कोलकाता : आल इंडिया कौमी एकता मंच की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को कौमी एकता सम्मान प्रदान किया गया। हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आलोचक व भारतीय भाषा परिषद के निदेशक डॉ.विजय बहादुर सिंह एवं उर्दू साहित्य में योगदान के लिए शायर मुनव्वर राना को सम्मानित किया गया।
प्रख्यात आलोचक और कवि डॉ.विजय बहादुर सिंह की नागार्जुन का रचना संसार, ‘नागार्जुन संवाद, कविता और संवेदना, समकालीनों की नजऱ में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, उपन्यास: समय और संवेदना, महादेवी के काव्य का नेपथ्य आदि आलोचना पुस्तकें तथा मौसम की चिट्ठी, पतझड़ की बांसुरी, पृथ्वी का प्रेमगीत, शब्द जिन्हें भूल गयी भाषा तथा भीम बेटका काव्य कृतियां प्रकाशित हैं।
आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी की जीवनी आलोचक का स्वदेश एवं शिक्षा और समाज सम्बंधी कृतियां आओ खोजें एक गुरु और आजादी के बाद के लोग भी उनकी चर्चित पुस्तकें हैं। भवानी प्रसाद मिश्र, दुष्यंत कुमार और आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी की ग्रंथावलियों का संपादन उन्होंने किया है। जबकि प्रख्यात उर्दू शायर मुनव्वर राना की मां, गज़ल गांव, पीपल छांव, बदन सराय, नीम के फूल, सब उसके लिए, घर अकेला हो गया, कहो जिल्ले इलाही से, बग़ैर नक्शे का मकान, फिर कबीर आदि कृतियां प्रकाशित हैं। देश विदेश के मुशायरों में काव्यपाठ के लिए विशेष तौर पर जाने जाते हैं।
पत्रकारिता के लिए पं. आनंद मोहन जुत्शी गुलजार देहलवी, कला एवं संस्कृति में योगदान के लिए रमनजीत कौर तथा समाज सेवा के लिए आनंद लोक अस्पताल के देव कुमार सराफ को केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुल्तान अहमद के हाथों यह प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम शनिवार को कला मंदिर में आयोजित था। इस अवसर पर अखिल भारतीय कवि-सम्मेलन व मुशायरा भी हुआ। मंच के महासचिव आफताब अहमद खान ने सम्मानित लोगों का परिचय कराया।
sushil Gangwar
May 12, 2010 at 8:17 am
Aap sabhi logo hardik badhaai ho .
http://www.sakshatkar.com
ruby
May 17, 2010 at 6:13 am
munnavvar bhai ko aur sabhi samman prapt suyog sathiyo ko meri hardik shubkamnaye aur badhaiya