वीओआई पर रिकार्डेड प्रोग्राम दिखाया जाने लगा है। न्यूज रूम में अफरातफरी का आलम है। कुछ लोग इसे वीओआई के लिए बड़ा संकट करार दे रहे हैं। फिलहाल बात की शुरुआत करते हैं आशीष मिश्र के इस्तीफे से। वीओआई, एमपी-सीजी के हेड आशीष ने प्रबंधन द्वारा पत्रकारों के लिए बिजनेस टारगेट फिक्स करने से नाराज होकर इस्तीफा दिया है। आर्थिक तंगी झेल रहे त्रिवेणी प्रबंधन ने अब पत्रकारों को बिजनेस लाने में लगाने का फैसला लिया है।
पिछले दिनों हुई मीटिंग में वरिष्ठ पत्रकारों को खबरों के जरिए बिजनेस लाने का टारगेट दे दिया गया है। वीओआई में कार्यरत उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों एफपीसी (फिक्स प्वाइंट चार्ट) तय करने के लिए चैनल के वरिष्ठ लोगों की मीटिंग हुई। यह मीटिंग बाद में चैनल की आर्थिक स्थिति सुधारने के एजेंडे पर आकर टिक गई। इस मीटिंग में पांचों चैनलों के हेड (नेशनल उर्फ एनसीआर- निशांत चतुर्वेदी, एमपी सीजी- आशीष मिश्र, राजस्थान- भरत जरोलिया, यूपी- अगस्त्य अरुणाचल, पंजाब हरियाणा हिमाचल- प्रदीप शर्मा) के अलावा डायरेक्टर मधुर मित्तल, ग्रुप एडीटर राजेश बादल, सीईओ राहुल कुलश्रेष्ठ, बिजनेस हेड नंदिता कुमार, रीजनल हेड मुकेश कुमार, राहुल ठगेले, अमित सिन्हा आदि मौजूद थे। वीओआई के सभी चैनलों के हेड को अपने इलाके के रिपोर्टरों से महीने में कुल 100 पेड स्टोरीज कराने का लक्ष्य दिया गया। प्रत्येक स्टोरी 15 हजार रुपये की तय की गई। इस प्रकार प्रत्येक चैनल हेड को महीने में अब 15 लाख रुपये जुगाड़ने होंगे।
इसी तरह की एक बैठक भोपाल में मधुर मित्तल और राजेश बादल ने रिपोर्टरों के साथ की। इन रिपोर्टरों को पेड स्टोरीज की जरूरत के बारे में ज्ञान दिया और टारगेट को हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए। सूत्रों का कहना है कि इन्हीं सब बैठकों-प्रकरणों से आहत आशीष मिश्र ने चैनल छोड़ देने का फैसला लिया।
सूत्रों के मुताबिक 19 वर्षों के अपने बेदाग करियर में पत्रकारीय मूल्यों और सरोकारों से समझौता किए बगैर बेस्ट देने वाले आशीष मिश्र के वीओआई से जाने को लेकर कयास रामकृपाल सिंह की विदाई के बाद से ही लगाए जा रहे थे। लेकिन आशीष ने एमपी-छत्तीसगढ़ चैनल लांच करने की जिम्मेदारी निभाई। इस रीजनल चैनल को बेहतर कंटेंट की बदौलत बढिया टीआरपी दिलाने में सफलता पाई। चैनल प्रबंधन के गैर-पेशेवर व्यवहार से दुखी आशीष ने यहां से निकलने में ही भलाई समझी। प्रकरण के बारे में कंपनी का अधिकृत पक्ष जानने के लिए भड़ास4मीडिया की तरफ से जब सीईओ राहुल कुलश्रेष्ठ से संपर्क का प्रयास किया गया। राहुल ने न तो एसएमएस का जवाब दिया और न ही काल रिसीव किया। इस्तीफा देने वाले आशीष मिश्र से भी संपर्क नहीं हो सका।
दूसरी खबर विवेक बख्शी के वीओआई से इस्तीफा देने की है। एसोसिएट मैनेजिंग एडीटर और प्रोडक्शन चीफ विवेक बख्शी के बारे में पता चला है कि प्रबंधन ने उनसे कई वीडियो एडीटरों की छंटनी करने को कहा था। विवेक ने बजाय छंटनी करने के, खुद इस्तीफा देना बेहतर समझा। विवेक के इस्तीफे से नाराज सभी वीडियो एडीटरों और कैमरामैनों ने काम बंद कर दिया और न्यूज रूम से बाहर आ गए। पता चला है कि प्रत्येक सेक्शन में काम ठप होने से चैनल पर देर तक रिकार्डेड प्रोग्राम दिखाया गया। कुछ का यह भी कहना है कि विवेक बख्शी ने इस्तीफा नहीं दिया बल्कि उन्हें निकाला गया है। सूत्रों का कहना है कि विवेक सीईओ राहुल कुलश्रेष्ठ के खास लोगों में से हैं। जो भी हो, लेकिन विवेक की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके जाने की खबर से सभी वीडियो एडीटर और कैमरामैन काम छोड़कर बाहर आ गए हैं।
तीसरा विकेट प्रदीप चौहान का गिरा है। सूचना के मुताबिक वीओआई के रिसर्च सेक्शन में सीनियर पोजीशन पर कार्यरत प्रदीप चौहान ने भी वीओआई को टाटा बाय बाय बोल दिया है।
एक सूचना यह भी है कि इंडिया शाइन, गुड़गांव ने वीओआई को किराए पर दी गई सभी ओबी वैन को वापस ले लिया है। इंडिया शाइन ने यह कदम बकाया भुगतान न होने से उठाया है। इस कंपनी ने पहले भी वीओआई को समय पर भुगतान न होने के चलते चेतावनी दी थी पर उस समय बीच-बचाव के जरिए मामला सुलझा लिया गया। अब जबकि किराया काफी अधिक हो गया था और भुगतान की स्थिति नहीं दिख रही थी तो कंपनी ने ओबी वैन विथड्रा करने का फैसला ले लिया। हालांकि इस खबर की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।