समाज-सरोकार विकास का कहर : शादी के लिए बिलखते गांव भप्तियाही चैंतीस दस का इलाका। हालाकि यह कोई आबादी वाली जगह नहीं है। कोसी नदी के पूर्वी तट पर बसे 30 झोपड़ी में कोई... Bhadas4Media.comOctober 22, 2011
साहित्य जगत बांसगांव की मुनमुन (चौदह) : दयानंद पांडेय का उपन्यास : और यह देखिए सुबह का सूरज सचमुच मुनमुन के लिए खुशियों की कई किरन ले कर उगा। अख़बार... Bhadas4Media.comOctober 21, 2011
बातों बातों में नेता, जेल और अस्पताल का खेल : गोनू झा कहिन (तीन) : विगत एक हफ्ते से गोनू झा ने गाँव के चौपाल में आ कर बैठना शुरू कर दिया क्यों... Bhadas4Media.comOctober 20, 2011
बातों बातों में दुर्दांत कवि जुगाड़ूराम जी सदैव जयते हमारे शहर के जुगाडू़ रामजी जन्मजात जुगाड़ू हैं। इस कदर पैदाइशी जुगाड़ू कि मां-बाप के परिवार नियोजन के तमाम संयुक्त प्रयासों को सिंगट्टा दिखाते... Bhadas4Media.comOctober 18, 2011
मेरी भी सुनो बढ़ा बाबाओं का क्रेज, प्रवचन सुनना हुआ फैशन आज कल सुबह-सुबह आँख खोलो और अगर सोच लो की भगवान का दर्शन कर लें तो वो बड़ा मुश्किल है. आजकल तो भगवान से... Bhadas4Media.comOctober 17, 2011
राजनीति-सरकार सत्ता मैं बैठे भ्रष्ट शिकारी इस देश का शिकार कर रहे हैं आदरणीय यशवंतजी, पता नहीं क्यों अपने काम से इतर जब भी मैं अकेला बैठता हूं... तो रह-रह कर देश के बारे मैं सोचने को... Bhadas4Media.comOctober 17, 2011
राजनीति-सरकार नारायण मूर्ति जैसे व्यापारी के राष्ट्रपति बनने से पद का गौरव घटेगा राष्ट्रपति का पद पर आसीन होने की एक मात्र मुख्य योग्यता भारत का नागरिक होना है। वैसे 35 वर्ष उम्र होने की दूसरी प्रमुख... Bhadas4Media.comOctober 17, 2011
साहित्य जगत गौरांग ने आबाद किया कृष्ण का वृन्दावन : शाहन के शाह : चैतन्य न होते तो शायद ही कोई पहचानता श्याम कान्हा को : दक्षिण की वैष्णवी आचार्य परम्परा ने भक्तिभाव... Bhadas4Media.comOctober 17, 2011
साहित्य जगत घेरे में प्रगतिशीलता जब भाषा की दृष्टि से आदमी बहुत निर्धन रहा होगा, तब भी उसका जीवन, उसका व्यवहार चलता रहा होगा। जब उसके पास प्रेम शब्द... Bhadas4Media.comOctober 17, 2011
साहित्य जगत बांसगांव की मुनमुन (तेरह) : दयानंद पांडेय का उपन्यास : ‘कुछ नहीं कहेंगे।’ मुनमुन बोली, ‘बेटी जब आप की सुख से रहने लगेगी तो सब के मुंह सिल... Bhadas4Media.comOctober 15, 2011
समाज-सरोकार विकास की लहर से बढ़ गया कोसी का कहर, दर्जनों गांव डूबे ‘‘बाबू जी, हम सोमालिया की दशा तो नहीं देखे हैं, लेकिन जो कुछ भी यहां हो रहा है, वह सोमालिया से भी बदतर है...।’’... Bhadas4Media.comOctober 15, 2011
बातों बातों में जो शरीफ है वो हर पल पीटने को तैयार रहता है विद्वानों का मानना है कि सोना जितना पिटता है उतना ही निखरता है। इससे एक बात तो तय हो ही गई कि कोई उसी... Bhadas4Media.comOctober 15, 2011
तेरा-मेरा कोना माया की महामाया को हर कोई नहीं समझ सकता : गोनू झा कहिन (दो) : एक दिन भरी दोहपर में ही गोनू झा अपना पोथी-पत्रा का भंडार खोल कर सड़क के बीच में... Bhadas4Media.comOctober 13, 2011
मेरी भी सुनो छह सालों में आरटीआई ने आम आदमी को काफी राहत पहुंचाई है इस वक्त पूरे देश में जहां भ्रष्टाचार पर बहस छिड़ी हुई है तथा एक मजबूत एवं सशक्त लोकपाल कानून बनाये जाने की कवायद चल... Bhadas4Media.comOctober 13, 2011
राजनीति-सरकार जनता को मिले प्रधानमंत्री चुनने का अधिकार भ्रष्टाचार के गरमागरम मुद्दे के साथ चुनाव सुधारों का मुद्दा भी अब धीरे-धीरे गरम होने लगा है। कभी राइट टू रीकाल और कभी राइट... Bhadas4Media.comOctober 12, 2011
बातों बातों में जिसकी जितनी बड़ी दाढ़ी, वह उतना ही बड़ा दार्शनिक कुछ लोगों का मानना है कि दर्शन बड़ा ही टेढ़ा विषय है। और ये सिर्फ टेढ़े लोगों को ही नेचुरली सूट करता है। कुछ... Bhadas4Media.comOctober 11, 2011
साहित्य जगत किताबें छपवा लेने की कूवत वाले भी बन जाते हैं लेखक और कवि कवियों, लेखकों, कलाकारों के लिए मेरे मन में बचपन से ही सम्मान और श्रद्धा का भाव रहा है। जब कभी मेरे गृहनगर में कोई... Bhadas4Media.comOctober 11, 2011
समाज-सरोकार प्रेम का संबंध सेक्स से ज्यादा मन के भाव से होता है कहा जाता है कि प्यार किसी जाति, धर्म, उम्र को नहीं मानता। ऐसे में घर-समाज के बीच कैसे तालमेल बैठाया जाय? प्रेम के प्रकार’... Bhadas4Media.comOctober 11, 2011
साहित्य जगत बांसगांव की मुनमुन (बारह) : दयानंद पांडेय का उपन्यास : फिर सुनीता के पति ने सुनीता को ख़ूब मारा पीटा। और अंततः अपने माता पिता से अलग रहने... Bhadas4Media.comOctober 10, 2011
साहित्य जगत हत्यारे डाकू का दिल पसीजा, तो बदल गयी दुनिया : शाहन के शाह : महाराष्ट्र से पंजाब तक बज गया नामदेव के नाम का डंका : वह दिल ही क्या, पसीज न जाए।... Bhadas4Media.comOctober 10, 2011
बातों बातों में सचरित्र सड़कों के पथभ्रष्ट पथिक सड़कें हमारे भारत की प्राचीनतम ललित कलाओं में एक है इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि इन सड़कों का प्रचलन मोहनजोदड़ो और हड़प्पाकाल... Bhadas4Media.comOctober 10, 2011
राजनीति-सरकार ’गांधी’ में ही है रास्ता! : अन्ना और सरकार के बढते द्वंद्व : अन्ना हजारे ने अपने हालिया बयान से जहां कांग्र्रेस को थोड़ा परेशान किया है, वहीं अनेक... Bhadas4Media.comOctober 10, 2011
बातों बातों में अजीब आदमी हो, हमारे देश में कुल पागलखाना कितने हैं? [caption id="attachment_2808" align="alignleft" width="150"]अजय झा[/caption]: गोनू झा कहिन (एक) : एक शाम गोनू झा गाँव के तालाब के किनारे बड़ी चिंता में मग्न बैठे... Bhadas4Media.comOctober 8, 2011
समाज-सरोकार इतनी हिंसा यहाँ, गाँधी तुम कहाँ 2 अक्टूबर यानि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सालगिरह. ये दिन हर साल आता है लेकिन इस बार इसकी अहमियत कुछ ख़ास है. हाल में... Bhadas4Media.comOctober 6, 2011
समाज-सरोकार श्रद्धा व आस्था के बीच पनपी विकृतियों के खिलाफ खड़ा हुए युवा उत्सव हमारी संस्कृति के प्रतीक है. यह हमारी आंतरिक खुशी, प्रसन्नता की अभिव्यक्ति का माध्यम है. ये उत्सव हमें एकजुटता का संदेश देते हैं.... Bhadas4Media.comOctober 4, 2011
तेरा-मेरा कोना माया लक्ष्मीरुपा हैं, सब कुछ चरणों में समर्पण कर दें, प्रसन्न हो जाएंगी यह सुखद संयोग है। एक तरफ मोहन, दूसरी तरफ माया। यह जगत इन्हीं दोनों की परमलीला का सुघड़ मंच है। युग का तेवर बदल... Bhadas4Media.comOctober 4, 2011
साहित्य जगत समाज ने इस संत के दर्शन को ही उनके खिलाफ हथियार बना डाला : शाहन के शाह : दास मलूका कह गये सबके दाता राम : बालमन ही तो था, बस किसी गरीब के साथ हुआ निर्मम... Bhadas4Media.comOctober 3, 2011
साहित्य जगत बांसगांव की मुनमुन (ग्यारह) ‘मामला सुलझाने के लिए ही यह सब करने को कह रहा हूं दीपक बाबू।’ घनश्याम राय बोले, ‘पर आप तो बुरा मान गए। और... Bhadas4Media.comOctober 1, 2011
बातों बातों में कभी नहीं मिलवाऊंगा अमिताभजी को सुरेश नीरव से छोटे शहरों के लोगों के लिए बड़े सौभाग्य की बात होती है कौन बनेगा करोड़पति जैसे प्रोग्राम में शरीक होने का। इस नाचीज़ हास्य... Bhadas4Media.comSeptember 30, 2011
साहित्य जगत लक्ष्मण रेखा के पार यह भी सोचने का एक तरीका है। सीता ने अगर लक्ष्मण रेखा का अतिक्रमण न किया होता तो न रावण मारा जाता, न ही... Bhadas4Media.comSeptember 27, 2011