पिछले एक महीने से हिन्दुस्तान, बरेली ने गलतियां करने का रिकार्ड कायम कर दिया है। बरेली और उसके आसपास के जिला एडिशनों में प्रकाशित गलतियों के चलते हिन्दुस्तान की बहुत किरकिरी हुई। गलतियों की पुनरावृत्ति ना हो इसको लेकर हिन्दुस्तान के प्रभात नगर कार्यालय में मैराथन बैठक हुई। बैठक में गलतियों के सुधार को लेकर दिग्गजों के सुझाव आयें, लेकिन जिन्होंने गलतियां की उनको बचाने के पूरे प्रयास इस बैठक में हुए।
हिन्दुस्तान, बरेली में छवि को धूमिल करने में सबसे आगे रहीं एक मैडम को बचाने के लिए बैठक से पहले ही पे बंदी कर ली गयी। एक चीफ महोदय ने गलतियों का ठीकरा पूरे स्टाफ पर मढ़ दिया। बैठक में एक बार भी मैडम से नहीं पूछा गया कि गलतियां कैसे हो रही हैं। न ही उनको इन गलतियों के संदर्भ में कोई नोटिस दिया गया, बल्कि यहां तक कह दिया गया कि पूरा स्टाफ नाकारा है लिखना नहीं आता। तो सवाल है कि फिर नाकारा लोगों की भर्ती कैसे हो गयी।
बैठक का लब्बोलुआब यह रहा कि गलतियों के सुधार के लिए सीटिंग प्लान बदल दिया गया है, जो सोमवार यानी आज से लागू होगा। तीन चार लोगों का सिटिंग प्लान बदल दिया गया है. इस तुगलकी आदेश का मीडिया जगत में बहुत मजाक बना है। गलती मैडम ने की और नाकारा पूरा संपादकीय स्टाफ बनाया गया। मैडम को जो साहब बचा रहे हैं उनके ही सुझावों पर अमल हो रहा है। मीटिंग के बाद मैडम और उनको बचाने वाले महोदय ऐसे सीना तान के निकले जैसे वह किला जीत कर आये हों। यदि सीटें बदलने से गलतियां कम हो जाती हैं तो मीडिया के अच्छा सबक होगा। दूसरे मीडिया घराने भी इससे लाभ पा सकते हैं।
एक पत्रकार द्वारा भेजा गया पत्र.