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सम्मान

नभाटा, मुंबई के विमल को काका कालेलकर पुरस्कार

[caption id="attachment_17036" align="alignleft" width="85"]विमलविमल[/caption]नवभारत टाइम्स, मुम्बई के चीफ रिपोर्टर विमल मिश्र को महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी का काका कालेलकर प्रथम पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। अकादमी ने बुधवार को पुरस्कारों की घोषणा की। रिपोर्ताज श्रेणी में 35 हजार रुपए का पुरस्कार विमल मिश्र को रेलवे पर लिखी अनूठी किताब ‘मुम्बई लोकल’ के लिए दिया जायेगा। यह किताब रेल मंत्रलाय के निर्देश पर पश्चिम रेलवे ने छापी है और रेल पर यह एक अपनी तरह का पहला आधिकारिक ग्रंथ है।

विमल

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नवभारत टाइम्स, मुम्बई के चीफ रिपोर्टर विमल मिश्र को महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी का काका कालेलकर प्रथम पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। अकादमी ने बुधवार को पुरस्कारों की घोषणा की। रिपोर्ताज श्रेणी में 35 हजार रुपए का पुरस्कार विमल मिश्र को रेलवे पर लिखी अनूठी किताब ‘मुम्बई लोकल’ के लिए दिया जायेगा। यह किताब रेल मंत्रलाय के निर्देश पर पश्चिम रेलवे ने छापी है और रेल पर यह एक अपनी तरह का पहला आधिकारिक ग्रंथ है।

मडगांव के माधव पंडित को महाराष्ट्र भारती अखिल भारतीय हिन्दी सेवा पुरस्कार और चैन्ने के बालशौरी रेड्डी को राममनोहर त्रिपाठी अखिल भारतीय हिन्दी सेवा का एक लाख का पुरस्कार मिलेगा। 51 हजार रुपए का राज्य स्वर्ण जयंती विशिष्ट सम्मान चंद्रशेखर धर्माधिकारी, पुष्पा भारती, नंदलाल पाठक, राजेंद्र मेहता, त्रिभुवन राय, सुधाकर मिश्र आदि को दिया गया है। विधा पुरस्कारों में नवभारत टाइम्स के ‘पाकिस्तानामा’ फेम स्तंभकार फिरोज अशरफ और कला समीक्षक मनमोहन सरल का नाम शामिल है।

देश का पहला हिंदी दैनिक माने जाने वाले कोलकाता के ‘भारत मित्र’ के संस्थापक संपादक छोटूलाल मिश्र के वंशज विमल मिश्र बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से एम. कॉम. व बी. जे. करने के बाद वाराणसी के प्रमुख दैनिक ‘आज’ से जुड़े। वे 1987 से नवभारत टाइम्स, मुम्बई में कार्य करते हुए पिछले कई वर्षों से उसके चीफ रिपोर्टर का दायित्व संभाल रहे हैं। उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित विमल का पिछले 20 वर्षों से चल रहा बहुप्रशंसित व बहु पुरस्कृत स्तंभ ‘लोग’ मुम्बई के किसी भी भाषा के अखबार में इतने वर्षों से चल रहा शायद पहला स्तंभ है। मुम्बई के लोकल स्टेशनों पर डेढ़ साल तक चला उनका कॉलम स्टेशननामा भी काफी चर्चित रहा था।

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0 Comments

  1. shubhakar dubey

    March 7, 2010 at 7:01 am

    vimal ko kaka kalelkar purashkar milane par mery hardik shubhkamanayen. chunki vimal ne AAJ mein kafi dinon tak mere sath kam kiya hai atah aaj mujhe bhi garv mahasoos ho raha hai. keep it up vimal.

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