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सुभाष गु्प्ता ने वीओआई छोड़ा, जी ज्वाइन करेंगे

सुभाष गुप्तावीओआई के उत्तराखंड राज्य हेड सुभाष गुप्ता ने संस्थान से इस्तीफा दे दिया है. खबर है कि वे जी न्यूज के यूपी-उत्तराखंड चैनल के उत्तराखंड प्रभारी के रूप में ज्वाइन करने वाले हैं.

सुभाष गुप्ता

सुभाष गुप्तावीओआई के उत्तराखंड राज्य हेड सुभाष गुप्ता ने संस्थान से इस्तीफा दे दिया है. खबर है कि वे जी न्यूज के यूपी-उत्तराखंड चैनल के उत्तराखंड प्रभारी के रूप में ज्वाइन करने वाले हैं.

सुभाष वीओआई के पहले सहारा समय न्यूज चैनल के लिए उत्तराखंड ब्यूरो चीफ के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने दो दशक तक अमर उजाला को अपनी सेवाएं दीं और इस दौरान अखबार के लिए बरेली, मेरठ व देहरादून जैसे शहरों में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे.

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0 Comments

  1. Praveen Bhatt

    February 4, 2010 at 12:45 pm

    subash g aapko bahut bahut badhai, jamkar kehlo ab Zee news ki pitch par, aapke phono aur live ka intajaar hai

  2. pankaj srivastava

    February 3, 2010 at 5:44 am

    सुभाष जी बहुत अच्छा लगा ये सुनकर कि आप एक टुच्चे संस्थान को छोड़कर ज़ी जैसे बड़े संस्थान से जुड़ रहे हैं … मेरी तरफ़ से आपको हार्दिक बधाई … शायद आपको मालूम नहीं जब आप उत्तराखंड के ब्यूरो चीफ़ थे और मैं लेट नाइट बुलेटिन सहारा समय उ.प्र. में पढ़ता था तब हमारी आपकी बातें फोन या कभी कभी लाइव होती थी … आपकी तरक्की के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा …

    धन्यवाद, हार्दिक बधाई
    पंकज श्रीवास्तव

  3. hridaya vishal

    February 3, 2010 at 10:29 am

    many many congratulations app humesha asay hei trakki karta rahen.

  4. vikash singh

    February 3, 2010 at 12:28 pm

    best of luck subhash sir.lage rahea.aaphe ka sikka chamkdar hai

  5. bhim manohar

    February 3, 2010 at 12:30 pm

    ishwar aap ko kabhi voi jaise pareshani na de , aap ke rashte hamesha aap ki manzil tak pahunche…
    b.manohar
    voi tv bareilly.
    09359139815

  6. Syed Athar

    February 3, 2010 at 1:11 pm

    Subhash ji ko Z news join karne par badhai

  7. Deepak Agrawal

    February 3, 2010 at 4:07 pm

    सुभाष जी बहुत अच्छा लगा कि आप ज़ी से जुड़ रहे हैं … मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई …

  8. shiva aggarwal

    February 3, 2010 at 4:23 pm

    सर आपको नई पारी के लिए बधाई। इससे पहले आपका वह लेख पढ़ा जिसमें आपने मीडिया की उस सच्चाई को उजागर किया जिससे हम रोजना दो चार होते हैं। पूंजीपतियों की बपौति बनी पत्रकारिता ने न जाने कितने लोगों के कैरियर को तबाह कर दिया तथा न जाने कितने वो लोग आबाद हुए जो चैनलों की आईडी थामकर तथा एक सुंदरी को पिछे बैठाकर पीत पत्रकारिता करते हैं। आज यह सब लिखने का मन इसलिए कर गया कि जिस वॉयस ऑफ इण्डिया चैनल से सुभाष सर ने रिजाईन दिया मैं भी उसका एक हिस्सा रहा। आज एक बार फिर वह सब याद आ गया जिसे मैं कभी याद नहीं करना चाहता पर सच्चाई से फिलहाल नहीं भागूंगा। त्रिवेणी के बैनर तले वीओआई की लॉच होने की खबर काफी समय से चर्चा में थी सबको लांचिंग का इंतजार था और मुझे भी क्योंकि हरिद्वार से मैने न्यूज 24 छोड़कर इसमें ज्वाइन किया था। परन्तु नेच्चनल चैनल के लांच होने के बाद रिजनल तक जो कुछ इसमें घटा उसको तो खैर बयां करने की जरूरत नहीं जसवंत भाई सबकुछ लिख चुके हैं। पत्रकारिता में मेरा अनुभव लगभग एक दच्चक का हो चुका है परन्तु बिते दो सालों ने ऐसा कटु अनुभव दिया कि मुझे लगने लगा कि काच्च मैं पत्रकारिता में आया ना होता। प्रिंट मीडिया से टीवी पत्रकारिता में कदम रखने के बाद पता चला कि किस प्रकार यहां शोषण होता है। स्ट्रिंगर किसी भी खबरिया चैनल की रीढ़ होता है परन्तु ÷हम खबर हैं बाकी सब भ्रम’ का स्लोगन खबरों पर नहीं तो इसमें काम करने वालों पर जरूर सटीक बैठ गया। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि चैनल में सैलरी को लेकर हड़ताल तक हुई तथा काम बंद हो गया। निजाम बदले उम्मीदे बदली पर इन उम्मीदों ने भी चंद माह में दम तोड़ दिया। लगभग डेढ वर्ष आच्च्वासन के सहारे बिताये तथा सैकड़ो खबरें भेजने के बाद सैलरी के लाले पड़े। जमीनी सच्चाई तो यह है कि माफिया टाईप के लोग अपनी कारगुजारियों को छिपाने के लिए चैनल या अखबार निकालते है तथा उनकी मंच्चा होती है सिर्फ हम जैसों का शोषण।

  9. Arun

    February 4, 2010 at 8:45 am

    Voice OF India to appne purane saphar pe chal padda he lekin abhi tak yashwant ji ke pass news aaye nahi he shyad ,
    abhi bhi salay ka wahi haal he jo mittal Brs ke time pe tha . bechare employees ka kya kasoor he jo pura month kaam karte he iss umeed ke saath ki maheene ke end me salay milegi lekin sirh unko himaat de jaati he ki kuch dino me mil jayegi . lekin wo kuch din kub aayenge kub aayenge bhi yah nahi .
    .jo iss jahhaj se nikal jaye wahi kismat wala he ………….

  10. k

    February 4, 2010 at 1:00 pm

    सुभाष जी नवजीवन की आपको बधाई।

  11. manohar

    February 4, 2010 at 2:03 pm

    aap sahi mayane me ek jounalist hai , kyoun aap me sach bolne ki himmat hai ,
    yeh wajah hai , voi wale chahkar bhi aap ko nikal nahi paye , aap jahan bhi jayenge wah chaman me phul jarur khilenge.
    tcare subhas jee…………………

  12. manoj mishra senior correspondent HINDUSTAN agra

    February 4, 2010 at 3:41 pm

    subhash bhai nai pari se liye badhai

  13. rajeshbharti/dehradun

    February 4, 2010 at 3:43 pm

    good, gupta ji apke profile me ak aur sitara, badhai.

  14. feroz khan

    February 4, 2010 at 4:43 pm

    subhash sir, apmen himmat hai jazba hai aapne V.O.I. ke zamini logo ke liye sachhai bayan ki usse sare patrakaron ko ek himmat mili thi.Ab apki agli pari ke liye aapke sabhi shubh chintk aapko badhai dete hain. aur dua karte hai ki aapko aur himmat mile ki sachhi bat ke liye hamesha jane jayen.
    feroz khan-4feb.\ farrukhabad

  15. aasaf absr

    February 5, 2010 at 8:36 am

    aap ne bahut hi accha kiya

    aasaf absar

  16. harish

    February 5, 2010 at 5:38 pm

    sir
    bahut accha laga. kafi lambe samay ke baad aapke baare me pata chala. bahut khushi ki baat hai.

  17. harish

    February 5, 2010 at 5:40 pm

    bahut accha laga.

  18. SUBHASH GUPTA

    February 6, 2010 at 2:09 am

    आपकी ये टिप्पणियां मुझे अहसास कराती रहेंगी कि वक्त कैसा भी हो दोस्त साथ नहीं छोडते। बहुत सारे ख्वाब थे, ढेर सारी उम्मीदें थीं, लेकिन किसी लाटरी की तरह सब कुछ अनायास ही पा लेने का सपना नहीं देखा था। ख्वाबों को हकीकत में बदलने के लिए दिन रात भरपूर कोशिश भी की, लेकिन हमेशा वह कहां होता है, जो हम सोचते हैं। वी ओ आई में भी सारे साथियों और वरिष्ठों का बहुत प्यार मिला। पर सिर्फ प्यार से भी जिन्दगी नहीं चलती।
    एक उम्मीद भी थी कि शायद जल्द सब ठीक हो जाएगा और ये भी सोचता था कि बुरे वक्त में किसी का साथ नहीं छोडना चाहिए। लेकिन जिंदा रहने की जरूरी जरूरतें आखिर कोई कब तक टाली जा सकती है…। इन नए सफर के पहले पायदान पर आपने मुझे जितना प्यार दिया है, उससे मेरी हिम्मत और बढी है….आज फिर मुझे लगने लगा है कि मैं गलत नहीं था, जब ये सोचता था कि मैं अकेला नहीं हूं…
    आपके इस स्नेह और मार्गदर्शन के लिए दिल की गहराइयों से आपका आभारी हूं। अपनी सामर्थ्य के अनुसार पूरी कोशिश करूंगा कि आपकी इन पाक़ उम्मीदों पर सौ फीसदी खरा उतरूं…
    सुभाष गुप्ता

  19. Deepak Gupta

    February 6, 2010 at 3:09 pm

    सुभाष सर ये जानकर ख़ुशी हुई की आप जी न्यूज़ में जा रहे है… अच्छा ही है. वोइस वालों से दूर होना , नहीं तो ये चिल्लाते रहेंगे….. मेरी शुभकामनाएं आपके साथ है…

  20. virendra gupta mirzapur A2Z news channel

    February 12, 2010 at 12:48 pm

    BEST OF LUCK

  21. abhay pratap

    February 18, 2010 at 4:44 am

    subhash ji zee u.p mei bahut khatarnaak log hai. jab tak WOH zee u.p mei rahega tab tak zee u.p/ukd ka bhala nahi ho sakta..!

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