गृह मंत्री दखल दें : प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, कई राज्यों में पत्रकारों ने विरोध किया
देश के विभिन्न हिस्सों में पत्रकार संगठनों और प्रेस क्लबों ने दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार सुशील कुमार सिंह के मुद्दे पर तीखा विरोध जताया है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इस मामले में केन्द्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल और सूचना व प्रसारण मंत्री आनंद शर्मा को ज्ञापन भेज कर पुलिस उत्पीड़न की कार्रवाई पर फौरन रोक लगाने की मांग की है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की प्रबंध समिति की आपात बैठक बुलाई गई। इसमें उत्तर प्रदेश पुलिस और हिन्दुस्तान टाइम्स प्रबंधन की कड़ी आलोचना की गई। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रायपुर प्रेस क्लब की आपात बैठक बुलाकर सुशील सिंह के मामले में पुलिस कार्रवाई की आलोचना की गई।
चंडीगढ़ में चंडीगढ़-पंजाब यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार की निंदा करते हुए फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने इस मुद्दे पर प्रस्ताव पास कर उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई का विरोध किया। इस बीच, मुंबई प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष हरीश पाठक ने बताया कि जल्द ही बांबे यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट और मुंबई प्रेस क्लब इस मामले में बैठक बुलाकर पुलिस उत्पीड़न का विरोध करेगा। सुशील सिंह के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे को लेकर दिल्ली गई लखनऊ पुलिस की टीम इस बीच वापस बुला ली गई है। वहीं लखनऊ में पुलिस प्रशासन के आला अफसर इस मुद्दे को लेकर मीडिया के सवालों पर कन्नी काटते नजर आए।
दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की बैठक में सुशील कुमार सिंह प्रकरण पर गहरी चिंता जताई गई। प्रेस क्लब के महासचिव पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने इस बारे में कहा- प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की प्रबंध समिति ने उत्तर प्रदेश की पुलिस के बिना किसी नोटिस के सुशील कुमार सिंह के आवास पर देर रात जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। प्रबंध समिति ने चेतावनी दी कि जब तक सुशील कुमार सिंह के खिलाफ फर्जी मुकदमा खत्म नहीं कर दिया जाता, तब तक प्रेस क्लब का विरोध जारी रहेगा। प्रेस क्लब के सदस्यों ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि हिन्दुस्तान टाइम्स व हिन्दुस्तान हिन्दी के लखनऊ संस्करण को लेकर गासिपअड्डा वेबसाइट में एक सामान्य सी जानकारी प्रसारित की थी, जिस पर इस प्रतिष्ठान के लोगों ने फर्जी मुकदमा तक दर्ज करा दिया। सुशील कुमार सिंह पिछले ढाई दशक से दिल्ली में पत्रकारिता कर रहे हैं और उनकी साख पर आज तक कोई सवाल नहीं उठा। इस प्रकार की कार्रवाई न सिर्फ अभिव्यक्ति की आजदी का हनन है बल्कि कबीलाई संस्कृति का प्रतीक है।
प्रेस क्लब ने यह भी कहा कि हिन्दुस्तान टाइम्स समूह आजादी की लड़ाई से निकला हुआ अखबार है जिसकी साख को इस तरह की कार्रवाई से दागदार बनाया जा रहा है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इस मामले में केन्द्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल और सूचना व प्रसारण मंत्री आनंद शर्मा को ज्ञापन भेज कर पुलिस उत्पीड़न की कार्रवाई पर फौरन रोक लगाने की मांग की है।
चंडीगढ़ और पंजाब यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के अध्यक्ष विनोद कोहली के मुताबिक संगठन ने पत्रकार सुशील कुमार सिंह के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करते हुए दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। संगठन ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया। साथ ही यह चेतावनी दी है कि यदि इस मुद्दे पर वाजिब कार्रवाई नहीं हुई तो पत्रकार सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रायपुर प्रेस क्लब की आपात बैठक बुलाई गई। बैठक में कहा गया कि प्रशासन और पुलिस की नजरें प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के बाद वेब मीडिया पर भी टेढ़ी हो रही हैं। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गाशिपअड्डा डाट काम के प्रमोटर सुशील कुमार सिंह को निशाना बनाकर यह साफ कर दिया है। रायपुर प्रेस क्लब की बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार अनिल पुसदकर ने की।
पुसदकर ने कहा कि रायपुर प्रेस क्लब परिवार उत्तर प्रदेश पुलिस की निंदा करता है और सुशील कुमार सिंह के साथ खड़े पत्रकारों के साथ है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से भी सुशील कुमार सिंह के समर्थन में पत्रकार एकजुट हुए हैं।
इस बीच मध्य प्रदेश में भोपाल और इंदौर प्रेस क्लब के पत्रकारों ने भी इस मुद्दे को लेकर विरोध जताना शुरू किया है। चंडीगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष सर्वजीत पंढेर और उपाध्यक्ष चरनजीत आहूज ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रेस क्लब ने प्रस्ताव पास कर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया है।