भाजपा मीडिया प्रभारी ने लखनवी पत्रकारों को भंडारे में खाना खिलवाया

आडवाणी की जनचेतना यात्रा में पत्रकारों को नोट बांटने और बिजली का अवैध कनेक्शन लेने का मामला जोरों पर मीडिया में उछल रहा है. इसी बीच राजनाथ और कलराज की जनस्वाभिमान यात्रा में हुए एक वाकए ने पत्रकारों में भाजपाइयों की मानसिकता को उजागर कर दिया है. राजनाथ की यात्रा कवर करने गए लखनऊ के पत्रकारों को मीडिया प्रभारी नरेंद्र सिंह राणा ने कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में चल रहे भंडारे में खाना खिलवाया.

यूपी प्रेस क्‍लब यानी धंधा ठगी और बटमारी का

: के. विक्रमराव के दस्‍तखत से जारी प्रेसनोट पर छिड़ा विवाद : राव बोले- मेरी छवि धूमिल करने के लिए जारी हुआ फर्जी पत्र : मायावती से प्रेसक्‍लब पर रिसीवर बिठाये जाने की मांग : प्रेसनोट में वही तथ्‍य हैं जो विक्रमराव के पत्र में थे : लखनऊ : यूपी प्रेस क्‍लब लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। अब तो इसके वर्चस्‍व को लेकर ठगी और बटमारी का धंधा भी खूब फलने-फूलने लगा है।

विक्रमराव के खत पर सुलगने लगी आग, आरोपों के खिलाफ कमर-कसी शुरू

कुमार सौवीरके. विक्रमराव का आरोप है कि यूपी प्रेस क्‍लब और वहां यूपी वर्किंग जर्नलिस्‍ट एसोसियेशन के कार्यालय पर कुछ लोगों ने कब्‍जा करने की साजिशें रची थी। विक्रमराव के मुताबिक यह करीब तीस साल पहले की बात है। उनका आरोप है कि इसके लिए कुछ लोग फर्जी तौर पर यूपी डब्‍ल्‍यूजेए के पदाधिकारी भी बन गये थे।

लखनऊ के मठाधीश पत्रकारों! बताओ तुम्‍हारी औकात क्‍या है

कुमार सौवीर: के. विक्रमराव ने खोली दलालों-मठाधीशों की पोल-पट्टी : माफिया जैसी हरकतें है जोखू और रवींद्र सिंह की : फुटपाथ पर रेस्‍ट्रां का ठेका देकर होती है भारी उगाही : न वेतन और न कोई संस्‍थान, फिर ये लोग कैसे पत्रकार बन कर बैठे हैं प्रेस क्‍लब में : बीस सालों से क्यों नहीं कराया गया प्रेस क्‍लब का नवीनीकरण : लाइब्रेरी की जगह में की जाती है शराबखोरी :

एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाले लखनवी पत्रकारों से सफाई मांगने का फैसला

: पत्रकारों की ईमेलबाजी का मामला गरमाया : लखनऊ : करप्शन को लेकर चली चली जूतमपैजार और ईमेल बाजी को लेकर खफा पत्रकारों ने तय किया है मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सदस्यों की एक आम सभा बुलाकर एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाले बड़े पत्रकारों से सफाई मांगी जाए। कल राजधानी लखनऊ के जीपीओ स्थित प्रेस रूम में 50 के लगभग पत्रकार जुटे। इनकी जुटान किसी दूसरे मामले को लेकर थी। 

मसूद भाई ही देखेंगे लखनऊ के जीपीओ प्रेस रूम का कामकाज

: कपिल सिब्बल के सामने जाएगा लखनऊ के जीपीओ प्रेस रूम का मामला : लखनऊ : लखनऊ के जीपीओ स्थित प्रेस रूम पर बीएसएनएल के कब्जे के बाद उसके फिर से पत्रकारों के पास वापस आने के बाद अब एक बार फिर से तय किया गया है कि यहां का कामकाज वरिष्ठ पत्रकार मसूद भाई ही देखेंगे। कल जीपीओ प्रेस रूम में हुयी बैठक में मौजूद सभी पत्रकारों ने एक मत होकर यह फैसला लिया।

लखनवी पत्रकार पुराण : पुरोधा चिखुरी जब चिचिया उठे

कुमार सौवीर: परदेसी से भिड़े चिखुरी ने भांजी आरोपों की गदा : चिखुरी के चीथड़े उधेड़े परदेसी ने : नारद ने झगड़े की दाल में मारा तड़का : मजबूर कनपुरिया रंगबाज ने मामला निपटाया :  लखनऊ : रणभेरी के लिए पिपिहरी की आवाज में शुरुआत चिखुरी ने की:- काहे, बेइमानों के खिलाफ लड़ रहे अण्‍णा के समर्थन में अगर पत्रकार भी आंदोलन करें, तो इसमें गलत क्‍या है।

पत्रकार के हमलावर अफसर को सरकार ने प्राइज पोस्टिंग से नवाजा

: बीपी अशोक को बनाया गया मेरठ का एएसपी सिटी : इंडियन ब्राडकास्‍टर्स एसोसियेशन ने पाया था दोषी : मुख्‍यमंत्री मायावती के खासमखास है बीपी अशोक : न जांच, न आरोप पत्र, हफ्ता भर पहले किया बहाल : लखनऊ में इलेक्‍ट्रानिक पत्रकारों पर बर्बर हमला करने वाले लखनऊ के निलम्बित अपर पुलिस अधीक्षक बीपी अशोक को प्रदेश सरकार ने उनकी करतूतों पर उसे क्‍लीनचिट दे दी।

शलभ दुर्व्यवहार प्रकरण : बीईए जांच टीम ने लखनऊ के दो पुलिस अफसरों को दोषी पाया

New Delhi : 24.07.2011 :  Press Note : Broadcast Editors’ Association (BEA), apex body of Editors of National & Regional TV News channels of India, Fact-finding Team concludes that the two police officers manhandled IBN-7 reporters : UP Govt must ensure that officers do not exceed their brief to placate political masters :

Report of the Fact-finding team of the BEA

Terms of Reference :  The culpability behind the incident of highhandedness alleged to have been carried out by two police officers against IBN-7 journalists in Lucknow on June 26, 2011; whether it was an isolated incident arising out of personal vendetta or a case of well-designed attempt of powers –that-be to intimidate the media into submission by taking recourse to targeting journalist(s) of one channel. The committee was also entrusted with the job of delving into the possibility of extended culpability up and down the ladder of politico-administrative structure.

डीएम बोला- बहनजी कहें तो मीडिया को ठीक कर दूं

यशवंत जी, आज तड़के जैसे ही उठा, मेरी नजर आज के हिंदुस्तान अखबार के प्रथम पेज पर गई. एक खबर देखकर मेरा माथा ठनक उठा. इस खबर को पढ़कर ऐसे लगा जैसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर बिजली सी गिरा दी गयी हो. अनायास ही दिल से आवाज निकली कि क्या अब बहन जी के राज मे खबर छापने के लिये पत्रकारों को डीएम महोदयों से परमीशन भी लेनी पड़ेगी? खबर आप भी पढ़ लें. और उचित लगे तो भड़ास के पाठकों को भी पढ़ा दें. -घनश्याम, जनपद औरैया, उत्तर प्रदेश

चापलूस पत्रकारों को लाइव देखना हो तो लखनऊ पधारें

: अजब-गजब लखनवी पत्रकार : प्रेस-कांफ्रेंस में पहले से ही तय हो जाते हैं पूछे जाने वाले सवाल : बाद में जुटती है अफसरों से अपना काम साधने की कवायद : ज्‍यादातर अफसर वहां मीठे बनते हैं, बाद में दिखाते हैं ठेंगा : कई पत्रकार तो ऐसे जुटते हैं, जिनका धंधा ही होता है दीगर : गुटों में बंटे पत्रकार एक-दूसरे की मां-बहन तक पर उतारू : लखनऊ: यूपी में बसपा सरकार की मुखिया मायावती की प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के पैंट-खोलू रवैये का जायजा लेना हो तो पेश हैं कुछ नजीरें।

अफसर टर्न्‍ड पत्रकार को चाहिए एक अदद सरकारी मकान, मामला फंसा

लखनऊ की एक ख्‍यातिनाम शख्सियत हैं ज्ञानेंद्र शर्मा। पत्रकारिता के सहारे जीवन शुरू करने के बाद आज जिन्‍दगी के कई मुकाम तक अपनी खासी पैठ बना चुके हैं। राजनीतिक जुगाड़ इतना सटीक बैठा कि प्रदेश में सूचना आयुक्‍त की कुर्सी तक हासिल कर ली। पांच साल तक मौज की, और एक बार तो कार्यकारी मुख्‍य सूचना आयुक्‍त तक की कुर्सी गटक गये। परम्‍परानुसार अब फिर पैदल हैं।

अपने पर लगे आरोपों का हेमंत तिवारी ने पत्र भेजकर दिया जवाब

लखनऊ : सभी मान्यता प्राप्त पत्रकार साथियों, उत्तर प्रदेश के राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त संवाददाताओं की एक समिति दशकों से प्रभावी है। उक्त समिति का काम मान्यता प्राप्त संवाददाताओं के काम काज को सरल सुगम बनाना रहा है। समिति के अंतिम चुनाव बीते साल जनवरी में विवादास्पद माहौल में संपन्न कराए गए। इसमें कई मान्यता प्राप्त पत्र प्रतिनिधियों को गैर कानूनी तरीके से मतदान के अधिकार से वंचित किया गया।

कई मीडिया मालिकों को ठगने वाला आचार्य

[caption id="attachment_19136" align="alignleft" width="94"]जालसाज अजेय आचार्याजालसाज अजेय आचार्या[/caption]: इनकी शक्ल आप भी याद रखें ताकि कभी बिजनेस बढाने के लिए खूब विज्ञापन दिलाने की बात करते हुए ये नजर आएं तो आप सावधान हो जाएं : लखनऊ के 12 से ज्यादा अखबार मालिकों को इस आचार्य की है तलाश : कई करोड़ का गड़बड़झाला करके हो चुका है फरार : इनका नाम अजेय कुमार आचार्या है. ये नाम भी सही है या नहीं, इस पर संदेह है लेकिन चूंकि इन्होंने अपना यही नाम लखनऊ के दर्जन भर से ज्यादा मीडिया मालिकों को बताया था, सो, लोग इन्हें इसी नाम से जानते हैं. इन्होंने अपने बायोडाटा में अपना पता भावनगर, गुजरात बताया है.

नकारे जाने से बौखलाए हैं बुखारी जैसे लोग

कोई नेता पत्रकार पर हाथ तभी उठाता है जब उसकी हैसियत समाज में खत्म हो जाती है. अहमद बुखारी जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं उसे इस देश के मुसलमानों ने नकार दिया है. इसी के परिणामस्वरूप आज बुखारी मारपीट पर उतर आये. इसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है. सभ्य समाज में इस तरह की हिंसा का कोई मतलब नहीं है. अहमद बुखारी मुसलमानों को किस तरह गुमराह करने की कोशिश करते रहे हैं, यह सबको पता चल चुका है. अब मुसलमान उन्हें घास नहीं डाल रहा . बौखलाए बुखारी अब खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की बदतमीजियों पर उतर आये हैं. दरसल बुखारी की पीड़ा भी जायज है. अयोध्या के फैसले के बाद भी देश में अमन चैन का माहौल रहना बुखारी और तोगड़िया जैसों को दुःख पहुंचाता ही है. अगर इस तरह का प्यार का वातावरण रहेगा तो इन लोगों को कौन पूछेगा.

बुखारी ने सवाल पूछने वाले पत्रकार की दाढ़ी नोंची

मौलाना अहमद बुखारी अब अवाम की जुबान कुचलने पर आमादा हो गये हैं। लखनऊ में आज उन्होंने एक पत्रकार को भरी प्रेस कांफ्रेंस में जमकर पीटा। हाईकोर्ट के फैसले पर मौलानाओं से बात करने यहां आये दिल्ली की जामा मस्जिद के ईमाम अहमद बुखारी ने सवाल पूछने की हिमाकत करने पर भरी प्रेस कांफ्रेंस में दास्तान-ए-अवध के सम्पादक मोहम्मद वहीद चिश्ती की दाढी नोंची, टोपी उछाली और थप्पड़ों की बौछार कर दी।

अहमद बुखारी के लोगों ने लखनऊ में पत्रकार पर किया हमला

लखनऊ से एक सूचना आ रही है कि अहमद बुखारी की प्रेस कांफ्रेंस में आज एक पत्रकार पर हमला कर दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक  दास्ताने अवध नाम के पत्रकार अब्दुल वहीद ने अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़ा कोई सवाल पूछा, कोई सजेशन दिया जो अहमद बुखारी के लोगों को नागवार गुजरा.

लखनऊ में शिव शंकर गोस्वामी पिटे

दैनिक जागरण, लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार शिव शंकर गोस्वामी के बारे में सूचना है कि कल उनकी पिटाई निर्वाचन आयोग के कार्यालय के सामने हो गई. उन्होंने निर्वाचन आयोग आफिस के सामने तैनात सुरक्षा गार्डों ने पीटा. विवाद की वजह आफिस के सामने स्कूटर खड़ा करना बताया जाता है. शिव शंकर गोस्वामी अमर उजाला व राष्ट्रीय सहारा के भी ब्यूरो चीफ रह चुके हैं.