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एंकर हंट का नाटक

एक जाने माने खबरिया चैनल का जाना-माना एंकर अपने लिए टाई ढूंढने में बेहद व्यस्त है। उसे अपने सूट पर सबसे अधिक फबने वाली ‘टाई’ खोजे नहीं मिल पा रही है। यहां तक कि टाई के विकल्प दिखाने वाली लड़की को भी टाई पसंद करवाते-करवाते पसीना आ जाता है। आखिर बड़ी बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सर्वोचित टाई मिल ही जाती है। यह किसी खबरनवीस की निजी ज़िदगी के स्टिंग का हिस्सा नहीं, बल्कि एक विज्ञापन है जो ‘स्टार एंकर’ खोज के प्रचार के तहत दिखाया गया। इसी अभियान के एक दूसरे विज्ञापन में एक अभिनेत्री अपने मन मुताबिक ‘परफैक्ट शाट’ नहीं दे पा रही है।

<p style="text-align: justify;">एक जाने माने खबरिया चैनल का जाना-माना एंकर अपने लिए टाई ढूंढने में बेहद व्यस्त है। उसे अपने सूट पर सबसे अधिक फबने वाली ‘टाई’ खोजे नहीं मिल पा रही है। यहां तक कि टाई के विकल्प दिखाने वाली लड़की को भी टाई पसंद करवाते-करवाते पसीना आ जाता है। आखिर बड़ी बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सर्वोचित टाई मिल ही जाती है। यह किसी खबरनवीस की निजी ज़िदगी के स्टिंग का हिस्सा नहीं, बल्कि एक विज्ञापन है जो 'स्टार एंकर' खोज के प्रचार के तहत दिखाया गया। इसी अभियान के एक दूसरे विज्ञापन में एक अभिनेत्री अपने मन मुताबिक ‘परफैक्ट शाट’ नहीं दे पा रही है।</p>

एक जाने माने खबरिया चैनल का जाना-माना एंकर अपने लिए टाई ढूंढने में बेहद व्यस्त है। उसे अपने सूट पर सबसे अधिक फबने वाली ‘टाई’ खोजे नहीं मिल पा रही है। यहां तक कि टाई के विकल्प दिखाने वाली लड़की को भी टाई पसंद करवाते-करवाते पसीना आ जाता है। आखिर बड़ी बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सर्वोचित टाई मिल ही जाती है। यह किसी खबरनवीस की निजी ज़िदगी के स्टिंग का हिस्सा नहीं, बल्कि एक विज्ञापन है जो ‘स्टार एंकर’ खोज के प्रचार के तहत दिखाया गया। इसी अभियान के एक दूसरे विज्ञापन में एक अभिनेत्री अपने मन मुताबिक ‘परफैक्ट शाट’ नहीं दे पा रही है।

आश्चर्यजनक रूप से डायरेक्टर भी बड़े ही शांत और सरल स्वभाव से अपने टेप की रील और समय की परवाह किए बिना बार-बार अभिनेत्री को रीटेक देने की अनुमति दे रही है। एक लम्बी कट और रीटेक की श्रंखला के बाद वह आखिर अपने मन मुताबिक शाट देने में सफल होती है। तीसरे विज्ञापन में युवा वर्ग में लोकप्रिय अंग्रेज़ी का लेखक भी सर्वोपयुक्त पंक्ति को लिखने की जद्दोजहद में लगा है। कई पन्ने फाड़ कर फेंक चुका है लेकिन सही वाक्य, भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए सही शब्द नहीं ढूंढ पा रहा है। बड़े सोच विचार और जतन के बाद लेखक भी अपने लक्ष्य में सफल होता है।

इन तीनों विज्ञापनों के अंत में ‘टैग लाइन’ यानि ध्येय वाक्य गूंजता है, ‘कुछ ऐसे ही लाखों में से एक चुना जाएगा ‘स्टार एंकर’। यह तीनों विज्ञापन स्टार न्यूज़ के उस कार्यक्रम के प्रचार अभियान का हिस्सा हैं जिसमें कथित रूप से देष के सर्वश्रेष्ठ ऐंकर चुना जाएगा। टेलीविज़न के इतिहास में पहली बार सार्वजनिक रूप से किसी खबरिया चैनल के एंकर की खोज हो रही है।

प्रथम दृष्टि में यह बहुत सराहनीय प्रयास लगता है कि किसी खबरिया चैनल ने सार्वजनिक रूप से चयन का साहस तो दिखाया! नहीं तो आज पत्रकारिता करने वाले चैनल इस कदर भाई- भतीजेवाद में लिपटे हैं कि कब पद खाली होते हैं और कब और कैसे भर जाते हैं, बाहर वालों को कानों कान पता नहीं चलता। लेकिन इस खोज अभियान के विज्ञापन विरोधाभासों से भरे हैं। इस कार्यक्रम के विज्ञापन कुछ ऐसा संदेश देते दिख रहे हैं कि एंकर बनने के लिए ‘टाई’ और आपकी वेश-भूषा सबसे महत्वपूर्ण है। अखबार और किताबें पढ़कर आने की कोई ज़रूरत नहीं है। टीवी पर एंकर जो बोलेगा वो रिकॉर्डिड होगा, कितने भी रीटेक दिए जा सकते हैं। स्क्रिप्ट लिखने के लिए आपके पास पर्याप्त समय की आजादी होगी, चाहे कितने भी पन्ने फाड़ कर फेंकिए!!

टीवी के ग्लैमर के मारे, भोले भाले, बेचारे प्रतियोगी इसी भुलावे में कार्यक्रम में शामिल होने की आस लिए पहुंच गए ऑडिशन देने और बाद में चैनल ने उनकी नादानी और गफलत का फायदा उठाया और एंकर हंट कम हास्य कार्यक्रम तैयार कर दिया। हास्य कार्यक्रम इसलिए क्योंकि आधे से अधिक समय पर पार्श्व में प्रतिभगियों के उत्तर पर हंसी गूंजती रहती है। हास्यप्रद धुन बजाई जाती है। लेकिन यह बेशर्मी से हंसने की नहीं, बेहद अफसोस की बात है कि देश के भावी कर्णधारों के एक बड़े हिस्से को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के नाम भी नहीं पता!

इस कार्यक्रम से कई तरह के सवाल उठते हैं। सबसे बड़ा प्रश्न तो यह उठता है कि हिंदी खबर जगत का एक बड़ा चैनल पत्रकारिता के आधारभूत सिद्धांतों और उसकी गरिमा के उत्तरददायित्व के प्रति कितना गंभीर है? अगर अपना उत्तरदायित्व वाकई समझा होता तो इस कार्यक्रम के लिए जजों का चयन सोच समझ कर किया होता। जजों में हिन्दी खबरिया चैनलों का एक जाना-माना पत्रकार और एंकर भी शामिल है। लेकिन ज्यूरी में किसी प्रबुद्ध और वरिष्ठ पत्रकार जज की कमी खलती है।

अगर कोई एक वरिष्ठ पत्रकार भी ज्यूरी में शामिल होते तो यह गंभीर और ईमानदार प्रयास लगता। भाषा ज्ञान, उच्चारण और उसके सही प्रयोग को लेकर कहीं कोई चिंता नही दिखाई देती। हां, युवा वर्ग को संबोधित करते चेतन भगत जी के लेख ज़रूर अंग्रेजी अखबारों में रविवार को छपे थे। ऐंकर हंट की वेबसाइट पर लिखा हुआ है कि माननीया जज साहिबा भी अपने समय की अंग्रेजी साहित्य की टॉपर रहीं हैं। अभिनय क्षेत्र में उनके प्रदर्शन और उनकी निजी ज़िंदगी पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा लेकिन अधिक से अधिक प्रतिभागियों को आकर्षित करने के सिवाय उनका कोई औचित्य समझ नहीं आता। उनकी जगह यदि स्टार न्यूज अपनी किसी महिला एंकर को जज बनने लायक समझता और जज के पद से सम्मानित करता तो मीडिया में महिलाओं की स्थिति पर रोने वाले भी कुछ देर के लिए चुप हो जाते।

प्रतियोगिता में ज्यूरी में शामिल लोकप्रिय एंकर कहते हैं कि एक एंकर के लिए सबसे ज़रूरी है ‘प्रजेंस ऑफ माइंड’। उनके अनुसार धाराप्रवाह बोलने की कला महत्वपूर्ण है। बिल्कुल ठीक फरमाया, लेकिन यह तो मानना ही पड़ेगा कि अगर व्यक्ति के अनुभव का दायरा संकुचित हो और उसे घटना को अगला-पिछला और उसके प्रभाव का क्षेत्र नहीं पता होगा तो कैसे वह धाराप्रवाह बोल सकता है? ऐसे व्यक्ति से ऊटपटांग बातों और बेतुके शब्दों से ज़्यादा और क्या अपेक्षा की जा सकती है? कहा जाता है कि प्रस्तुतकर्ता किसी भी चैनल का खेवनहार होता है। और खबर प्रस्तोता चैनल के खेवनहार के लिए प्रस्तुतिकरण के साथ -साथ विवके, विश्वसनीयता, समसामायिक विषयों की जानकारी और देशकालीन और परिस्थितियों के अनुसार हुई इतिहास की घटनाओं का ज्ञान भी उतना ही आवश्यक है।

उम्मीद है कि अब जो प्रतिभागी चयनित हो गए हैं, वे अपनी ज़िम्मेदारी निभाएंगे और सिर्फ ‘स्टार एंकर’ ही नहीं ‘स्टार पत्रकार’ भी बनेंगे और स्टार न्यूज़ अपने उपर लग रहे उन आरोपों को सिरे से झुठला देगा जिनमें उसकी एंकर खोज को नवोदित पत्रकारों के साथ मज़ाक और मार्केटिंग हथकंडा कहा जा रहा है। (www.firstnewslive.com से साभार)

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वर्तिका तोमर युवा पत्रकार हैं. उन्होंने इसी साल भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) से प्रसारण पत्रकारिता का कोर्स किया है. इस समय वह आकाशवाणी के समाचार प्रभाग में कार्यरत हैं. उनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है.

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0 Comments

  1. Dhananjay

    June 23, 2010 at 10:35 am

    Dear Vartika..
    hw r doing journalism, now a days?
    kindly let me know, thnx

  2. Star Anchor Hunt

    June 23, 2010 at 10:52 am

    Breaking News.
    Akshay Shukla from Raipur has won this hunt.

  3. shailesh

    June 23, 2010 at 10:58 am

    बहुत अच्छा वर्तिका…आपको पता नहीं इस पत्रकार को राम जेठमलानी ने भगा भी दिया है.ये नकलची है…..बहुत सुंदर लेख

  4. kalamkaar

    June 23, 2010 at 11:12 am

  5. avinash

    June 23, 2010 at 12:30 pm

    Yash want bhai ye sab drama hai kyunki desh me saykdo journlism ke School chal rahe hai bachche padkar nikal apne liy naukriya talash rahe hai unko koi dekhne wala nahi hai star anchor hunt sirf inretainment ki tarj par ek programe tha jaise comedy circus,rakhi sawant ka var ko dhoondna,rahul mahajan ka patni ko dhoondna bas aur kuch nahi agar aapko waqai me kisi ka bhala karna ho to un bacho se jakr miliy jinke mata-pita ne loan lekar unko journlism karaya fir bhi wo berozgar hai bat aap kar rahe hai anchor ki aur jo subah se sham reporting karte hai unka kya anchor ke samne screen hoti hai reporter ke samne kya hota hai fir bhi hard covrege par usko phono,live,chat karni hoti mai chaurasiya sahab se poochna chahta hu ki aakhir jo yuva pidhi aapko apna aadarsh man rahi hai usko aap ayse dhoka kaise de sakte hai kya bas jugad,reshtedari,aur star hunt jaise programe se hi berozgaro ko naukri milegi kuch sochiy mahoday……………………………………………

  6. ajoy benerjee.

    June 23, 2010 at 5:31 pm

    sab bakwaas hai anchor hunt…jo kuch achche anchor ismein gaye the kisi aur channel se unko pehle hi nikal diya gaya…samjha jaa sakta hai ki kya dhoond rahe hain…aur kya nikalenge…dhakosla hai sab…

  7. Nalini Tewari Rajput

    June 23, 2010 at 5:49 pm

    वर्तिका अच्छा प्रयास है लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि तिस्का स्टार न्यूज में ही कुछ साल पहले एंकर थीं और इन दिनों जूम टीवी पर चलने वाले एक बेहतरीन शो की एंकर हैं। जहां तक कि वरिष्ठ पत्रकार की बात है वो हर आदमी का व्यक्तिगत नजरिया होता है लेकिन इस समय हिंदी टीवी चैनलों में सबसे लोकप्रिय और वरिष्ठ चेहरा शायद दीपक चौरसिया ही है। gud n keep writing…

  8. Rajnish Chauhan

    June 23, 2010 at 6:06 pm

    vartika ji.. its a good conclusion you have made in your article. because its not a anchor finding but its really near a fact, figure and originality, which recqurires capability and ability. All you desrve thats why you have came to this conclusion.. its really appreciating because in regard of news channel they always make question marks on others channel real live shows… and on other hand what they are doing..

  9. umang misra

    June 23, 2010 at 6:30 pm

    सच जानना हो तो मीडिया के बाहर के लोगों से पूछिए…जिन लोगों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बहुत बड़ा नाम समझा जाता है..आम दर्शक नफरत करता है उनसे…उनकी जिन अदाओं की चर्चा टीवी चैनलों में की जाती है उसी से चिढ़ते हैं लोग सबसे ज्यादा,,,कानों को चुभने वाली आवाज़ में ऊट-पटांग लगातार बोलते रहना धाराप्रवाह संभाषण का प्रमाण मान लिया गया है…”ज्ञान” शब्द जहां व्यंग के लिए प्रयुक्त होता हो वहां कैसे लोग सुपरहिट होंगे,अनुमान लगाया जा सकता है…इलेक्ट्रॉनिक मीडिआ में वो राजा है जिसका माहौल बन गया है,वो माहैल जो खुद इसी माध्यम के लोगों ने बनाया है…आम जनता की इसमें कोई भागीदारी नहीं…

  10. RAKESH

    June 24, 2010 at 3:48 am

    NICE a true xplaination

  11. tanmay

    June 24, 2010 at 4:16 am

    kyu chaurasia ne aapka selection nahin kiya es liye bhadas nikal rahi ho kya?

  12. sheikhirfan

    June 24, 2010 at 4:19 am

    dear vartika,

    change is the way of the world,earlier we had leaders like sardar patel and mahatma gandhi today we have praful patel and varun gandhi so big deal things are changing and so the concept of news is also changing.

    we have to sho wwhats happening in the society, thats it.journalists are like mirror they have to reflect what they see.the attempt of star is at least getting young crowd do serious business of anchoring and reporting.if dipak chaurasia gets senior journalist with him the lime light would shift to the senior guy why would dipak do it.Rajat sharma,kuldeep nayar or karan thapar and vinod dua are all seasoned guys in the world of television news.Dibang has become a part of star news now and lets see who performs better.Uday Shankar is definitely a smart player.Best of luck

  13. deepak

    June 24, 2010 at 9:42 am

    good article but i wnt to say that any how this a new begining and star has given a platform for the aspiring canditates.

  14. कुलदीप सिसोदिया

    June 25, 2010 at 7:09 am

    सच को कितना भी चिल्ला कर कह लीजिए …. पर सच सुनने वाले इस दुनिया मे कम ही लोग मिलेंगे … वर्तिका जी कलम चलाती रहिए…..

  15. vivek tiwari swtantra mat jabalpur

    June 25, 2010 at 11:39 am

    well done bahut acha lekha hai anchor mein gyan jarure baad mein voice .better write them.

  16. preetam singh

    June 25, 2010 at 2:51 pm

    chetan bhagat ko 3 idioots se pehle jaantaa kaun tha ,bhala ho aamir khan ka jo usne is vivaad ko hawaa dekar ek gumnaam aadmi ko pehchaan di…………

  17. ravindra vikram singh

    June 26, 2010 at 1:50 pm

    nice work buddy! keep it up! hope to see more of you!

  18. arvind jain

    June 27, 2010 at 6:28 am

    aapne jo kuch kaha wo satya tha main jab atar anchor hunt main gaya to waha dekha k jitne log select huye hain wo kisi na kisi ki jaan pehchan ke hi the aur jo acche anchor auditiobn dene gaye the unhe to audition main bhi nahi dikhaya gaya jabki wo last 3 round peace to camera main bhi select the to inse kaun puchega ki agar maine accha audition nahi diya tha to mujhe 3 round tak select kyon kiya wo jaante the ki ye hamare milne wale nahin hai aur inhe agar tv par dikha diya audtion dete huye to janta sawal bhi kar sakti hai waise kuch bhi ho mere hisab se ye sabhi nautanki hai jiski wajah se ye channel ki TRP badhana chahte hain kyonki khabre to ye dikha nahin paate to ye nautanki hi sahi

  19. Dhanish srivastava

    June 29, 2010 at 12:39 pm

    Behtareen lekh hai.. Star ke is Nautanki se media ke chavi haasyapad ho rahe hai.. lakho yuvao ko glamour ka jhoota khwab dikh raha hai.. naujawan is glamour ke chahat mai journalism ka course karke aisa he banne ka sochte hai.. jab field mai nikalte hai to bina jack ke unhe haasil kuch bhe nahe hota..
    Star anchor to chodiye kise local akhabar mai Stringer bhe nahe ban pate..
    Khawab toot jate hai.. Kabiliyat dhare reh jate hai.. yuva tension aur depresion ke shikar ho jate hai.. yahe halat aur jimmedariyo ka bojh apne charam pe aatmhatya tak pahuch jate hai..
    Aise jhoote Glamour ko badhawa dene walo per sakht rok lagni chahiye..
    D.k srivastava, journalist, :Lucknow.

  20. akash singh

    June 29, 2010 at 1:28 pm

    star ne un logo ko bulaya jo media field se nahi ,jo log mass comm kiye hai wo logo ko call he nahi kiya gaya, ye sab TRP ke Lia Kiya gaya tha,

  21. sarv

    July 2, 2010 at 9:41 am

    contest thik hai but shuruaat mai chunane ka tarika galat hai……
    koi journalist jarur hona chahiye….

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