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कानाफूसी

ढेरों बदलाव के बाद भी नहीं सुधरे पी7 न्‍यूज के हालात

पी-7 के हाल बेहद बुरे हो गए हैं। डायरेक्टर केसर सिंह अपनी कुर्सी बचाने के लिए गलतियों पर गलतियां करते चले जा रहे हैं। चेयरमैन निर्मल सिंह भंगू ने अगस्त तक का अल्टीमेटम दे दिया है और उसके बाद भी चैनल नहीं सुधरा तो नए डायरेक्टर संभाल लेंगे। चेयरमैन के दामाद विदेश से मीडिया मैनजमेंट का कोर्स करके लौट रहे हैं और खबर है कि भविष्य में वो ही कमान संभालेगे।

<p style="text-align: justify;">पी-7 के हाल बेहद बुरे हो गए हैं। डायरेक्टर केसर सिंह अपनी कुर्सी बचाने के लिए गलतियों पर गलतियां करते चले जा रहे हैं। चेयरमैन निर्मल सिंह भंगू ने अगस्त तक का अल्टीमेटम दे दिया है और उसके बाद भी चैनल नहीं सुधरा तो नए डायरेक्टर संभाल लेंगे। चेयरमैन के दामाद विदेश से मीडिया मैनजमेंट का कोर्स करके लौट रहे हैं और खबर है कि भविष्य में वो ही कमान संभालेगे।</p>

पी-7 के हाल बेहद बुरे हो गए हैं। डायरेक्टर केसर सिंह अपनी कुर्सी बचाने के लिए गलतियों पर गलतियां करते चले जा रहे हैं। चेयरमैन निर्मल सिंह भंगू ने अगस्त तक का अल्टीमेटम दे दिया है और उसके बाद भी चैनल नहीं सुधरा तो नए डायरेक्टर संभाल लेंगे। चेयरमैन के दामाद विदेश से मीडिया मैनजमेंट का कोर्स करके लौट रहे हैं और खबर है कि भविष्य में वो ही कमान संभालेगे।

इसके चलते केसर सिंह बहुत जल्दी में हैं लेकिन उनके अपने ही नाकाबिल लोग गलत सलाह देकर चैनल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस बीच केसर सिंह ने सेलरी बढ़ाने का भी दांव खेला, लेकिन उससे भी चैनल के हालात सुधरते नहीं दिखाई दे रहे हैं, उल्टे सेलरी बढ़ने के बाद चार में से दो सीनियर प्रोड्यूसर चैनल छोड़ गए हैं, और जो दो बचे हैं वो केवल कामचलाऊ व्यवस्था करने वाले हैं। छोड़ने वालों में एक साढ़े नौ बजे के स्पेशल प्रोग्राम को तैयार करने वाले आशीष झा को आउटपुट हेड रमन पांडे का सबसे करीबी माना जाता है, लेकिन जैसे ही उसको रमन पांडे की स्थिति गड़बड़ाने की भनक लगी, उसने संस्थान को अलविदा कहना ही ठीक समझा। आशीष के जाने को रमन पांडे की विदाई की शुरुआत माना जा रहा है।

एडिटर इन चीफ बनाए गए सतीश जैकब ने केसर सिंह के सामने सरेंडर कर दिया और उसके बाद केसर सिंह के लिए रमन पांडे की अहमियत कम हो गई। काम तो रमन पांडे को आता नहीं, ये केसर सिंह को भी पता है। इस बीच रमन पांडे के अधिकारों को कम करते हुए एसाइनमेंट देख रहे एसोसिएट ईपी राजेश कुमार को दिन का स्लाट दे दिया गया है। दिन के समय राजेश कुमार के मुताबिक ही आउटपुट का काम चल रहा है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। राजेश को केवल रीजनल चैनल का ही अनुभव है और वो रीजनल खबरों को ही उठाने पर जोर देते हैं। इसके अलावा उनकी चिल्लाने और तीखी जुबान के कारण आउटपुट के लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है, हालांकि उनको रमन पांडे के जाने के संकेत मिलने से राहत भी है।

केसर सिंह ने अब राजेश कुमार पर दांव लगा दिया है और इसी का फायदा उठाते हुए राजेश सहारा एमपी चैनल के अपने कुछ खास लोगों को आउटपुट में लाने की योजना बना रहे हैं. लेकिन मौके का फायदा उठाते हुए सहारा के लोग मोटी सेलरी और प्रमोशन मांग रहे हैं। इससे पहले रमन पांडे ने कई काबिल लोगों को चैनल से निकलवा दिया, मैनेजमेंट को अब जाकर इसका अहसास हो रहा है, अब मार्केट से जो मिल रहे हैं, वो छोटी पोस्ट से बड़ी पोस्ट और मोटी सेलरी की मांग कर रहे हैं। खबर है कि सेलरी बढ़ने के बाद अब कई लोग दूसरे चैनलों में जुगाड़ भिड़ाकर निकलने की तैयारी में है।

इस बीच केसर सिंह ने दो महीने पहले ही ब्यूरो चीफ बनाए गए अश्वनी त्रिपाठी का प्रभार छीन लिया है. अब वे फिर से सामान्य रिपोर्टर की तरह ही एसाइनमेंट के नीचे काम कर रहे हैं। अश्वनी को दो महीने पहले एईपी अनुराग पुनेठा से जिम्मेदारी छीन कर दी गई थी। अनुराग पुनेठा अब केवल सामान्य एंकर रह गए हैं और अपनी मोटी सैलरी जस्टीफाई करने में अनुराग को मुश्किल आ रही है। उनकी बड़ी जिम्मेदारियां छीनना उनको निकल लेने का संकेत समझा जा रहा है. लेकिन अश्वनी त्रिपाठी को काम करने के लिए केवल दो महीने का ही समय दिया गया, राजेश कुमार और रमन पांडे शुरू ही अश्वनी त्रिपाठी का विरोध कर रहे थे। इसको लेकर दिल्ली के रिपोर्टरों का भी मनोबल गिर गया है। अब पी-7 के कर्मचारियों को लगता अब इस चैनल का कुछ भी नहीं हो सकता है।

एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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0 Comments

  1. Naveen

    June 11, 2011 at 1:17 pm

    जो होना हैं वोह तो होगा ही यशवंत जी …साले सब के सब चोर हैं पैसा देखकर नीयत ख़राब हो गयी हैं सबकी….की किस तरह इस चैनल की ऐसी की तैसी करके ही चैन मिलेगा इन सबको …डायन भी सात घर छोड़ कर डाका डालती हैं पर यह तो सब के सब मिलकर भंगु जी के चैनल को भंग करने में लग गए हैं I अभी हाल ही में यह पर इन्क्रेमेंट हुआ हैं और वोह भी २० से ३० % ..लेकिन मैनेजमेंट ने कभी भी नहीं सोचा की क्या STAFFERS की SALARY बढ़ा देने से हाल सुधर जायेंगे….बिचारे वोह STRINGERS का क्या होगा जो पूरे देश की खबरें भेजकर पूरे चैनल को चला रहे हैं..उनके बारे में जब से यह चैनल लौंच हुआ हैं वोह इस चैनल के लिए अपनी जान देकर खबरें भेजते हैं और उनको मिलता क्या हैं केवल सिर्फ एक खबर का RS.750/= …यशवंत जी आपको एक चीज और बता दूं सिर्फ BUREAU और नॉएडा में सलारी बढ़ा देने के सिवायें मैनेजमेंट ने कभी कुछ नहीं सोचा STRINGERS के बारे में I इसमें केवल सबसे बड़े PRADESH यू.पी की बात करें तो P7 के पास कई ऐसे धाकड़ रिपोर्टर हैं जिनकी खबरों ने पूरे देश में तेहलका मचा दिया……जैसा की गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, मथुरा, इलाहाबाद, बरेली, अलीगढ और मेरठ I इनका लोहा तो खुद इनके यू.पी चीफ ज्ञानेंद्र शुक्ल जी मानते हैं Iयही एक कारण हैं की कुछ रिपोर्टर इस चैनल में हैं तो सिर्फ ज्ञानेंद्र जी की बदौलत नहीं तो वोह तो कबका P7 को बाय-बाय कह चुके होते..और भी कई ऐसे दमदार रिपोर्टर हैं जो की P7 के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं लेकिन उनको बदले में क्या मिल रहा हैं सिर्फ उनका मेहताना I यशवंत जी बात सिर्फ यही तक नहीं हैं नॉएडा में कई ऐसे लोग हैं जिनकी हरकतों के बारे में हर कोई जनता हैं की वोह क्या करते हैं I जो केवल OUTPUT हेड रमन पाण्डेय के ऊपर आरोप लगा रहे हैं वोह खुद पहले अपने गिरेबान में झांके और फिर किसी पर आरोप लगाये I यह ऑफिस धीरे-धीरे लड़कीबाजी का अड्डा बनता जा रहा हैं जिससे हर कोई वाकिफ हैं I फिर क्यों केवल रमन पाण्डेय के ऊपर तलवार लटक रही हैं ..तलवार तो उन सब पर भी चले जो इस घटिया सोच के हैं I

  2. Anil Pande

    June 11, 2011 at 2:21 pm

    JAHAN-JAHAN CHARAN PADE SANTAN (Satish Jakob-Madhukar Upadhyay) KE, WAHAN HOI BANTADHAR !

  3. ek patrkar

    June 12, 2011 at 2:18 pm

    yashvant ji p7 me uttrakhand me kewal ek hi riporter he wo bhi dehradun me baki pure uttrakhand me aaj tak ke or india tv ke riporter hi khabre bhej rahe he dusro lp moka p7 ke log dena nhi chate or khud kuch kar nhi sakte to ye channel khud hi niche jayga

  4. naween

    June 12, 2011 at 5:47 pm

    ऐसी खबरे लिख कर कोई क्या बताना चाहता है चैनल बढ़िया नहीं कर रहा है तो उन पत्रकारों के कारण जो नौकरी की तलाश में आते है…और नौकरी मिल जाने के बाद संस्था को घुन की तरह खाने लगते है…जहां तक केसर सिह का सवाल है तो मै उन्हे कई बरसों से जानता हूं…मिडियां में 35 साल का अनुभव है…दुरदर्शन के पितामह है,…इसतरह की बात लिखना ओछी हरकत है…..

  5. रवि प्रकाश

    June 13, 2011 at 5:32 am

    कोई केसर सिंह का चापलूस ही होगा जो कह रहा है कि वो दूरदर्शन के पितामह रहे हैं…पी-7 के हालात देखकर लगता है कि ज्यादा पैसा होने के बाद भी चैनल चलाना इतना आसान नहीं है। पी-7 के मालिक निर्मल सिंह भंगू ने जिन केसर सिंह को न्यूज डायरेक्टर बनाया है वो पहले मेकअप आर्टिस्ट थे। दूरदर्शन के लिए प्रोग्राम बनाने वाले प्रोड्यूसरों के आगे पीछे करते हुए अपनी रोजी रोजी चलाते थे। इसके बाद पंजाब के कुछ धन्ना सेठों को पटाकर दूरदर्शन के लिए प्रोग्राम बनाने लगे और फिर किस्मत ने पलटा खाया-पी-7 के मालिक के खास डायरेक्टर से रिश्तेदारी निकालकर न्यूज चैनल चलाने पहुंच गए। न अंग्रेजी आती है न ढंग की हिन्दी- न्यूज क्या खाक समझेंगे। जितने भी निकम्मे, नाकाबिल और चापलूस टाइप के लोग पी-7 में थे, वो उनके करीबी बन गए और जो काबिल हैं, धीरे धीरे साइड लाइन कर दिए गए। केसर सिंह के जाने के बाद ही पी-7 की दशा बदलेगी. तब तक राजेश कुमारों और रमन पांडे जैसों की ही चलती रहेगी।

  6. नवीन

    June 13, 2011 at 8:46 am

    जिस किसी ने भी ये जानकारी दि है, ठीक नहीं है। केसर सिंह जी बहुत दरीयादिल डायरक्टर हैं। पी-7 के एक रिपोर्टर चड्ढा जी जब एक्सीडेंट में घायल हुए तो उन्होने इलाज पर पानि की तरह पैसा बहाया। चेनल को कामयाबी के साथ लांच करने वाले रमन पांडे जी के साथ किया अपना सारे वादे निभाये। हर किसी को काम करने का मौका दिया- जिस किसी ने मौका मांगा- उसे दिया गया। हां उनके कुछ सलाहकारों ने उनको गलत जानकारी दी, जिससे थोरी गड़बड़ हुई , मगर वो हालात संभाल लेगे और चेनल फिर टिआरपी में दोडेगा।

  7. chhattisgarh media

    June 13, 2011 at 2:49 pm

    कोई कुछ भी सोच ले यह चैनल अन्य चैनलों के अपेक्षा बहुत ही बढ़िया है , जो ख़बरों की अहमियत को समझता है, और उसे उसी अंदाज में दर्शको न के सामने प्रस्तुत करता है, जो चैनल के बढ़ते हुए ग्रोथ से चिढ रहे हैं वही उल-जुलूल भ्रम फ़ैलाने का काम कर रहे हैं |

  8. sushil kr.

    June 14, 2011 at 7:19 am

    yashwant ji p7 channel pearls group ka channel hai…is group ne chitfund k jariey janta se hajaro karod wasule hai..unhi paiso me ghotala kar p7 ko khola gaya….ghotale ki buniad par khade is channel k andar bhi bada ghotala hua…..ye tha channel setup k nam par karodo ka ghotala….is ghotale ko anjam diya kesar singh…p7 k technical advisor ashwani( ye reporter ashwani nahi hai) unka khas chela jha babu aur raman……janta k paiso ki loot ab bhi jari hai

  9. नरेन्द्र

    June 14, 2011 at 1:53 pm

    भाई लोगो नवीन सर के पीछे क्यों पड़े हो, तीन तीन बार फर्जी नाम से कमेंट। फर्जी नाम ही लिखना है, तो और भी कई अच्छे नाम है।

  10. Anand kumar

    June 19, 2011 at 8:52 am

    P 7 ki badti khyati ka natiza lag raha hai knyoki arop lagane balo se jyada pachakaro ki bato me dam lagta hai.
    Anand kumar
    mau.

  11. Manik Madan

    June 25, 2011 at 12:41 pm

    This post seems to be Mr. Yashwant’s frustation .

    Rest i feel Bhadas 4 Media is just a medium of Blackmailing .

    Above which since bhadas4media is there in the industry its responsible for encouraging people to spoil the environment along with the ethical responsibility of Journalism …

    Bhadas4media is just doing nothing in sense of positive culture change of media … and plz dnt consider this as critics … Because you dnt even deserve that …. .

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