: पत्रकारों की ईमेलबाजी का मामला गरमाया : लखनऊ : करप्शन को लेकर चली चली जूतमपैजार और ईमेल बाजी को लेकर खफा पत्रकारों ने तय किया है मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सदस्यों की एक आम सभा बुलाकर एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाले बड़े पत्रकारों से सफाई मांगी जाए। कल राजधानी लखनऊ के जीपीओ स्थित प्रेस रूम में 50 के लगभग पत्रकार जुटे। इनकी जुटान किसी दूसरे मामले को लेकर थी।
पर वहां हाल के दिनों में मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हिसाम सिद्दीकी सूबे के एक अन्य बड़े पत्रकार के बीच हुई ईमेल वार का मुद्दा छाया रहा। अन्ना आंदोलन के समर्थन पर मार्च निकालने पर बढ़ी तल्खी के बीच हिसाम सिद्दीकी व कुछ पत्रकारों में मेलबाजी हुयी थी जिसका पूरा विवरण भड़ास पर भी आया था। अन्ना के साथ होने न होने व मोर्चा निकालने पर शुरू हुयी मेल वार बाद में पर्सनल लड़ाई में बदल गयी। हिसाम सिद्दीकी ने सीनियर पत्रकार शरत प्रधान को संबोधित एक पत्र में हजरतगंज के सौंदर्यीकरण में दो पत्रकारों पर करोड़ो की दलाली खाने का आरोप चस्पा किया तो उससे पहले शरत प्रधान ने हिसाम को कांग्रेस के हित में काम करने का आरोप लगाया था।
कल सीटीओ में हुयी बैठक में पत्रकारों ने ईमेल वार को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि 15 सितंबर से पहले राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की बैठक बुला आरोप-प्रत्यारोप लगाने वालों से अपनी स्थिति को साफ करने को कहा जाए। बैठक में हेमंत तिवारी इस मुद्दे पर ज्यादा मुखर दिखे। उन्होंने कहा कि कुल जमा एक महीने पहले जिन हिसाम ने शरत प्रधान को प्रोफेशनल ईथिक्स कमेटी का मुखिया बनाया, आज उन्हीं को बेईमान बता दिया।
साथ ही प्रधान को अब हिसाम में कांग्रेसी गुण दिखायी देने लगे। उन्होंने कहा कि एक साल पहले संवाददाता समिति का पदाधिकारी रहते उन्होंने सभी पत्रकारों से अपनी संपत्ति की घोषणा करने की मांग उठायी थी। अब समय आ गया है कि सभी पत्रकार अपनी संपत्ति का एलान करें। बैठक में शामिल लोगों ने कहा कि इस प्रकरण के भड़ास पर चलने के बाद अब देश के कई भागों से पत्रकार साथी फोन कर लखनऊ में करप्शन के ताजा मामले पर पूछताछ कर रहे हैं। बैठक में हेमंत तिवारी, सर्वेश कुमार सिंह, अशोक मिश्रा, एम हसन, मसूद अहमद, अजय कुमार, प्रमोद गोस्वामी, शिवसरन सिंह, नादिर वहाब खान, नासिर जैदी, रजा रिजवी, स्नेह मधुर, मनमोहन राय, वीरेंद्र सिंह रावत, सिद्धार्थ कलहंस, श्याम बाबू, श्यामलला सिंह, मो. ताहिर, राजेश सिहं, अविनाश मिश्रा, इंद्रेश रस्तोगी सहित दर्जनों पत्रकार शामिल थे।
लखनऊ के एक पत्रकार द्वारा भेजे गए मेल पर आधारित.