: जेमिमा, माइक जैगर पहुंचे गारंटी देने : लंदन से खबर है कि विकिलीक्स के संपादक जूलियन असांजे जमानत मिलने के बावजूद छोड़े नहीं जा रहे हैं इस कारण वे अब भी जेल में पड़े हुए हैं. स्वीडन की दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार असांजे को ब्रिटेन की एक अदालत ने मंगलवार को सशर्त जमानत दे दी थी, लेकिन स्वीडन के अभियोजकों ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है. अपील की सुनवाई होने के दौरान असांजे को 48 घंटे तक जेल में रहना होगा. असांजे की गारंटी देने के लिए मशहूर संगीतकार माइक जैगर और इमरान खान की पूर्व पत्नी जेमिमा समेत कई चर्चित चेहरे मौजूद थे.
उल्लेखनीय है कि जिला न्यायाधीश हावर्ड रिडल ने मंगलवार को 39 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे को दो लाख 40 हजार पौंड (करीब एक करोड़ 72 हजार रुपये) के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी थी. असांजे खुद को स्वीडन प्रत्यर्पित किए जाने का विरोध कर रहे हैं. जमानत की शर्त के मुताबिक उन्हें अपना पासपोर्ट सौंपने को कहा गया है. साथ ही उन्हें एक तय जगह पर रहना होगा और स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट करना होगा. असांजे के वकील मार्क स्टीवेन्स ने कहा कि उनके मुवक्किल को जमानत दे दी गई है, लेकिन समस्या यह है कि उन्हें जमानत के लिए दो लाख पाउंड नकद जमा करना होगा. इसमें समय लगेगा. दुख की बात यह है कि धन जमा करने के लिए मास्टरकार्ड या वीजा का इस्तेमाल नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि असांजे ने ब्रिटेन में अपने मामले की सुनवाई का फैसला इसलिए क्योंकि उन्हें यहां की न्याय व्यवस्था में पूरा विश्वास है.
Comments on “जमानत हो गई फिर भी नहीं छोड़े जा रहे असांजे”
The whole episode is suggestive of how one man can be a change agent using the New Media and IT applications in the right direction and intention and how the corrupt political system is going to harass the change.
“खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे” whatver is leakde by wikileaks is deserved to be leaked, so crime is not to leak that but to take measures to avoid such act in future which when leaked white collars get dirty.
Julian is right even if they kill him for thy acts he remain in the minds and hearts of people “time magazine” chosen him as most talked about celebrity for the year” Barack Obama is number 6. is it a coincidence that US government is behaving the way number 6 is supposed to behave, not a “manhood” act.
यशवंत भाई भडास के पाठकों में और विकीलिक्स और विकीपिडिया के पाठकों में कुछ एक को छोड़ कर बहुतायत में एक बुनियादी फर्क है यहाँ जो समर्थ हैं वो ह्रदय विहीन और “लिख लोढ़ा पढ़ पत्थर” टाइप लोग हैं. जो सब कुछ समझते हैं और सही कार्य करना और उसमें मदद करना और उसे बढ़ाना चाहते हैं वो खुद किसी चंदे के तलबगार हैं. इनमें से अधिकांश बदनसीबी से कोई माध्यम न होने की वजह से किसी कोने अतरे में पड़े लगभग जलालत वाला जीवन यापन करने को मजबूर हैं. ऐसे में अधिक(पर्याप्त) की उम्मीद करना तो अपने आपको धोखा देना ही होगा.
ऐसे में मेरा व्यक्तिगत परामर्श है की कुछ चुनिन्दा साधन पैदा किये जाएँ जिनसे पर्याप्त धन की आपूर्ति होती रहे और ये “मिशन” जिसके लिए प्रकृति ने आपको चुना और आपने साम दाम दंड भेद भरपूर इसे निभाने का प्रयत्न किया जारी रहे.
शेष मिलने पर तब तक के लिए “होहिये सोहि जो राम रचि राखा, का करि तर्क बढाओ साखा”
अभी दुआ है मेरे दोस्त ये कबूल करो,
जख्मे मरहम भी मिलेगा,
कभी हम मिल जो गए !!!
आमीन.