: जागरण व उजाला में वापसी को लेकर चर्चाएं : हिंदुस्तान, रांची के पूर्व संपादक अशोक पांडेय देहरादून में अपने परिवार को समय दे रहे हैं. लगभग सात साल के बाद देहरादून में उन्हें समय बिताने का मौका मिला है. देहरादून में उनके घर पर पत्रकारों, मित्रों और शुभचिंतकों का दिनभर जमावड़ा लग रहा है. इसी बीच कल शाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा यूपी एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी भी पूरे लाव-लश्कर के साथ अशोक पांडेय से मिलने उनके घर पहुंच गए.
नारायण दत्त तिवारी के पहुंचने से उनके परिवारवाले भी आश्चर्यचकित हो गए. श्री तिवारी लगभग दो घंटे तक अशोक पांडेय जी के घर पर रहे तथा उनसे राजनीति सहित कई विषयों पर चर्चा की. इस दौरान कांग्रेसी नेता पीके अग्रवाल, नव निकास पत्रिका के प्रकाशक गिरिधर समेत कई लोग थे. अशोक पांडेय भी आने वालों से पूरी शिद्दत से मिल रहे हैं, पता नहीं फिर इतना समय कब दे पाएं. क्योंकि उनकी नई पारी को लेकर चर्चाओं और कयासों का दौर जारी है.
खबर है कि वे अपनी नई पारी जल्द ही शुरू करने वाले हैं. कुछ लोगों का कहना है कि अमर उजाला में उनकी वापसी हो रही है तो कुछ दैनिक जागरण, मेरठ या देहरादून में फिर से जमने की बात कह रहे हैं. हालांकि सूत्रों का कहना है कि उनकी जागरण प्रबंधन से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कुछ फाइनलाइज नहीं हुआ है. उल्लेखनीय है कि अशोक पांडेय दैनिक जागरण, देहरादून में लंबे समय तक संपादक रहे हैं. उत्तराखंड की राजनीति पर भी उनकी अच्छी पकड़ है.
पत्रकारिता एवं उसकी नब्ज पर अशोक पांडेय की पकड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि झारखंड में हिंदुस्तान की स्थिति बेहतर हुई है, खासकर रांची में. आईआरएस रिपोर्ट में सामने आया है कि झारखंड में तो हिंदुस्तान मजबूत हुआ ही है, रांची में उसकी पाठक संख्या 4.09 लाख तक पहुंच गई है. इससे पता चलता है कि अशोक पांडेय के कार्यकाल में अखबार ने ठीकठाक ग्रोथ की लेकिन अंदरुनी राजनीति और प्रधान संपादक शशि शेखर द्वारा अपनी नौकरी बचाने की प्रक्रिया के तहत अशोक पांडेय बलि का बकरा बन गए.
vivek bajpai
March 16, 2011 at 6:35 am
पांडेय जी नेता अभिनेता या आम इंसान या पत्रकार सब से एक ही तरह सहज भाव से मिलते हैं। यही तो उनका गुण है जो औरों से उनको अलग करता है खास कर उन पत्रकारों से जो कुर्सी पाते ही लोगों को कीड़े-मकौड़े समझने लगते हैं। विवेक वाजपेयी,एसवन न्यूज नोएडा।
babloo pandey
March 16, 2011 at 10:08 am
Pranam
Jeevan mein kabhi Vyakati rise karta hai to kabhi down hota hai. Leken Aap hamesha jeevan mein rise hi karege .Thoda samay ka khel hota hai. Yah sab ko pata hai ke aapne apne boss ko safe karne ke leye resign deya. Aaj ke daour mein aise 1 percent hi log hoge. Jo kisi ke leye sacrifice kare. Jo sacrifice karta hai wahi aapne jeevan mein safal bhi hota hai .Kyu ki editor hona to aap ki upalabdhi hai leken logo ki dil mein aap ke prate jo prem hai wahi aap ki safalta hai. Aap jaisa soft heart ka editor bahut kam hi esa hindi patrakarti mein hoga . Maine suna bahut hai ki aap logo ko bahut support karte hai& dekha gin kar chaar bar hai aap ko. Tabhi to eka ex chief minister aap ke ghar chal kar melne aaya.Jarur aap mein kuch khash baat hai. Aap jaise hai waise hi bane rahe. Mai ishwar se prathana karta hu ki aap ke naye pari ki suruwaat jald ho.
Aap ka
Babloo
Lucknow
mukesh pande
March 16, 2011 at 5:45 pm
jald nai pari suru ho. iske liye shubh kamnai. mukesh
Deepak
March 18, 2011 at 8:09 pm
Dear Sir,
kisi ko jine ki kala sikhni hai to aapse sikhe. Aap harhaal me mast rahte hain aur sabko yahi sutra bhi dete hain. Jharkhand me aapki safalta ka parcham lahraya. Lucknow amar ujala ko nayye ayam aap hi ne diye.. Aapke liye ye shabd sarthak hain ki…
Parindo ko milegi manzil ek din
ye faile huye unke par bolte hain
khamosh hote hain wo log aksar
zamane me jinke hunar bolte hain
you proved that you are better Shashi Shekhar.
narayan pargain
March 19, 2011 at 5:07 am
tiwari ki asay samay mai mulkat ashok ji sai kuch mamlaa thik nahi lagtaa kyoki tiwari ka dna test honay walaa hai aur unki ki muskilay kam nahi ho rahi paday ji ko muskiloo ko kam karnay ka ustad manaa jata hai shayd yahi karanaa hai ki tiwari paday ji kay awes par kuch raaj ki batay sharee karnay gaya hai
Mohit
March 23, 2011 at 11:15 pm
Pandey sir is a gr8 personalty……sabhi unse milna chahte h