गिरफ्तारी के लिए पुलिस सक्रिय : पत्रकारों व प्रेस संगठनों ने पुलिस के रवैए की निंदा की : प्रेस क्लब, गोंडा के सचिव और उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, गोंडा के महामंत्री जानकी शरण द्विवेदी ने बी4एम को एक मेल भेजकर जिले में पत्रकार उत्पीड़न की एक घटना के बारे में विस्तार से बताया है। जानकी शरण ने जो कुछ लिखा है, उसे हू-ब-हू प्रकाशित किया जा रहा है। संभव है, जानकीजी ने जो तथ्य पेश किए हों, उनमें थोड़ा-बहुत अंतर हो लेकिन इस पत्र को प्रकाशित करने का असल मकसद इस प्रकरण को प्रकाश में लाना है। -एडिटर, भड़ास4मीडिया
महोदय,
गोण्डा के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राकेश अग्रवाल के नेतृत्व में खाद्य निरीक्षकों की एक टीम 12 अक्टूबर 2009 को जनपद के बाढ़ से अति प्रभावित एक कस्बे नवाबगंज में सैम्पलिंग करने गई थी। टीम के अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग की बीट देखने वाले अमर उजाला के संवाददाता नंद लाल तिवारी को फोन करके अनुरोध किया कि वे नवाबगंज में पहुंच चुके हैं और कृपया अपने स्थानीय संवाददाता को मौके पर भेजकर सैम्पलिंग की कवरेज करवा दें। नंद लाल तिवारी के निर्देश पर अमर उजाला का नवाबगंज कस्बे का संवाददाता सरदार राजेन्द्र सिंह जब मौके पर पहुंचा तो सामान्य तरीके से उसने जांच टीम से सवाल किया कि जब पूरा क्षेत्र सरयू नदी की बाढ़ से त्राहि-त्राहि कर रहा है, नवाबगंज कस्बे के दो मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुसा है, जिलाधिकारी स्वयंसेवी संस्थाओं व सामाजिक संगठनों से आगे आकर सहयोग की अपील कर रहे हैं, ऐसे में आप लोगों के लिए छापामारी करके सैम्पल भरने के लिए पूरे जिले में नवाबगंज कस्बा ही बचा था। इसके बाद उसने सूचनाएं प्राप्त की और चला गया। इस बीच जब टीम सैम्पल भरके वापस लौटने लगी तो कुछ लोगों ने टीम को दौड़ा लिया, गाड़ी पर पथराव करके शीशे तोड़ दिए तथा सैम्पल के नमूने छीन लिए। इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट अगले दिन अमर उजाला समेत जनपद के समस्त समाचारपत्रों में फोटो के साथ छपी। उसी दिन रात में जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य खाद्य निरीक्षक बीके वर्मा द्वारा नवाबगंज थाने में मुकदमा अपराध संख्या 469/2009 अन्तर्गत धारा 143, 353, 352, 336, 427, 506 भादवि, 3/4 लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधि. व 7 क्रिमनल अमेण्डमेंड एक्ट के तहत दर्ज कराया गया जिसमें पत्रकार राजेन्द्र सिंह समेत पांच नामजद व दर्जनों अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। जांच टीम से मात्र एक सवाल पूछ लेने के कारण राजेन्द्र सिंह को भीड़ को उकसाने का दोषी ठहराया गया है। मुकदमें में नामजद लोगों में से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष के लिए प्रयास जारी है।
पत्रकार राजेन्द्र सिंह की गिरफ्तारी कराने के लिए पुलिस अधीक्षक श्रीमती एन. पद्मजा इतनी बेचैन हैं कि उन्होने 14 अक्टूबर 2009 की शाम को करीब 8 बजे प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली नगर को अमर उजाला के मण्डल मुख्यालय स्थित ब्यूरो कार्यालय भेज दिया। एस पी के निर्देश पर प्रभारी निरीक्षक सुरेश राम सुमन ने सरदार राजेन्द्र सिंह की तलाश में अपने आधा दर्जन सहयोगियों के साथ अमर उजाला कार्यालय में छापेमारी की तथा बाथरूम समेत कार्यालय का एक-एक कोना छान डाला। इस छानबीन के दौरान किसी भी पत्रकार को कार्यालय से बाहर जाने अथवा अन्दर आने की अनुमति नहीं दी गई। करीब पांच मिनट के अंदर ही पूरी फोर्स वापस लौट गई। बाद में क्षेत्राधिकारी नगर सूर्यबली सिंह ने अमर उजाला के अपराध संवाददाता को फोन किया कि ‘सरदार को हाजिर करा दो तो अच्छा रहेगा’।
इस प्रकार समाचार संकलन को गए एक पत्रकार को फर्जी मुकदमे में फंसाकर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में अखबार के दफ्तर में छापा डलवाया जाना लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला है। विशेष उल्लेख के तहत यहां यह बता देना आवश्यक है कि सरदार राजेन्द्र सिंह कस्बे का एक सम्मानित ब्यक्ति है। वह पिछले चार वर्षों से लगातार नवाबगंज गुरुद्वारा कमेटी का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाता रहा है। इससे पूर्व उसके विरुद्ध एक भी मुकदमा किसी थाने में दर्ज नहीं है। गोण्डा जनपद की पुलिस पत्रकारों को अपमानित करने व नीचा दिखाने पर आमादा है। अभी एक सप्ताह पूर्व ही डीआईजी की प्रेस वार्ता के दौरान भी एसपी एन. पद्मजा ने यूएनआई के संवाददाता वरिष्ठ पत्रकार छेदी लाल अग्रवाल को भी सीमा में रहकर बात करने की नसीहत दी थी। इस पर डीआईजी को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
समाचारपत्र के ब्यूरो कार्यालय पर पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के विरोध में आज टाउन हाल स्थित प्रेस क्लब में उप्र श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, उप्र जर्नलिस्ट्स एशोसिएशन, ग्रामीण पत्रकार एशोसिएशन समेत सभी पत्रकार संगठनों की एक संयुक्त आपात बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें समाचार संकलन करने गए पत्रकार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके तथा उसकी गिरतारी के लिए समाचारपत्र के ब्यूरो कार्यालय पर पुलिस द्वारा छापा डालने की ब्यापक निंदा की गई तथा निम्न प्रस्ताव पारित किए गए :
- नवाबगंज थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 469/2009 की विवेचना गोण्डा जनपद से हटाकर देवीपाटन परिक्षेत्र के किसी अन्य जनपद की पुलिस से कराया जाय।
- सैम्पलिंग करने गई टीम पर हमला समेत दर्ज मुकदमे व अमर उजाला कार्यालय पर पुलिस छापेमारी की मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाय, जिसमें पत्रकार सरदार राजेन्द्र सिंह की भूमिका की जांच प्रमुख है।
- समाचारपत्र के कार्यालय पर छापा डालकर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को बेवजह अपमानित करने वाले पुलिस जनों के विरुद्ध कार्यवाही की जाय।
जानकी शरण द्विवेदी
सचिव, प्रेस क्लब गोण्डा
महामंत्री, उप्र श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, गोण्डा
दिनांक : 15.10.2009