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दुख-दर्द

न्यूज पोर्टल के संपादक को मिली धमकी

आज़ाद न्यूज़ या इसके किसी भी व्यक्ति के खिलाफ ख़बर करोगे तो जान से जाओगे. यह धमकी पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडियाख़बर.कॉम पोर्टल के संपादक को मिल रही है.

<p style="text-align: justify;">आज़ाद न्यूज़ या इसके किसी भी व्यक्ति के खिलाफ ख़बर करोगे तो जान से जाओगे. यह धमकी पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडियाख़बर.कॉम पोर्टल के संपादक को मिल रही है.</p> <p>

आज़ाद न्यूज़ या इसके किसी भी व्यक्ति के खिलाफ ख़बर करोगे तो जान से जाओगे. यह धमकी पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडियाख़बर.कॉम पोर्टल के संपादक को मिल रही है.

धमकी फ़ोन से दी जा रही है. यह फ़ोन बार-बार आ रहा है. फ़ोन के नंबर हैं – 011203140856 और 011204262205). फ़ोन के जरिये धमकाया जा रहा है कि कमलकांत गौरी (इनपुट हेड), रवींद्र शाह (आउटपुट हेड), नवीन सिन्हा (पॉलिटिकल एडिटर) या हिंदी समाचार चैनल आज़ाद न्यूज़ के खिलाफ कुछ भी लिखा तो अच्छा नहीं होगा. अंजाम बुरा होगा, कुछ भी हो सकता है.

पोर्टल पर आज़ाद न्यूज से संबंधित कुछ स्टोरीज प्रकाशित की गयी थीं. इस पर आज़ाद न्यूज़ के इनपुट हेड कमलकांत गौरी, आउटपुट हेड रवींद्र शाह और पॉलिटिकल एडिटर नवीन सिन्हा ने मीडिया खबर.कॉम को मेल के जरिये नोटिस भेजा था. फिर पोर्टल के एडिटर को डराने और धमकाने की कोशिशें शुरू हुई. एडिटर पुष्कर पुष्प के मुताबिक घर पर गुंडे भेजे गए. नोटिस मिला है की नहीं, यह पूछने के लिए कई लोगों को भेजा गया. यह लोग सफ़ेद रंग की कार से आये. इनका मकसद नोटिस के बारे में पूछना नहीं बल्कि टोह लेना था. कई संदिग्ध लोगों का आना-जाना जारी रहा. इसी के बाद पांडव नगर थाने में शिकायत दर्ज करवायी गई.

पुष्कर पुष्प का कहना है कि फोन करके मुझसे कहा गया कि तुम्हारा घर देख लिया है. अब बाहर निकलो तो बताते हैं. बहुत रिपोर्ट लिखते हो. वेबसाइट बंद करवा देंगे. अभी तो नोटिस ही भेजा है. अब घर में घुस कर मारेंगे. तब अपनी रिपोर्ट बनाकर साईट पर लगाना. फिर भद्दी गालियों की बौछार की गयी. इससे भी मन नहीं भरा तो उठवा लेने की धमकी दी गई.

पुष्कर ने कहा कि ऐसी किसी भी धमकी के आगे हम लोग नहीं झुकने वाले हैं. यह वर्चुअल स्पेस पर हमला है. नयी मीडिया से जुड़े लोगों के प्रति एक खतरनाक प्रवृति की शुरुआत है. मीडिया वेबसाईट को कुचलने की साजिश है और इसका प्रतिरोध जरूरी है. मीडिया से जुड़ी तमाम वेबसाइटों पर सभी पक्षों को समान रूप से जगह दी जाती है. यह खुला मंच है. यदि आप किसी वेबसाईट की रिपोर्ट से इत्तफाक नहीं रखते तो कलम के जरिए विरोध कीजिये. प्रतिकार का यह कैसा तरीका है?

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0 Comments

  1. chaman sharma samacharxpress.com

    July 27, 2010 at 4:23 pm

    Pushkar ji, u r a real journalist,hum aapke sath hai.media ko ekta dikhlakar Pushkar ji ka sath dena chahiye.

  2. रामाशीष

    July 27, 2010 at 6:07 pm

    अभी तो वर्चुअल स्पेस ठीक से भारत में पैठ भी नहीं बना पाया है। और अभी से ये हाल। मुख्यधारा की मीडिया अपना वर्चस्व छोड़ने को राजी नहीं। जो भी हो, ऐसे चैनलों और पत्रकारों के वहिष्कार की जरूरत है।

  3. मधुकर

    July 27, 2010 at 8:13 pm

    अगर आप लोगो ने आमिर खान कि फिल्म 3 इडियेट नही देखी हो तो आजाद न्यूज़ जाकर इन तीनो शैतानो को देख लो…..मिडिया खबर का साथ देकर आप लोगो ने अकजुटटा दिखाई है बधाई हो यसवंत जी ये आपका बड़ापन है ……मगर आजाद न्यूज के इन लोगो को मिलकर आपलोग सबक सिखा दो ।

  4. alok nandan

    July 27, 2010 at 9:10 pm

    सुधर जाओ अधकपारियों…..खबरों के सैलाब को रोकने की कोशिश करोगे तो बह जाओगे….नेपोलियन बोनापार्ट से ज्याद शक्तिशाली तो नही हो सकते जो कहता था कलम तलवार से ज्यादा मजबूत है…..शायद अब पोर्टल अन्य मीडिया से ज्यादा मजबूत और विस्वसनीय हो चला है…..पुष्कर, आप अपना काम करते रहो….वी आर विद यू एलवेज….

  5. satish Mudgal

    July 28, 2010 at 6:21 am

    It is nothing but shameful.
    On one side we are condemning the acts of religious Dharm Gurus when they fight for taking a bath first at any holy occasions by putting a question that why they are fighting when money is not there only for religious purposes but on the same line Media is a work for the betterment of the society and not a means of earning money then why this shameful incident like a mafia.

    One more question, I want to get comment from the news portal that why should not a body of scholars, social activists & teachers to decide about the act & news of all type of media. Why they want to control of themselves about a check on media. Have they no faith in the social justice & legal justice?

    If they can think that social group or judiciary can be biased against him then why others should accept the decision of any social wings or judiciary.

  6. Deepika Sharma

    July 28, 2010 at 7:06 am

    Hello Pushkar Ji,
    u r doing great job……
    i m with u……
    all the very best……

  7. sunil kaushik kanina(Haryana)

    July 28, 2010 at 10:53 am

    Darne
    ki
    nahin
    apna
    kam
    nirbhikta
    se
    karne
    ki
    jarurat
    hai.
    patrakarita
    sheron
    ka
    kam
    hai.

  8. narendra bhati'

    July 28, 2010 at 12:01 pm

    jswant bhai ese logo ke kilaf khoob likho jab gidhad kimoot ati hai shar ki taraff bhagta enka ant nikat hai yai safedphosh bhadia hai enke damkane se kaalam kbhi nhi ruk sakti,kaalam ki takat talbar se bhi tez hoti hai en sfaed bhaidiyo ko chod kar sara media appke shaat hai
    srmjeevi patrkar union
    presedent
    narendra bhati
    gautam bhudh nagar

  9. gautam

    July 28, 2010 at 4:17 pm

    खबर में दम नहीं लगता…. एक तरफा बात है….. आजाद न्यूज के खिलाफ जिस भाई का ये पोर्टल है उसमें भी एक तरफा बातें थी…. भाई वर्च्अल मीडिया खुला मंच है… इसका मतलब ये नहीं होता कि किसी के बारे में कुछ भी अनाप शनाप बक दिया जाए। और फिर वो बात ही क्या जिसमें दोनों तरफ की बात न हो… मुझे तो यशबंत की समझ में नहीं आती ये आदमी है या मजाक… बगैर सोचे समझे ही खबर चला देता है… भाई थोड़ा तो न्याय करना ही चाहिए कम से कम खबरों का बलात्कार तो मत करिए।

  10. मयंक

    July 28, 2010 at 7:08 pm

    @ gautam, भैया गौतम जी, आप उन थ्री इडियट्स के चम्मच मालूम पड़ते हैं। आपकी हालत अभी वैसी ही है जैसे चूहे के बिल में पानी डालने पर चूहे की होती है। हड़बड़ी और दबाव में अनर्गल बक रहे हैं। जिस साइट की बात आप कर रहे हैं, उसने बार-बार चैनल का पक्ष जानने की कोशिश की। वहां के बड़े अधिकारियों को मेल किया, फोन पर बात करने की कोशिश की। लेकिन जवाब नदारद। टिप्पणी करने से पहले मामले को समझ लें। और अभिव्यक्ति की आजादी का बलात्कार करने वालों का साथ देकर आप किस मुंह से इथिक्स की बात कर रहे हैं। क्या धमकी दिलवाना इथिक्स का हिस्सा है। जो लोग इस खबर से बेदम हैं, उन्हें इसमें दम कहां और कैसे नजर आएगा।

  11. ranjan zaidi

    July 28, 2010 at 7:38 pm

    लड़ाई किसी मसले का हल नहीं है. मैंने इस चैनल के प्रोग्राम अभी तक नहीं देखे हैं. मैं इन लोगों में से शायद किसी को जानता भी नहीं हूँ. इस लिये टिप्पणी नहीं कर सकता. हाँ, में पुष्कर को मुंबई से जानता हूँ, जब वह चैनल ९ में थे. दिल्ली में उन्होंने अपने पोर्टल के माध्यम से बहुत जल्द तरक्की की है. इस उम्र में इतनी मेहनत और कामियाबी की सराहना की जानी चाहिए. मैं श्री शाह और उनके समर्थकों को सलाह दूंगा कि वह ऐसे कार्यों में अपनी एनर्जी न बर्बाद करें जो उन्हें पलायन की ओर ले जाए. युवा पीढ़ी को हमारे आशीर्वाद और रचनात्मक दिशा-निदेशन की ज़रूरत है, न कि आक्रोश और पलायन की. यही पीढ़ी कल के भारत का भविष्य है और भावी भविष्य के निर्माण में मीडिया की अहम् भूमिका रहेगी. जीवन क्षणभंगुर है और ग्लोब सिमट चुका है. नफरतें छोड़ दो अब आओ गले मिललें हम/आओ मिल-बैठ के हम दूर गिले-शिकवे करें. कल ज़मीं काँप उठे और मकां गिर जाएँ, तब कहाँ पाओगे लम्हे ये अदावत के तिलिस्म?….

  12. संजय

    July 29, 2010 at 12:02 am

    गौतम जी . लगता है आप पूरे मामले से अनभिज्ञ हैं.. तभी ऐसा कह रहे…. इस पोर्टल ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था की कैसे बार – बार मेल भेजा गया लेकिन आज़ाद न्यूज़ के लोगों ने जवाब देने के बजाये चुप्पी साध ली. ऐसे में आपका यह कमेन्ट पूर्वाग्रह से ग्रसित लग रहा है.

  13. kavita

    July 29, 2010 at 7:43 am

    well done pushkar..

  14. नवीन सिंह

    July 29, 2010 at 11:23 pm

    आज़ाद न्यूज़ में स्ट्रिंगर की धुनाई करने वाले यही लोग थे. भड़ास 4 मीडिया की खबर थी. स्ट्रिंगर का बयान था. एफआईआर दर्ज हुआ था. बहुत हिम्मत बढ़ गयी है अब इनकी.. भड़ास 4 मीडिया ने वीडियो भी डाला था. उस विडियो और स्ट्रिंगर की आपबीती सुनकर सहज ही अंदाजा इन सब के बारे में लगाया जा सकता है.

    http://www.youtube.com/watch?v=f0N8LJsa-Hk&feature=player_embedded

    http://www.youtube.com/watch?v=f0N8LJsa-Hk&feature=player_embedded

    इसके बाद भी क्या कुछ कहने की जरूरत है.

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