रियलिटी शोज टीआरपी नहीं, पैसा देते हैं

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बुद्धू बक्से पर फैमिली ड्रामा और रियलिटी शो के बीच लंबे समय से जंग जारी है। ज्यादा से ज्यादा टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) पाने की होड़ में जहां एक ओर इमोशनल ड्रामा के जरिए छोटे पर्दे की बहुएं दर्शकों का दिल जीतने की कोशिश कर रही है। वहीं, दूसरी ओर रियलिटी शोज में सेलिब्रिटीज का जबरदस्त तड़का लगाया जा रहा है।

लेकिन पैसा फेंक कर करोड़ों का तमाशा दिखाने के बावजूद रियलिटी शोज आमतौर पर टीआरपी की दौड़ में टीवी सीरियल्स से पिछड़ते नजर आते हैं। टीआरपी का आंकलन करने वाली मीडिया शाखा टैम की रिपोर्ट पर नजर डालें तो रियलिटी शोज की औसत टीआरपी फैमिली ड्रामा से कमजोर साबित हुई है। यह बात और है कि विभिन्न रियलिटी शोज के खास एपिसोड की टीआरपी ने कई बार नए रिकॉर्ड भी बनाए हैं।

हालांकि, कमाई के मामले में फैमिली ड्रामा पर रियलिटी शोज शुरू से ही भारी पड़े हैं और उसकी वजह भी है। टेलीवुड से जुड़ेजानकारों के मुताबिक टीवी सीरियल्स की कमाई महज विज्ञापनों के जरिए होती है, जबकि रियलिटी शोज की कमाई के कई और तरीके भी हैं- जैसे : स्पॉन्सरशिप, पसंदीदा कंटसटेंट को वोटिंग के लिए अथवा कार्यक्रम में खुद पार्टिसिपेट करने के लिए भेजे जाने वाले एसएमएस बगैरह। जानकार बताते हैं कि रियलिटी शोज की भारी-भरकम कमाई का एक बड़ा हिस्सा स्पॉसरशिप से जुगाड़ा जाता है।

वहीं, रियलिटी शोज के विज्ञापनों की रेट का टीवी सीरियल्स के मुकाबले अधिक होना भी इनकी मोटी कमाई का प्रमुख कारण है। विज्ञापनों की दर मुख्य रूप से रियलिटी शोज की पॉपुलैरिटी, संबंधित चैनल और टाइम स्लॉट के आधार पर तय होती है। इसके अलावा विभिन्न रियलिटी शोज के एसएमएस की कीमत भी अलग-अलग दर के हिसाब से वसूली जाती है। केबीसी में भाग लेने के लिए जहां एक एसएमएस की कीमत 12 रूपए है। वहीं, टैलेंट हंट प्रोग्राम में पसंदीदा कंटेस्टेंट को वोटिंग के लिए आपको 6 रूपए प्रति एसएमएस तक खर्च करने पड़ते हैं।

क्या है रियलिटी शो : रियलिटी शोज यानि वैसे प्रोग्राम्स जो स्क्रिप्टेड नहीं होते। इसमें मुख्य रूप से प्रतिभागियों पर फोकस किया जाता है और शो के पैटर्न के हिसाब से कार्यक्रम को दर्शकों के सामने पेश किया जाता है। रियलिटी शो कई तरह के होते हैं- जैसे गेम रियलिटी शोज, टैलंट हंट रियलिटी शोज, एनटरटेनमेंट रियलिटी शोज, कॉमेडी रियलिटी शोज, सेलीब्रिटीज रियलिटी शोज, कुकिंग रियलिटी शोज आदि। इसके अलावा इन दिनों छोटे पर्दे पर परफेक्ट ब्राइड, स्वयंवर जैसे मैरिज रियलिटी शोज का नया ट्रेंड भी चलन में है। हालांकि, रियलिटी शो में स्क्रीप्ट को तरजीह नहीं दी जाती और आम लोगों के जरिए सच को पेश करने का दावा किया जाता है। लेकिन टीआरपी बढ़ाने के लिए रियलिटी शोज को स्क्रीप्टिंग के जरिए सनसनीखेज बनाने के आरोप भी लगने लगे हैं।

टीआरपी का फॉर्मूला : टीवी या रेडियो पर कोई विज्ञापन या कार्यक्रम सैटेलाइट के जरिए प्रसारित किया जाता है। अखबार और मैगजीन की तरह टीवी प्रोग्राम्स या विज्ञापनों की दर्शक संख्या जानने का कोई प्रत्यक्ष फॉर्मूला नहीं है। इसलिए स्टैटिस्टिकल सैंपलिंग थ्यौरी के आधार पर टेलीविजन ऑडिएंश मेजरमेंट (टैम) के जरिए दर्शक संख्या का आंकलन किया जाता है। टैम मीडिया रिसर्च की एक विशेष शाखा है। टीआरपी रेटिंग प्रतिशत में व्यक्त की जाती है। मौजूदा समय में चैनलों और घरों में टीवी सेट्स की संख्या बढ़ने के कारण स्पष्ट टीआरपी रेटिंग निकालना थोड़ा मुश्किल हो गया है। पहले टेलीफोन कॉल्स और टीवी डायरिज के जरिए ही टीआरपी का आंकलन किया जाता है, लेकिन अब टीआरपी जानने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पीपुल मीटर का इस्तेमाल किया जाता है। इस मीटर को सैंपल घरों में टीवी सेट्स के साथ जोड़ा जाता है। टीवी पर जो चैनल या प्रोग्राम देखे जाते हैं, उसका डेटा इस मीटर में लगातार दर्ज होता रहता है और इस तरह सैंपल घरों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर टीआरपी निकाल ली जाती है।

उल्लेखनीय है कि दुनिया का पहला पीपुल मीटर 1976 में इटली की मार्केट रिसर्च कंपनी एलसीएम ग्रैमन द्वारा इटली के 500 घरों में लगाया गया था। वर्तमान में एसी नेल्सन, एजीबी ग्रुप और गैलअप दुनिया की तीन प्रमुख टैम एजेंसी हैं। भारत में पीपुल मीटर को प्रमुख नौ राज्यों के 16 बड़े शहरों में इंस्ट्रॉल किया गया है। चूंकि, सिर्फ 16 शहरों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ही टीआरपी निकाली जाती है, इसलिए टीआरपी रेटिंग की प्रमाणिकता को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। हालांकि, टीआरपी रेटिंग को प्रोग्राम की लोकप्रियता का आधार माना जाता है, लेकिन इसे नकारने वालों का तर्क यह भी है कि महज 16 शहरों के सीमित दर्शकों की पंसद को अधिसंख्य जनसंख्या की च्वाइस नहीं माना जा सकता।

विदेशी ढंग, देसी रंग : रियलिटी शोज ने 1990 के दशक में भारत में दस्तक दी थी। जीटीवी के म्यूजिकल टैलेंट हंट शो सारेगमाप को भारत का पहला रियलिटी शो कहा जाता है। सारेगमप का प्रसारण पहली बार 1995 में शुरू हुआ था। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि सही मायने में “एमटीवी रोडिज” भारतीय टेलीविजन पर प्रसारित होने वाला पहला रियलिटी शो था। वर्ष 2000 में कौन बनेगा करोड़पति की सफलता ने भारतीय टेलीविजन जगत में भूचाल मचा दिया और टीवी पर रियलिटी शोज की जैसे बाढ़ सी आ गई।

केबीसी अमरीकी टेलीविजन चैनल पर दिखाए जाने वाले गेम शो हू वॉन्ट्स टू वी ए मिलेनायर का देसी वर्जन था और इसे भारतीय दर्शकों ने काफी पसंद किया। केबीसी के नक्शे कदम पर चलते हुए कई चैनलों ने अमरीकी टीवी से फॉर्मूला कॉपी कर भारतीय चैनलों के लिए रियलिटी शोज तैयार किए। विदेशी आईडियाज पर बनाने गए देसी रियलिटी प्रोग्राम्स की लिस्ट काफी लंबी है। इनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं –

  1. हू वॉन्ट्स टू वी ए मिलेनायर – कौन बनेगा करोड़पति

  2. अमरीकन आइडल – इंडियन आइडल

  3. अमरीकाज गॉट टैलेंट – इंडियाज गॉट टैलेंट

  4. आर यू स्मार्टर दैन द फिफ्थ ग्रैडर – क्या आप पांचवी पास से तेज हैं

  5. पॉवर ऑफ 10- दस का दम

  6. बिग ब्रदर – बिग बॉस

  7. बेबी बॉरोवर्स – पति पत्नी और वो

  8. फीयर फैक्टर – खतरों के खिलाड़ी

कितना खर्चा : टीवी प्रोडक्शन से जुड़े जानकारों के अनुसार सीरियल के मुकाबले रियलिटी शो बनाना काफी महंगा सौदा है। फैमिली ड्रामा का एक एपिसोड बनाने में कहानी और सेट के अनुसार तकरीबन 8-10 लाख रूपए खर्च होते हैं। जबकि नॉन सेलीब्रिटीज रियलिटी शो जैसे डांस इंडिया डांस के एक एपिसोड पर लगभग 40 लाख रूपए और सेलीब्रिटीज रियलिटी शोज जैसे खतरों के खिलाड़ी, दस का दम आदि का एक एपिसोड बनाने में एक करोड़ रूपए तक का अनुमानित खर्च आता है। चौंकाने वाली बात यह है कि भारी भरकम खर्चे के बावजूद टीआरपी की दौड़ में रियलिटी शोज ज्यादा आगे नहीं निकल पाते। टीआरपी की रेस में अभी भी टीवी सीरियल्स का ही बोलबाला है। आंकड़ों के अनुसार तकरीबन 80 फीसदी दर्शक फैमिली ड्रामा को रियलिटी शो से ज्यादा तरजीह देते हैं।

करोड़ों के वारे न्यारे : स्टार प्लस पर जब अमरीकी रियलिटी गेम शो “हू वॉन्ट्स टू वी ए मिलेनायर” का देशी वर्जन “कौन बनेगा करोड़पति” वर्ष 2000 में पहली बार स्मॉल स्क्रीन पर प्रसारित हुआ, तो इसने सफलता के कई कीर्तिमान स्थापित किए। केबीसी के पहले सीजन को बॉलीवुड के शहंशाह बिग बी ने होस्ट किया था और इसकी औसत टीआरपी रेटिंग 7.8 तक दर्ज की गई थी। छोटे पर्दे के गेम शो “केबीसी” ने सिर्फ इस शो के एक कंटेसटेंट हर्षवर्द्धन नवाठे को ही करोड़पति नहीं बनाया बल्कि करोड़ों रूपए के कर्ज के बोझ तले दबे अमिताभ बच्चन को कर्ज से उबारते हुए छोटे पर्दे का भी शहंशाह बना दिया। एक अनुमान के मुताबिक केबीसी ने 200 करोड़ रूपए से भी अधिक की कमाई कर इतिहास रचा था।

केबीसी की अपार सफलता ने छोटे पर्दे पर कई गेम्स शो के द्वार खोल दिए। शाहरूख खान का गेम शो क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं, सलमान खान का दस का दम, आर. माधवन का बिग मनी आदि प्रमुख हैं। हालांकि, केबीसी जैसी कामयाबी किसी दूसरे गेम शो को नहीं मिली। यहां तक कि अमिताभ के बीमार होने के बाद केबीसी के तीसरे सीजन की कमान थामने वाले शाहरूख भी फ्लॉप साबित हुए और केबीसी-3 की औसत टीआरपी महज 5.5 तक ही पहुंच पाई। संभवत: यही कारण है कि बिग बी को फिर से केबीसी की हॉट सीट पर बिठाया गया है और वो जल्द ही इस गेम शो को सोनी एनटरटेनमेंट चैनल पर नए अवतार में लेकर दर्शकों के सामने आ रहे हैं।

इनका दिखेगा जलवा ! : स्मॉल स्क्रीन पर एक बार फिर रियलिटी शोज की बाढ़ सी आने वाली है। टीवी चैनलों पर आने वाले कुछ प्रमुख रियलिटी शोज इस प्रकार हैं –

  1. राखी का इंसाफ – एनडीटीवी इमैजिन

  2. कौन बनेगा करोड़पति सीजन -4 – सोनी एनटरटेनमेंट

  3. बिग बॉस सीजन -4 – कलर्स

  4. खतरों के खिलाड़ी सीजन -3 – कलर्स

  5. दस का दम सीजन -3 – सोनी

  6. द पिच (बिजनेस रियलिटी शो) – यूटीवी ब्लूमबर्ग

 

पॉपुलर रियलिटी शोज : एमटीवी बकरा, कौन बनेगा करोड़पति, इंडियन आइडल , सारेगमप, बिग बॉस, द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज, नच बलिए , झलक दिखला जा, राखी का स्वयंवर, राज पिछले जनम का, सच का सामना, राहुल दुल्हनिया ले जाएगा, कॉमेडी सर्कस, दस का दम, क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं, इमोशनल अत्याचार, बिग मनी, इंडियाज गॉट टैलेंट, पति पत्नी और वो, डांस इंडिया डांस, वॉयस ऑफ इंडिया, चक धूम धूम, लिफ्ट करा दे, एनटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा।

प्रमुख प्रोग्राम्स की टीआरपी – (आंकड़े अगस्त के हैं) :

प्रोग्राम  टीआरपी

  1. बालिका वधू- 3.47

  2. उतरन – 5.62

  3. पवित्र रिश्ता – 4.76

  4. अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो – 4.62

  5. बिदाई – 3.22

  6. ये रिश्ता क्या कहलाता है – 4.21

  7. लाडो- 3.23

  8. प्रतिज्ञा – 4.7

  9. तारक मेहता का उल्टा चश्मा – 3.62

  10. लागी तुझसे लगन – 3.92

 

रियलिटी शोज की औसत टीआरपी रेटिंग :

  1. राखी का स्वयंवर (एनडीटीवी इमैजिन)- 3.7

  2. आपकी कचहरी -2 (स्टार प्लस)- 3.4

  3. खतरों के खिलाड़ी – 2 (कलर्स)- 3.5

  4. क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं (स्टार प्लस) – 4.6

  5. केबीसी -3 (स्टार प्लस) – 5.5

  6. बिग बॉस – 3 – 4.3

  7. बिग मनी – 3.2

  8. इंडियाज गॉट टैलेंट खोज -2 – 2.6

  9. इंडियन आइडल -5 – 3.3

  10. डांस इंडिया डांस सीजन-2 – 4.1

साभार : पत्रिका डॉट कॉम

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