जाने-माने पत्रकार और सहारा समूह के उर्दू अखबार ”रोजनामा राष्ट्रीय सहारा” के ग्रुप एडिटर अजीज बर्नी बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए कोर्ट में क्रिमिनल सूट फाइल किया गया है। नवी मुंबई के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 31 वर्षीय रिसर्च स्कालर और सोशल एक्टिविस्ट वीवी जोशी की तरफ से एडवोकेट प्रशांत मग्गू ने सूट फाइल किया। 156 (ए) के तहत दायर सूट में आईपीसी की सात धाराएं लगाई गई हैं जो सभी देशद्रोह से संबंधित हैं। 7 अगस्त को दायर वाद में कहा गया है कि 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों को लेकर देश के आठ शहरों (नोएडा, कोलकाता, मुंबई, गोरखपुर, पटना, लखनऊ, बेंगलोर, हैदराबाद) से प्रकाशित होने वाले उर्दू अखबार ‘रोजनामा राष्ट्रीय सहारा’ में लगातार देश विरोधी खबरें प्रकाशित हुईं। इन खबरों में कहा गया कि मुंबई पर आतंकी हमला पाकिस्तान ने नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों ने करवाया।
इस अखबार ने देश के केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालय के दावों को धज्जियां उड़ाईं और पाकिस्तानी दावों को मजबूती दी। ब्लाग, वेबसाइट और पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से जो भी खबरें अजीज बर्नी ने इस अखबार में प्रकाशित की, वह भारत सरकार के स्टैंड को झूठा और पाकिस्तान के स्टैंड को सही साबित करता है। रोजनामा राष्ट्रीय सहारा में लिखा जाता है कि हेमंत करकरे को कसाब ने नहीं बल्कि इंडियन मिलिट्री के इंटेलीजेंस ने मार गिराया। इस तरह की दर्जन भर से ज्यादा अनाप-शनाप खबरें प्रकाशित की गईं जो भारत के खिलाफ जाती हैं।
अजीज बर्नी के खिलाफ क्रिमिनल सूट फाइल करने वाले वीवी जोशी ने भड़ास4मीडिया को बताया कि हमने कोर्ट से अजीज बर्नी के खिलाफ मकोका के तहत एक्शन लेने की मांग की है। कोर्ट के आदेश पर मुंबई पुलिस पूरे मामले को इनवेस्टीगेट कर रही है। जांच के बाद पुलिस एफआईआर दायर कर कोर्ट को रिपोर्ट करेगी। जोशी ने बताया कि कोर्ट ने क्रिमिनल सूट में कही गई बातों को काफी गंभीरता से लिया है। जोशी का कहना है कि अगर मीडिया में कुछ गलत होता है तो वे उसके खिलाफ कानून व कोर्ट का सहारा लेकर लड़ाई लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ेंगे।
अजीज बर्नी पर लगे आरोपों को लेकर एक वेबसाइट ने उनसे बात की और उनका इंटरव्यू प्रकाशित किया है। उसी इंटरव्यू के वीडियो को हम साभार यहां प्रकाशित कर रहे हैं-