: भास्कर प्रबंधन ने कर दी 22 से लांचिंग की घोषणा : रांची में भास्कर की टीम युद्ध लड़ने को बिलकुल तैयार : भास्कर वालों ने आज आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया कि वे 22 से झारखंड में अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. दैनिक भास्कर, दिल्ली संस्करण में प्रथम पेज पर प्रकाशित खबर इस प्रकार है- ”दैनिक भास्कर समूह 22 अगस्त से झारखंड में प्रवेश कर रहा है।
भास्कर का रांची से 49वां संस्करण रविवार से प्रकाशित होगा। झारखंड में कुल तीन संस्करण निकाले जाएंगे जिसमें रांची के बाद जमशेदपुर और धनबाद शामिल होगा। झारखंड में अपनी विस्तार यात्रा को पूरा करने के बाद पड़ोसी राज्य बिहार से भी दैनिक भास्कर शुरू किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि दैनिक भास्कर भारत का सबसे बड़ा समाचार पत्र समूह है जिसके पास हिन्दी, गुजराती और अंग्रेजी भाषाओं के अखबार हैं। झारखंड और बिहार से प्रकाशित होने के साथ ही दैनिक भास्कर देश के 12वें राज्य में प्रवेश कर जाएगा और देश की 50 प्रतिशत आबादी तक पहुंचने लगेगा।”
दैनिक भास्कर, रांची की टीम इन दिनों जोश और ऊर्जा से लबालब है. भड़ास4मीडिया के पास दैनिक भास्कर, रांची की प्रोडक्शन टीम की तस्वीर है, जिसे हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. इस तस्वीर से पता चल रहा है कि भास्कर की टीम युद्ध जीतने के इरादे से पहुंची है. हालांकि जयपुर समेत कई जगहों के लांचिंग के अनुभव बताते हैं कि बड़े बड़े पैसे पर टूटकर भास्कर से जुड़े लोग लांचिंग के कुछ महीनों बाद सीन से कैसे व किधर गायब कर दिए जाते हैं, ये किसी को पता नहीं चलता.
उम्मीद करते हैं कि भास्कर प्रबंधन रांची में दूसरे अखबारों से तोड़कर लाए गए मीडियाकर्मियों को लांचिंग के बाद लंबे समय तक अपने साथ रखेगा. असल में प्रबंधन स्थानीय मीडियाकर्मी को किसी भी कीमत पर तोड़ने की स्ट्रेटजी के जरिए दो काम करता है. एक तो उन स्थानीय अखबारों को कमजोर करता है, जिनसे उसे लड़ना होता है. दूसरे, स्थानीय जानकारों को अपने से जोड़ कर नए इलाके में शुरुआत से ही अखबार में लोकल टच पैदा करने में सफल होता है. खूब पैसे फूंकने और लांचिंग की सफलता के कई महीनों बाद प्रबंधन धीरे-धीरे इन महंगे स्थानीय कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाने का काम शुरू कर देता है और कम पैसे में नए लोगों को अप्वाइंट कर यूनिट को घाटे से फायदे की ओर ले जाने का रास्ता बनाने लगता है.
जयपुर में भास्कर की लांचिंग से जितने भी लोग जुड़े थे, उनमें से ज्यादा का अब अता-पता नहीं है. खासकर उनका तो वाकई बुरा हाल है जो स्थानीय अखबारों को छोड़कर ज्यादा पैसे व पैकेज पर भास्कर से जुड़े थे. फिर भी, ये राजकाज है. अखबार नए जगहों से यूं ही निकलते रहेंगे. स्थानीय लोग बेहतरी की उम्मीद में जुड़ते रहेंगे. प्रबंधन के लोग अपने फायदे के लिए अपने कर्मियों के सपनों को तोड़ते रहेंगे.
rajesh
August 21, 2010 at 7:58 am
kiya kaha jaye bhai sab jo he thik he.
rajesh tomar
August 21, 2010 at 10:45 am
भास्कर रांची से शुरू हो रहा है, स्वागत है. पर मैं इसी अख़बार के एक और चरित्र के बारे में बताना चाहूँगा. लगभग ४ महीने पहले इस अख़बार के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकले गए. कई जिलों से आवेदन पड़े. पर आप पता करें कोडरमा, हजारीबाग, चतरा, बोकारो, गिरिडीह या फिर अन्य जिलों में अख़बार के लिए किसे बुलाया गया, जिनके पास पैरवी थी या फिर जो कुलीन वर्ग से आते हैं. मैं सिर्फ एक उदहारण दे रहा हूँ, कोडरमा जिले से दो लोगों का चयन किया गया, एक श्री पाण्डेय तो दुसरे श्री ओझा. क्या अन्य सभी जो रांची बुलाये गए थे वे इनसे किसी भी मामले में लेखनी में उन्नीस हैं. पता कर के देखिये आखिर पैरवी से इनकी नियुक्ति कैसे हुई. जो श्री ओझा जी रिपोर्टर बनाये गए हैं, एक लाइन भी शुद्ध लिख सकते हैं. हरियाणा ससे झारखण्ड भेजे गए संपादक श्री गौर जी से मैं सिर्फ यही कहना चाहूँगा की जातिवाद ने ही इस देश का नुक्सान किया है, पत्रकारिता से तो इसे अलग ही रखें. आप जैसे लोग काफी सीनियर और ऊँचे पद पर हैं, इस पेशे को (अब समाज सेवा की भावना तो रही नहीं, और भास्कर भी बिजनेस करने आया है) जातिवाद और पैरवी से दूर रखें. प्रतिभा को मौका देंगे तो समाज का भला हो सकेगा.
-राजेश तोमर, झारखण्ड का एक पत्रकार
Baba
August 21, 2010 at 1:07 pm
झारखंड और बिहार से प्रकाशित होने के साथ ही दैनिक भास्कर देश के 12वें राज्य में प्रवेश कर जाएगा और देश की 50 प्रतिशत आबादी तक पहुंचने लगेगा।’
50%%%%%%%%%%%%%%%
ravinder singh
August 21, 2010 at 1:39 pm
MATALAB AZAGAR EK KADAM OR BHAD GYA…..
anirudh kumar
August 21, 2010 at 3:24 pm
दैनिक भाष्कर के बारे में जो खबर लगी है, उससे मैं 100 हीं नहीं 200 प्रतिशत सहमत हूं। यह निश्चित है कि जिस ताम झाम के साथ वर्तमान समय में भाष्कर रांची के अन्य समाचार पत्रों के पत्रकारों को लुभा रहे हैं, उसी तामझाम के साथ आनेवाले कुछ दिनों मे बाहर का रास्ता भी दिखाया जाएगा, इसका बहाना एकमात्र होगा विज्ञापन।
अनिरूद्व कुमार
इनसाइट टी0वी0 पटना
http://www.insighttvnews.com
surinder singh
August 22, 2010 at 6:06 am
bhaskar parivar ko karib adhi abadi tak dainik bhaskar pahuchane ke liye meri aur se lakh lakh badhai aaj bhaskar ranchi mein launch ho raha hai mai sri anil singh ji.sri manoj gupta ji.ewam samast bhaskar barivar ko meri aur se subhkamnayein
govind goyal sriganganagar
August 22, 2010 at 9:56 am
100&#xsa;hi hai.