: असम के मुख्यमंत्री आज बांटेंगे लैपटाप : चुनाव की आहट सुनने के बाद से आम जनता के बीच कम्बल और चावल बांटने में लगे असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई आज यानी 24 फरवरी को पत्रकारों के बीच लैपटाप बांटेंगे। तमाम विरोध के बावजूद चुनाव के ऐन मौके पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के बीच रेविड़यां बांटने की ठान ली है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार 24 फरवरी को कलाक्षेत्र सांस्कृतिक प्रेक्षागृह में एक भव्य समारोह आयोजित कर लैपटाप का वितरण होगा।
पहले चरण में 250 लैपटाप बांटे जाएंगे। जिनमें वे पत्रकार शामिल होंगे जिनका एक्रीडिसन और रिकागिनशन है। वहीं 10 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे लोगों को अगले चरण में लैपटाप दिया जाएगा। वैसे कहा जा रहा है कि कल कुछ वैसे पत्रकारों को भी लैपटाप दिया जाएगा जिनके पास एक्रीडिसन अथवा रिकागनिशन नहीं है। क्योंकि पहले चरण में राज्य सरकार ने 250 लैपटाप की व्यवस्था की है और एक्रीडिसनऔर रिकागनिशन वाले पत्रकार मात्र 140 के करीब हैं। ऐसे में एक सौ लैपटाप बच जाता है और यह सुनकर कई वरिष्ठ पत्रकार अपनी तिकड़ी भिड़ाने लगे हैं ताकि उन्हें मिल जाए। क्योंकि उन्हें डर है कि एक मार्च को विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने वाली है और पहले चरण में लैपटाप हाथ नहीं लगा तो संभव है कि कभी मिले ही नहीं।
पत्रकारों को लैपटाप देने की सरकार की घोषणा सुनकर कई मीडिया हाउस तो टूट पड़े हैं, जबिक कईयों ने लेने से मना कर दिया है और अपने अखबार में इस खबर को प्रकाशित कर चुनाव के ऐन मौके पर लैपटाप दिए जाने की बातों को पत्रकारों को लालीपाप दिखाने जैसा बताया है। कुछ मीडिया हाउसों में तो लैपटाप को लेकर प्रबंधन और कर्मचारी आमने-सामने हो गए हैं. प्रबंधन मना कर रहा है, लेकिन कर्मचारियों को कहना है कि इस फटेहाल पत्रकारिता के जीवन में किसी प्रकार लैपटाप वाले तो बन जाएं। वहीं विपक्षी दलों ने सरकार के इस करतूत को गलत ठहराते हुए विरोध शुरू कर दिया है, लेकिन सरकार है कि मानने को तैयार नहीं।
Comments on “कई मीडिया हाउसों ने लैपटाप लेने से मना किया”
ले लो भाई आप की पत्रकारी की कीमत लग रही है असम हो चाहे पंजाब यह लीडर साले अपनी तरह ही सभी को बिकाऊ समझते है पंजाब में भी बीते महीने एक मंत्री ने पेसो के लिफाफों देकर पत्रकार को उसकी खबर की कीमत देने की कोशिश की थी
ले लो भाई आप की पत्रकारी की कीमत लग रही है असम हो चाहे पंजाब यह लीडर साले अपनी तरह ही सभी को बिकाऊ समझते है पंजाब में भी बीते महीने एक मंत्री ने पेसो के लिफाफों देकर पत्रकार को उसकी खबर की कीमत देने की कोशिश की थी
ले लो भाई आप की पत्रकारी की कीमत लग रही है असम हो चाहे पंजाब यह लीडर साले अपनी तरह ही सभी को बिकाऊ समझते है पंजाब में भी बीते महीने एक मंत्री ने पेसो के लिफाफों देकर पत्रकार को उसकी खबर की कीमत देने की कोशिश की थी
le lo jo bhi milta hai sab kuch logo se loota huaa hi hai
yah neta 5 saal me ak bar hi dete ,wo rispat samaj kar de rahe h , aap log gift samaj kar lelo
Kisi ne sach kaha kutte ki jaat kabhi nahi sudharti hai waisi hi hamare neta hai .. kya kare hum bhi likhne par majbur hai
http://www.sakshatkar.com
http://www.bollywoodkhabar.com