नई दिल्ली. अन्ना हजारे के अनशन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना एक टीवी चैनल के लिए भारी पड़ सकता है। यूपीए सरकार ऐसे अनशन के प्रसारण के दौरान टीवी चैनल पर वाइस ओवर के तौर पर लगाए गए नारों से नाराज है। सरकार ऐसे कार्यक्रम से लेकर टीवी चैनलों पर दिखाए जाने वाले ‘ट्रैवल शो’ को भी ‘आपत्तिजनक कार्यक्रमों’ की श्रेणी में रखने की तैयारी में है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का एक पैनल इस हफ्ते मीटिंग कर इन मुद्दों पर विचार करेगा। एक अंग्रेजी अखबार का दावा है कि उसके पास मंत्रालय का वह नोट है जिसमें ऐसे कार्यक्रमों पर आपत्ति जताने की बात की गई है। इस नोट के मुताबिक अन्ना के अनशन के दौरान न्यूज़ चैनल ‘आईबीएन 7’ पर ‘रामलीला मैदान पर जाओ’, चश्मदीद बनो पूरे इंकलाब के’ के वॉइस ओवर के साथ अनशन का कवरेज किया गया।
नोट के मुताबिक इस कार्यक्रम में ‘देखो सफेदपोशों को बेनकाब होते’ का वॉइसओवर भी था, जिसमें प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री के विजुअल्स दिखाए जा रहे थे। सरकार का तर्क है कि इस तरह की रिपोर्टिंग लोगों को ‘भड़काती’ है। मंत्रालय के नोट के मुताबिक इस तरह के कार्यक्रमों से लोगों में गुस्सा भड़क सकता है और इससे हिंसा फैलने की आशंका है। साभार : भास्कर
adarshbhalla
September 27, 2011 at 5:51 am
इस प्रकार के चेनलों एवं उन में कान्वेंटी हिंदी बोलते एंकर. इन के लिए तीन दो पांच, या नों दो ग्यारह अगर मुहावरा है तो ये दस तो बारह को भी मुहावरा ही समझते हैं. कई बार तो इन की भ्रष्ट भाषा सुन कर लगता है की शयेद डी डी न्यूज़ ही श्रेष्ठ है, एलेक्ट्रिनिक मीडिया में पत्रकारिता के नाम पर भाषा की धज्जियाँ, संविधान की अनदेखी,, जनता की भावनाओं को भड़काना, और एक वाक्य में क्षमा मांग कर पल्ला झाड़ना इनकी आदत सी बन गयी है. कुछ कठोर कदम तो सरकार को उठाने ही चाहियें. यात्राओं अनशनो, आंदोलनों का बाज़ार गर्म है. प्रिंट मीडिया ही अपनी जिम्मेदारी निभा कर कम से कम इन्हें ठीक से हिंदी तो सिखा सकता है. बाकि सरकार तो अपना कम करेगी ही.
vijai mathur
September 27, 2011 at 6:14 am
इस प्रकार गुमराह करने और भड़काने वाली कारवाईयों पर बहौत पहले ही एक्शन हो चूकना चाहिए था। देर आयद दुरुस्त आयड।
akhilesh
September 27, 2011 at 1:59 pm
ठीक ही है। इनपर कार्रवाई तो होनी ही चाहिए। कैश फॉर वोट मामले में यूपीए वन सरकार को बचाने का पुण्य कमाया था। अब यूपीए टू को गलत कहिएगा तो ऐसा ही होगा। सत्य है सरकार के यहां देर है अंधेर नहीं।
अख्रिलेश
vishuvikas
September 28, 2011 at 1:22 pm
sala ye harami asutosh bahut chilata hai.kanshi ram ke ek taphad se usne sabak nahi sikha ki kam bolna chahiye,
sudhir
September 30, 2011 at 12:12 pm
khisiyani billi khambha hi noch sakti hai.