‘खबर लेने आ गया आजतक’

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संजय कुमार सिंह15 सितंबर 2009 को अगर दूरदर्शन ने 50 साल पूरे कर लिए तो भारत से अपलिंक किया जाने वाला पहला उपग्रह चैनल आज तक 31 दिसंबर 2009 को 10 साल का हो जाएगा। दूरदर्शन को अगर 4 लाख रुपए में शुरू किया गया था तो 40 साल बाद आज तक को 60 करोड़ रुपए के निवेश से शुरू किया गया था। पेश है आज तक शुरू किए जाने पर जारी की गई विज्ञप्ति, जस का तस :

: टीवी टुडे ने 24 घंटे चलने वाले “आज तक” का प्रसारण शुरू किया :

: अब खबरों की खबर लेने आ गया आजतक :

: भारत से अपलिंक किया जाने वाला हिन्दी का पहला उपग्रह समाचार चैनल :

इंडिया टुडे समूह के भाग टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड ने आज 24 घंटे चलने वाला हिन्दी का उपग्रह समाचार चैनल आज तक शुरू किया। यह भारत से अपलिंक किया जाने वाला पहला उपग्रह चैनल है। नया चैनल शुरू किए जाने के मौके पर कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली मुख्य अतिथि थे। इस चैनल में कुल 80 करोड़ रुपए निवेश किए जाने हैं और इस समूह ने इसमें से 60 करोड़ रुपए का निवेश कर दिया है। चैनल ने अपने किस्म के अनूठे उपकरण लिए हैं और देश भर में 18 ब्यूरो स्थापित किए हैं।

भारत में टेलीविजन न्यूज पत्रकारिता की शुरुआत टीवी टुडे ने 1988 में अपने न्यूजट्रैक से सबसे पहले की थी। जल्दी ही यह घर-घर में जाना जाने वाला नाम बन गया। इसके बाद 1995 में दूरदर्शन पर 30 मिनट के प्रोग्राम के रूप में आज तक  पेश किया गया था। यह तुरंत सफल हो गया था।

इस चैनल का लक्ष्य ” भारत में कहीं भी, किसी भी समय होने वाले परिवर्तन के नाटक को कैमरे में कैद करना और इसे सबसे पहले आम जनता के लिए पेश करना ” है। इसमें चैनल प्रोग्रामिंग की तकनालाजी का अभिनव इस्तेमाल करने और नियमित रूप से ताजी खबरें व अपडेट पेश करने पर ध्यान दिया जाएगा। अन्य चैनल द्वारा अपनाई गई सख्त और बार-बार दुहराई जाने वाली शैली के उलट आज तक का लक्ष्य स्पष्ट, उत्साही, आक्रामक, हिम्मती और तेज रफ्तार से काम करना होगा।

चैनल का इरादा हिन्दी कार्यक्रम देखने वाले एक करोड़ 40 लाख से लेकर एक करोड़ 50 लाख घरों को लक्ष्य करना है। आज तक 30 मिनट के न्यूज प्रोग्राम के रूप में शुरू में बनी अपनी जबरदस्त ब्रांड इक्विटी का इस्तेमाल 24 घंटे चलने वाले समाचार चैनल के रूप में करेगा और अपनी स्थिति सबसे प्रतिष्ठा वाले और लोकप्रिय टेलीविजन चैनल के रूप में बनाएगा। अपने नए रूप में आज तक न्यूज कवर करने की अपनी खास शैली का विस्तार अन्य कार्यक्रमों में करेगा। ये कार्यक्रम स्वास्थ्य, जीवनशैली, बॉलीवुड और सूचना तकनालाजी जैसे मुद्दों पर रहेंगे।

कार्यकारी निदेशक श्री जी कृष्णन ने कहा, ” आज तक के दर्शकों के जबरदस्त उत्साह और सारे दिन खबरों के मामले में ताजी सूचनाओं से वाकिफ रहने की उनकी इच्छा ने हमें आज तक को 24 घंटे चलने वाले एक मंच पर पेश करने के लिए प्रेरित किया। इस तरह हमलोग इसे भारत में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला समाचार चैनल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। ”  

समाचार एकत्र करने की इस चैनल की अपनी पूरी व्यवस्था पहले से ही तैयार है। इसमें 300 से ज्यादा तेज तर्रार लोग काम करते हैं। इनमें से 200 लोग देश भर में फैले हुए हैं और समाचार एकत्र करने एवं उन्हें तैयार करने के काम में लगे रहते हैं। 50 अंशकालिक संवाददाताओं का एक नेटवर्क दिन रात और लगातार खबरों को समय से दिन रात कवर करने के नेटवर्क के उद्देश्य को और मजबूत करता है। समाचार एकत्र करने के लिए चैनल अपने किस्म की अनूठी तकनालाजी का इस्तेमाल करता है। इनमें कम वजन वाले डिजिटल कैमरा, ऑनलाइन एडिटिंग सिस्टम, न्यूजरूम ऑटोमेशन, थ्री डी ग्राफिक्स शामिल है। इस चैनल के पास महत्त्वपूर्ण खबरों को मौके से ही भेजने के लिए सभी ब्यूरो में और ओबी वैन से लाइव अपलिंकिंग की सुविधा है। संपादकीय सुविज्ञता, विस्तृत नेटवर्क और अपने किस्म की अनूठी तकनीकी संरचना ने मिलकर इसे एक अनूठा समाचार चैनल बनाया है।

आज तक कार्यक्रम 17 जुलाई 1995 से शुरू किया गया था। यह सबसे सम्मानित समाचार कार्यक्रम है और अपने दर्शकों के मामले में यह बेजोड़ है। इसका श्रेय विभिन्न घटनाओं जैसे श्रीलंका का युद्ध, चरखी दादरी की त्रासदी, कश्मीर की हिंसा, टाइगर हिल की जीत, मैच फिक्सिंग की सनसनीखेज जांच, मंडल आयोग के खिलाफ चले आंदोलन, अयोध्या विवाद, राजीव गांधी की हत्या और कई अन्य अग्रणी समाचार खबरों की निडर और खोजपूर्ण कवरेज को जाता है। खबरों की अच्छी और गहराई तक कवरेज के साथ-साथ सहज भाषा शैली ने जल्दी ही इसे देश में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला समाचार कार्यक्रम बना दिया था। आज तक  की टीम ने कई प्रमुख कार्यक्रम भी तैयार किए। इनमें 1998 तथा 99 के आम चुनावों का परिणाम शामिल है। दोनों ही मौके पर चुनाव परिणामों का प्रसारण 72 घंटे से ज्यादा समय तक किया गया था। देश भर में फैले 60 लाख दर्शक पांच वर्षों तक रोज रात को 10.00 बजे अपने टीवी सेटों के समक्ष जरूर बैठते रहे हैं।   

इसलिए, ये थी खबरें अब तक, अब कल का इंतजार खत्म, देखते रहिए आज तक हर वक्त।


लेखक संजय कुमार सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं. पत्रकारिता को बाय-बाय बोलने के बाद वे इन दिनों अनुवाद का काम बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। उनसे संपर्क  anuvaadmail@gmail.com या 9810143426 के जरिए कर सकते हैं.

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