: दावा नम्बर एक का, और बिना ओबी के निपटा दशहरा : कोलकाता : कम से कम बंगाल में तो दशहरा सबसे बड़ा उत्सव होता है। इसलिए खबरिया चैनलों के लिए भी इससे बड़ा कुम्भनुमा जश्न और कोई नहीं होता। कवरेज की आपाधापी और एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ लगी रहती है यहां के चैनलों में। मगर महुआ खबोर के लिए इस बार यह मौका उत्सव तो हर्गिज नहीं रहा।
वजह यह कि इस बार यहां लगीं दोनों ओबी वैन लापता रहीं। पता चला है कि कई महीनों से भुगतान न मिलने के कारण किराये पर चल रहीं इन दोनों ओबी को उनकी कम्पनियों ने वापस बुला लिया है। जानकारों के मुताबिक ओबी वैन किराये पर देने वाली कम्पनी ने महुआ प्रबंधन से साफ कह दिया है कि पहले बकायों का भुगतान करो, फिर ओबी की सेवाएं वापस मिल सकेंगीं।
कोलकाता ही नहीं, आसपास के क्षेत्रों में भारी उल्लास और भव्यता से नवदुर्गा और विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। कहने की जरूरत नहीं कि इस मौके पर जनमानस के साथ ही खबरिया चैनल भी अपनी दुकान को बढिया तरीके से चलाने की जुगत में रहते हैं। यानी खबरों में अव्वल रह कर एक दूसरे से आगे निकल जाने की आपाधापी का दौर कम से कम इस मौके पर बेहिसाब होता है। लेकिन इस बार महुआ खबोर के पांवों में जैसे जंजीर ही पड़ गयी। कारण था सीधा प्रसारण दिखा सकने वाली ओबी वैन की अनुपलब्धता। यहां दो ओबी वैन की सेवाएं ली जा रही थीं। यह ओबी वैन किराये पर थीं। पता चला है कि करीब एक महीना पहले ही इन ओबी वैन को उनकी कम्पनी ने वापस मंगा लिया था।
सूत्रों के मुताबिक ओबी वैन कम्पनी ने अपने बकायों के भुगतान के लिए महुआ प्रबंधन को काफी पहले से ही नोटिस दे रखी थी कि इन वैन के किरायों का समय से भुगतान कर दिया जाए। यह भी कह दिया गया था कि अगर भुगतान नहीं मिला तो नवदुर्गा और विजयादशमी पर्व के लाइव कवरेज की बात महुआ प्रबंधन भूल जाए। बताते हैं कि इस कम्पनी को महुआ ने कई महीनों का किराया अदा नहीं किया है।
जानकारों के मुताबिक करीब एक महीना पहले ही कम्पनी ने अपनी वैन को महुआ की सेवा से हटा कर दक्षिणी राज्यों की ओर रवाना कर दिया है, जहां उसकी सेवाएं वहां के स्थानीय चैनल उठा रहे हैं। इस तरह महुआ खबोर के पास अब सीधा प्रसारण दिखा पाने की कोई भी सुविधा नहीं है। नवदुर्गा और विजयादशमी की खबरों के लिए खबोर के रिपोर्टर दूसरे चैनलों के रिपोर्टर और कैमरामैंनों के सामने गिड़गिडा रहे हैं ताकि उन्हें थोड़े ही सही, लेकिन कुछ फुटेज मिल सकें।
कुल मिलाकर इन हालातों ने यहां महुआ खबोर की हालत काफी पतली कर दी है। बाजार में जगहंसाई तो खैर हो ही रही है। वैसे बताते हैं कि खबोर को लेकर प्रबंधन ज्यादा गंभीर भी नहीं है। इसकी वजह उनका यह विश्वास है कि पहले से ही न्यूतम सीढ़ी पर खड़े महुआ खबोर को उससे भी नीचे ढकेला जा पाना किसी भी तरह से मुमकिन नहीं।