बीसवां उमेश डोभाल स्मृति समारोह 25 मार्च को पौड़ी में आयोजित किया जा रहा है. पत्रकार उमेश डोभाल की 25 मार्च 1988 को पौड़ी शहर में शराब माफिया ने हत्या कर दी थी. शुरू में उनकी हत्या की बात गुमशुदगी में टाल दी गई थी, लेकिन बाद में पत्रकारों के तीव्र विरोध और आन्दोलन के बाद मामला सीबीआई के हवाले हुआ और हत्यारे कानून के शिकंजे में फंस सके.
उमेश की हत्या के बाद देश भर में पत्रकारों ने अभूतपूर्व एकजुटता दिखाई. उमेश डोभाल के नाम पर बना ट्रस्ट अब तक उमेश की मशाल को उठाये रखने की कोशिश में जुटा हुआ है. ट्रस्ट की ओर से अब तक एक वरिष्ठ रचनाकार को उसके काम के लिए उमेश डोभाल स्मृति सम्मान से और 35 वर्ष से कम उम्र के एक युवा पत्रकार को उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता था.
उमेश डोभाल ट्रस्ट के संस्थापक, उत्तराखण्ड के अग्रणी पत्रकार और जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र रावत राजू का दिसम्बर 2009 में असामायिक निधन होने के बाद इस वर्ष से उनकी स्मृति में ट्रस्ट ने राजेन्द्र रावत जन सरोकार सम्मान भी शुरू किया है. इस वर्ष से इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए भी एक पुरस्कार शुरू किया गया है.
वर्ष 2010 का उमेश डोभाल स्मृति सम्मान राजेन्द्र रावत को मरणोपरान्त और 2010 का पहला राजेन्द्र रावत सरोकार सम्मान व्योवृद्व सर्वोदय कार्यकर्ता मान सिंह रावत को दिया जा रहा है. उमेश डोभाल स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार सीताराम बहुगुणा को और इलेक्ट्रानिक मीडिया पुरस्कार गणेश रावत को दिया जा रहा है. 25 मार्च को होने वाले आयोजन में ‘प्रायोजित पत्रकारिता और मीडिया की साख’ विषय पर एक परिचर्चा भी होगी.
गोविन्द पन्त राजू
अध्यक्ष
उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट