भड़ास4मीडिया पर ‘टीवी और टीआरपी’ का प्रकाशन बंद : कई लोगों के फोन आए। पूछ रहे थे। साप्ताहिक टीआरपी का प्रकाशन क्यों बंद कर दिया? उन्हें बताया गया। न्यूज चैनलों की दर्शक संख्या उर्फ टीआरपी बताने वाली संस्था टेलीविजन आडियेंस मिजरमेंट उर्फ टैम की कार्यपद्धति को जब हम अवैज्ञानिक, रहस्यमय, संदिग्ध, जनविरोधी, पत्रकारिता विरोधी, बायस्ड, शुद्ध व्यावसायिक, अपारदर्शी… मानते हैं तो इनके आंकड़ों को प्रकाशित कर इन्हें प्रसिद्धि व विश्वसनीयता क्यों दिलाएं! गांवों, कस्बों को अपने कथित रिसर्च से दूर रखने वाली इस संस्था के बड़े-बड़े शहरों के खाए-पीए-अघाए घरों के आंकड़ों से देश के टीवी न्यूज चैनलों की दशा-दिशा जब तय हो रही हो तो ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि कुछ लोग कहें कि हम टैम और टीआरपी के घटिया व खतरनाक धंधे के विरोध में हैं और अपने किसी भी कृत्य से इस संस्था को बढ़ावा नहीं देंगे, उल्टे जो भी मंच व मौका मिलेगा, वहां टैम वालों को गालियां देंगे। इसी उद्देश्य से साप्ताहिक टीआरपी का प्रकाशन भड़ास4मीडिया पर पिछले कुछ हफ्तों से बंद किया जा चुका है और आगे भी बंद रहेगा।