: छिनाल का मतलब वेश्या नहीं, इसका अर्थ है अविश्वसनीय : मेरा मकसद किसी की भावना को ठेस पहुंचाना कतई नहीं : लेखिकाओं को छिनाल कहने पर मचे विवाद के बाद विभूति नारायण ने सफाई में मुंह खोला है. विभूति नारायण राय के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में कुछ महिला लेखिकाएं ये मान के चल रही हैं कि स्त्री मुक्ति का मतलब स्त्री देह की मुक्ति है.
हाल फिलहाल में कुछ आत्मकथाएं भी आई हैं जिनमें होड़ लगी है कि कौन सबसे बड़ा इन्फेडेल है. मैंने अपने साक्षात्कार में इसी बात को गलत बताना चाहता था. विभूति राय नहीं मानते कि उन्होंने छिनाल जैसे गलत शब्द का चयन किया है. विभूति के मुताबिक महिला विमर्श में बृहत्तर संदर्भ जुड़े हुए हैं तो सिर्फ शरीर की बात करना उन्हें सही नहीं लगता.
छिनाल शब्द की व्याख्या करते हुए वीएन राय बताते हैं कि उनकी भाषा, भोजपुरी में, ‘छिनाल’ का मतलब ऐसी महिला से होता है जिसका विश्वास ना किया जा सके, ना कि वो जो वेश्यावृति करती हो. उनके मुताबिक छिनाल का अर्थ वेश्या निकालना गलत होगा. हिंदी लेखिकाओं की आत्मकथा पर राय का कहना है कि, उनकी आत्मकथाओं का शीर्षक ये भी हो सकता है कि कितने बिस्तरों पर कितनी बार, क्योंकि उनकी आत्मकथाओं में इन बातों की चर्चा के अलावा और कुछ नहीं है. विभूति का यह भी कहना है कि एक पाठक, एक लेखक होने के नाते उन्हें अपने समकालीन लेखकों पर टिप्पणी करने का लोकतांत्रिक अधिकार है. इसके लिए इस्तीफे की मांग करना एक फासिस्ट मांग है. विभूति के मुताबिक उनकी बात को संदर्भ बताए बगैर पेश कर दिया गया है. हालांकि विभूति नारायण राय ने यह भी कहा कि उनका मकसद किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है.
Anjan
August 2, 2010 at 9:31 am
Vibhuti Ji shame on u…..
Jimmedar Nagrik
kamta prasad
August 2, 2010 at 10:45 am
इसका अर्थ विवाहेतर संबंध बनाने-रखने वाली स्त्री से है। आत्मकथाओं से मैं परिचित नहीं हूं लेकिन अगर उनमें ऐसे वाकयों का वर्णन किया गया है तो …..
इसका मतलब अविश्वसनीय से कतई नहीं है, यह चूतिया बनाने वाली बात है। स्त्री मुक्ति का मतलब स्त्री देह की मुक्ति से लगाने वाली औरतों की प्रशंसा तो नहीं ही की जानी चाहिए।
ravishankar vedoriya
August 2, 2010 at 10:49 am
ek janakar ko apni vani or lekhan mai marayada purn sabdo ka upyog karna chahiye agar wah esa nahi karta to yeh mana jata hai ki uska back ground kesa hoga akir hame ese amayadit sabdo ka prayog nahi karna chahiye
Harihar Singh
August 2, 2010 at 3:23 pm
विभूतिजी, रौआ इतना बड़ा ओहदा पर बानी, फिर अइसन गलती! अरे, भोजपुरी में त छिनाल के माने रंडी ही होखेला! अविश्वसनीय ना। हमहूं भोजपुरी भाषी हईं। अब रौआ भोजपुरी भाषा क साथ त मजाक मत करीं। बड़ी किरपा होई।
निर्मल गुप्त
August 2, 2010 at 3:27 pm
महिला लेखिकाएं ….जो महिला है वो लेखिका ही होगी .विभूति जी ने छिनाल शब्द की जो व्याख्या की है -चकित करने वाली है .
ROUSHAN
November 9, 2010 at 6:58 am
HI DEAR HOW ARE U..[img][b][/b][/img]:):P