: खुद बेचते हैं विजुअल, दूसरों पर लगा रहे आरोप : बेगूसराय में साधना न्यूज का विजुअल चुराने का दावा करने वाले साधना के रिपोर्टर प्रभाकर का दिमाग खराब हो गया है. भड़ास4मीडिया के जरिए नाम कमाने के लिए इनके द्वारा लगाये गये गलत आरोपों ने बेगूसराय की मीडिया को शर्मसार किया है. जिस विजुअल चोरी का दावा कर रहे हैं, वह विजुअल साधना का था ही नहीं. विजुअल में कहीं साधना का लोगो नहीं है. यही विजुअल आईबीएन7, महुआ, मौर्या और सिटी न्यूज समेत कई अन्य चैनलों ने भी चलाया. तो कहीं प्रभाकर ने अपने चैनल को धोखा देकर विजुअल को दूसरे चैनलों को बेच तो नही दिया? इस पर साधना प्रबंधन को जांच करनी चाहिए. क्योंकि अक्सर साधना की एक्सक्लूसिव खबरें महुआ और मौर्या पर दिख ही जाती हैं. प्रभाकर बताएं कि क्या वे लोग भी विजुअल चोरी किए थे. और सांप काटने से महिला की मौत का विजुअल एक स्थानीय युवक ने किया था, जिससे सबने ये विजुअल लिया और अपने अपने चैनलों को भेजा.
साधना का यह कहना कि विजुअल चोरी हुआ है, बिल्कुल गलत है. प्रभाकर को अपने पत्र में यह बताना चाहिए कि विजुअल कैसे चोरी हो गया जबकि साधना का एफटीपी पर्सनल होता है, जिसका पता सिर्फ प्रभाकर को था. बताना चाहेंगे कि प्रभाकर कुमार काम से ज्यादा विजुअल के लेन-देन में विश्वास करते हैं. दिन भर काम के बजाय लोकल चैनल के दफ्तर में बैठ कर उसके विजुअल की भीख मांग कर अपनी नौकरी बचाने वाले प्रभाकर को ऐसी बात नहीं करनी चाहिए. फर्जीवाड़े के आरोप में प्रभाकर को पहले राष्ट्रीय सहारा से निकाला गया था और बाद में एक लोकल अखबार में काम करते हुए इन्होंने बाजार से पैसे की जबर्दस्त वसूली की जिसके बाद इनको वहां से भी भगा दिया गया. प्रभाकर बेगूसराय में पत्रकारिता पर कलंक बन गए हैं. जिले के पत्रकारों के बीच इनकी छवि एक दलाल की है. दूसरों पर आरोप लगाने वाले प्रभाकर कुमार यह साबित करें कि विजुअल साधना न्यूज का था और वहीं से चोरी हुई है अन्यथा गलत आरोप लगाने को लेकर इनके खिलाफ न्यायालय जाने की तैयारी हो रही है. बेगूसराय में मंत्री और जज के बीच विवाद का विजुअल चोरी के आरोपी रह चुके प्रभाकर आज दूसरों को चोर कह रहे हैं, यह इनको शोभा नहीं देता.
संतोष कुमार
एनडीटीवी और इंडिया टीवी के रिपोर्टर
बेगूसराय
prabhakar kumar
August 10, 2010 at 3:19 pm
written by rajeev kumar, August 09, 2010
bhadas ke jariye nam kamane ke liye prabhakar dwara lagaye gaye galat aropon ne begusarai ke media ko shrmsar kar diya hai.dar-asal jis visual ke chori ka dawa kiya ja raha hai wah visual sadhana ka tha hi nahi kyon ki visual me kahain sadhana ka logo nahi dikh raha tha.doosari bat yah ki yahi visual ibn7,mahua,maurya aur city news samet kai anya channelon ne bhi chalaya.to kahin prabhakar ne apne channel ko dhokha dekar visual ko doosre channelon ko bech to nahi diya.ispar sadhana prabandhan ko jaanch karni chahiye kyon ki aksar sadhana ki exclusive khabren mahua aur maurya par dikh hi jati hai
यशवंत भाई
सच को साबित करने के लिए ज्यादा हाथ पाउ चलाने की जरुरत नहीं परती ये शायद आप भी मानते होंगे. संतोष कुमार उर्फ़ संतोष श्रीवास्तव के चोर होने के सबूत आपके ही पोर्टल पर मौजूद है. मेरे द्वारा भेजे गए article पर राजीव नाम से जो कमेन्ट आया था उसी कमेन्ट को हिंदी में इन्होने translate कर दिया है. अब मुझे साबित क्या करना है की ये कैसा चोर है, जिसके इशारे पर तुम ये काम कर रहे हो पुरे जीवन यु ही ५ बजे की ड्यूटी और उसका लोगो और उसके लिए विज्ञापन मंगाते रह जाओगे. कोई बात नहीं न तुम्हारे पास गारी है न ही कैमरा? संतोष जी बिकास विद्यालय से आपको क्यों निकला गया ये बात अगर खोल दू तो आप अपना मुह दिखने लायक नहीं रहेंगे. और रही मेरे सहारा से निकले जाने की बात तो ये इ सब जानते है की सही खबर लिखने की सजा मुझे दी गयी थी. मैंने jdu अध्यकछ ललन सिंह के खिलाफ लिखा था, इसी कारन मुझे हटाया गया. हां आपकी पैदाईश उसवक्त पत्रकारिता में नहीं हुए थी लेकिन आपके godfather जो आपसे ये घृणित काम करा रहे है, वे तो बखूबी जानते है, अरे चोरी करके तो सीना जोरी नहीं करो. तुमने किसी FTP से ये चोरी नहीं की है बल्कि बछवारा के कैफे से मेरा नाम कह ठग kar विसुअल उरा लिया. अब रही बात स्थानीय युवक के द्वारा विसुअल करने की तो इसका गवाह उस gau की सैकरो जनता है जिसने मुझे विसुअल करते देखा. मेरे लोगो की जहा तक बात है तो उस वक़्त मेरे सहयोगी प्रसंत कुमार बछवारा मद्य विद्यालय में बीजेपी अध्यक्छ सी पी ठाकुर का कार्यक्रम कवर कर रहे थे, मेरा लोगो वही था, लोकल पेपर की जो बात बताई गयी है उस वह पेपर बंद हो चूका था मैंने उसे रन कराया और आज भी बाजार में उसकी पहचान है, मैंने साधना में ज्वाइन करने के बाद उस पेपर में काम करना छोरा. कोई बात नहीं यु ही मेरे विसुअल पर तुम अपने आकाओ का पेट भात चलाते रहो, लेकिन यार एक बात है धन्यवाद् तो दे दिया करो.
Uday kumar rai (anumandal president of district patrakar association) Teghra
August 10, 2010 at 4:25 pm
aarop pratyarop ka jo daur chal raha hai. ye media karmiyo ke liye dukhad baat hai. Ghar ki baat ghar me hi suljhana chahiye.Reporter hi aapas me ek dusre se yu hi larte rahe to patra karita kab karenge.
anirudh kumar
August 10, 2010 at 4:33 pm
देखो भाई प्रभाकर मैं तुमसे एक बात कहना चाहूंगा दुनिया में यदि पत्रकारिता के क्षेत्र आगे बढना चाहते हो तो काम करो वही जो समाज और पत्रकारिता से वास्ता रखता है, लेकिन उसका ढिंढोरा मत पीटो। यदि तुम्हारा विजुअल किसी ने ले लिया तो उससे दुखी होने की जरूरत नहीं है, तुम्हे और खुश होना चाहिए कि तुम्हारा विजुअल सभी टेलीविजनों पर चला।
बहुत तरह के एक्सक्लुसिव खबर कभी-कभी तुम बनाओगे लेकिन वह कभी इसलिए नहीं चल पाएगा क्योंकि वह तुम्हारे चैनल हेड या ब्यूरो के कोई अपना होगा? या उसकी पकड़ सत्ता के कुछ नेताओं तक होगा? तुमने उपर लिखा न कि ललन सिंह के खिलाफ खबर लिखी थी सहारा ने हटा दिया। हताश होने की जरूरत नहीं है, विजुअल लिया तो लेने दो। तुम वैसा काम करो जिससे तुम्हारे अपने जिले के सभी रिपोर्टर तुम्हारे पीछे-पीछे घुमता रहे कि तुम अगली खबर क्या बनाने जा रहे हो?
अनिरूद्व कुमार सिंह
ब्यूरो प्रमुख
इनसाइट टीवी न्यूज, पटना
वेव: http://www.insighttvnews.com
Devendra kumar Bachhwara
August 10, 2010 at 4:35 pm
santosh jee mai Aap se kahana chah rahe hai jab Aap hamse prabhakar jee ke nam kah kar vijuval le gaye to kabul karne me Aapko kya atraj hai ulate chor kotbal ko date vali kahavat ko charitarth kar rahe hai news chalne ke bad jab Aapko maine phone kiya to Aap bat karne ke dauran phone kat diye the
Bihari
August 10, 2010 at 6:04 pm
2 No bade bhai aram se ladte raho.
ghar ki izzat bajar me uchhalte raho.
par bhulna nahi..
is duniya ko jise patrakarita kahte hai.
man dur hokar v apne hi pas pas rahte hai.
kis baat ka dambh bharte ho, is jawani bhar ki naukari ka………
aaj hai ye…….magar kal ka pata nahi………….
fir jara soncho………..
kis paramweer chakra k chakkar me yunhi jhagdte ho……….
soncho…………ek bar fir se soncho….’
prabhakar aur santosh jara soncho………
vidhi aur vidhan ki banai ye yaari hai…………..
dost………aaj meri………….to shayad
Kal teri bariiiiii hai……
ab to soncho…….
bhala hum Kyon aapas me ladte hai……
Bihari
sahab
August 10, 2010 at 6:22 pm
सालों तुम लोगों की लड़ाई में कौन किसको कितना जलील कर जितना कह रहा है पता ही नही चल रहा है, और बिहार को जमकर नेशनल लेवल पर बदनाम करो. दुनिया को दिखा दो की बिहारी कितने बड़े कमीने होते है. कभी समस्तीपुर से बहर की भी दुनिया देखि है या नहीं, दुनिया बहुत बड़ी है मेरे भाई. मजदूर बनकर नही मालिक बनकर जीना सीखो. चैन से काम करो और ज़िन्दगी में सुखी रहो.
dharmendra
August 11, 2010 at 12:44 pm
media ke kaaran globe ek ho gya hai. iss field mein aap dono hamesha miloge. ek bade platform pe jaane ke baad aapko yeh sari baatein bahut hi hansne layak lagega. isssi liye khule dimaag se doosro ki madad karen na ki apni badai lootne mein samay barbad karein. regards dharmendra
nitesh ranjan
August 11, 2010 at 4:36 pm
kiska kitna paisa thaga ,uska khulasa karo prabakar bhai.swatantrata diwas ke nam par aaj kal phir dukandari chal nikali hai.
bismay alankar
August 11, 2010 at 5:40 pm
प्रभाकर जी क्यों परेशां हो रहे हैं ,काम करते रहिये मिडिया वैसे भी थेंक लेश जॉब है पता ही है इसलिए वो अपना कर्म कर रहे हैं शायद इसलिए आपको धन्यवाद नहीं दे रहे हैं ..विस्मय अलंकार
AYUSH KUMAR {INDIAN ONLINE NEWS}
August 12, 2010 at 5:46 am
PRBHAKAR JI,AAPNE JO AAJ KAAM KIYA USKE LIYE SIRF AAP NE AAPNE BIHAR KO SHARMINDA KIYA HAIN.APNE DAM MAI MEDIA MAI NAAM KMAYE TO BEHTAR HOGA,ITNE ACHHE CHANNEL MAI ITNI GIRI HARKAT AAP PAR SOBHA NAHI DETA.SMAAJ KI GANDGI KO BAHAR NIKALE NA KI USME SHAMIL HO.
ek balak
August 13, 2010 at 5:55 pm
धर्मेन्द्र और अनिरुद्ध् ने बिल्कुल सही लिखा है । कोइ gaaranti नही कि एक ही आदमी को हमेश विजुअल मिलता रहे । विजुअल चोरी पर तो ऐसे हन्गम बरप् रह है मानो कोइ किसी कि बीवी उठा ले भागा हो ।