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निगरानी के दायरे में 300 टीवी चैनल

टीवी चैनलों पर अश्लील, भद्दे, भड़काऊ, हिंसात्मक कार्यक्रम, खबरे और विज्ञापन दिखाना अब आसान नहीं होगा। सरकार ने टीवी चैनलों के कार्यक्रमों और विज्ञपनों की निगरानी का दायरा बढ़ा दिया है। चैनलों की निगरानी करने वाले सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत गठित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मानिटरिंग सेंटर अब 300 टीवी चैनलों की निगरानी चौबीसों घंटे करेगा। अभी तक यह सेंटर 150 चैनलों की ही निगरानी करता था लेकिन इनकी संख्या बढ़ने के चलते मंत्रालय ने दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। यही नहीं, मंत्रालय ने इसे और मजबूत बनाने के लिए पुख्ता पहल की है।

<p align="justify">टीवी चैनलों पर अश्लील, भद्दे, भड़काऊ, हिंसात्मक कार्यक्रम, खबरे और विज्ञापन दिखाना अब आसान नहीं होगा। सरकार ने टीवी चैनलों के कार्यक्रमों और विज्ञपनों की निगरानी का दायरा बढ़ा दिया है। चैनलों की निगरानी करने वाले सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत गठित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मानिटरिंग सेंटर अब 300 टीवी चैनलों की निगरानी चौबीसों घंटे करेगा। अभी तक यह सेंटर 150 चैनलों की ही निगरानी करता था लेकिन इनकी संख्या बढ़ने के चलते मंत्रालय ने दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। यही नहीं, मंत्रालय ने इसे और मजबूत बनाने के लिए पुख्ता पहल की है।</p>

टीवी चैनलों पर अश्लील, भद्दे, भड़काऊ, हिंसात्मक कार्यक्रम, खबरे और विज्ञापन दिखाना अब आसान नहीं होगा। सरकार ने टीवी चैनलों के कार्यक्रमों और विज्ञपनों की निगरानी का दायरा बढ़ा दिया है। चैनलों की निगरानी करने वाले सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत गठित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मानिटरिंग सेंटर अब 300 टीवी चैनलों की निगरानी चौबीसों घंटे करेगा। अभी तक यह सेंटर 150 चैनलों की ही निगरानी करता था लेकिन इनकी संख्या बढ़ने के चलते मंत्रालय ने दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। यही नहीं, मंत्रालय ने इसे और मजबूत बनाने के लिए पुख्ता पहल की है।

सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मानिटरिंग सेंटर का बजट भी बढ़ा दिया है। 2009-10 में इसके लिए 2.18 करोड़ रुपए दिए गए थे लेकिन इस अब तिगुना यानी 6.28 करोड़ कर दिया है। सरकार ने टीवी चैनलों की निगरानी का तरीका पूरी तरह हाइटेक बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए कई अत्याधुनिक उपकरण और एंटीना भी विदेश से मांगने का प्रस्ताव है। यह निगरानी केंद्र सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अलावा कैबिनेट सचिवालय व सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मांगी जाने वाली विशेष रिपोर्ट भी तैयार करता है। इसकी शुरूआत जून, 08 में हुई थी।

अभी तक प्रमुख चैनलों की निगरानी होती है। मंत्रालय को सूचना मिली है कि कई विदेशी और क्षेत्रीय चैनल भी केबल टीवी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए गलत कार्यक्रम पेश कर रहे हैं। इन्हें अब निगरानी के दायरे में लाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि टीवी चैनलों के कार्यक्रमों की विषयवस्तु को लेकर मंत्रालय काफी सतर्क है। हाल ही में मंत्रालय ने फैशन टीवी के प्रसारण पर अश्लील दृश्य दिखाने पर प्रतिबंध लगाया है। एमटीवी और यूटीवी बिंदास चैनल को उनके रियलिटी शो में अश्लील, भद्दे दृश्य और भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में कारण बताओ नोटिस भेजा है। आने वाले दिनों में मंत्रालय द्वारा इस दिशा में कुछ और पहल करने की संभावना है।

नईदुनिया में धीरज कनोजिया की रिपोर्ट

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0 Comments

  1. rinku

    March 27, 2010 at 2:26 pm

    sar kya lokal news par vi nakel kasega?

  2. जीत भाटी

    March 27, 2010 at 9:22 pm

    देर आये दुरुस्त आये 🙂
    बस अब देखना ये है की इसका कितना सख्ती से पालन होता हैं, या भी ये भी लाल फीता शाही की परिधि में ही कद होकर रह जाएगी?

  3. Amresh srivastava

    March 28, 2010 at 11:37 am

    देर आये दुरुस्त आये

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