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राज्यपाल कसेंगे ‘चोर गुरुओं’ पर नकेल

सीएनईबी के पोलिटिकल एडिटर प्रदीप सिंह को है उम्मीद : यूपी के राज्यपाल को पत्र लिखा, शो की सीडी और प्रमाण भी भेजा : विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में अफसरों, कुलपतियों, अध्यापकों, पुस्तक प्रकाशकों की मिलीभगत से अध्यापकों द्वारा नकल करके लिखी व छपी पुस्तकों का सालाना लगभग 500 करोड़ रुपये का अवैध कारोबार हो रहा है. हर साल इतने बड़े रकम की ऐसी पुस्तकों की खरीद विश्वविद्यालयों के कुछ कुलपतियों, अध्यापकों, प्रकाशकों, सप्लायरों, यू.जी.सी. व संबंधित मंत्रालयों के कुछ अफसरों, हुक्मरानों की तथाकथित आपसी ऊपरी मोटी कमाई वाली काकस के चलते हो रही है.

<p align="justify"><font color="#003366">सीएनईबी के पोलिटिकल एडिटर प्रदीप सिंह को है उम्मीद : यूपी के राज्यपाल को पत्र लिखा, शो की सीडी और प्रमाण भी भेजा : </font>विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में अफसरों, कुलपतियों, अध्यापकों, पुस्तक प्रकाशकों की मिलीभगत से अध्यापकों द्वारा नकल करके लिखी व छपी पुस्तकों का सालाना लगभग 500 करोड़ रुपये का अवैध कारोबार हो रहा है. हर साल इतने बड़े रकम की ऐसी पुस्तकों की खरीद विश्वविद्यालयों के कुछ कुलपतियों, अध्यापकों, प्रकाशकों, सप्लायरों, यू.जी.सी. व संबंधित मंत्रालयों के कुछ अफसरों, हुक्मरानों की तथाकथित आपसी ऊपरी मोटी कमाई वाली काकस के चलते हो रही है. </p>

सीएनईबी के पोलिटिकल एडिटर प्रदीप सिंह को है उम्मीद : यूपी के राज्यपाल को पत्र लिखा, शो की सीडी और प्रमाण भी भेजा : विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में अफसरों, कुलपतियों, अध्यापकों, पुस्तक प्रकाशकों की मिलीभगत से अध्यापकों द्वारा नकल करके लिखी व छपी पुस्तकों का सालाना लगभग 500 करोड़ रुपये का अवैध कारोबार हो रहा है. हर साल इतने बड़े रकम की ऐसी पुस्तकों की खरीद विश्वविद्यालयों के कुछ कुलपतियों, अध्यापकों, प्रकाशकों, सप्लायरों, यू.जी.सी. व संबंधित मंत्रालयों के कुछ अफसरों, हुक्मरानों की तथाकथित आपसी ऊपरी मोटी कमाई वाली काकस के चलते हो रही है.

ऐसे चोरगुरुओं, उनकी नकल करके लिखी पुस्तकें छापने बेचने वाले प्रकाशकों, सप्लायरों, उनके संरक्षक कुलपतियों आदि के शैक्षणिक कदाचार को उजागर करने वाला खोजपरक कार्यक्रम “चोरगुरु” सीएनईबी न्यूज चैनल पर चल रहा है. इस कार्यक्रम में उ.प्र. के तीन वि.वि. के 9 तथाकथित शैक्षणिक कदाचारी चोरगुरुओं के कारनामों का खुलासा किया जा चुका है. इनमें सबसे अधिक 4 तथाकथित चोरगुरु पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के हैं.

ऐसे शैक्षणिक कदाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए संबंधित वि.वि. के कुलपतियों को प्रमाण सहित पत्र भी दिया गया है. लेकिन आन कैमरा कार्रवाई करने की बात कहने वाले ये कुलपति, शैक्षणिक कदाचारियों को बचाने में लगे हैं. कोई (पूर्वांचल वि.वि. का कुलपति सारस्वत) दिखावा के लिए बिना समय सीमा के वनमैन जांच समिति बना देता है, कोई (काशी विद्यापीठ का कुलपति) अभी जांच समिति बनाने पर विचार कर रहा है. सो, सीएनईबी न्यूज चैनल की टीम ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को इस बाबत सप्रमाण सी.डी. सहित पत्र और उसके बाद एक रिमाइंडर भेज कर तथाकथित शैक्षणिक कदाचारी चोरगुरुओं व उनके संरक्षक कुलपतियों पर कार्रवाई की मांग की है. राज्यपाल को दिया गया पत्र निम्न है –


महामहिम राज्यपाल,

उत्तर प्रदेश,

लखनऊ

विषयः प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा मैटर चुराकर अपनी किताबों में शामिल करने और इस बारे में संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा समुचित कार्रवाई न करने के बाबत।

महामहिम,

शिक्षा जगत में हो रहे कदाचार के एक पहलू को उजागर करने के उद्देश्य से हमारे समाचार चैनल सीएनईबी न्यूज़ ने पिछले साल पहली नवंबर से एक खोजपरक साप्ताहिक कार्यक्रम चोर गुरू शुरू किया है. इसकी अब तक 14 कड़ियां दिखायी जा चुकी हैं.

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अन्य प्रदेशों के विश्वविद्यालयों के अलावा इसमें उत्तर प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध रहे वरिष्ठ-कनिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा की गयी चोरी के सप्रमाण किस्से दिखाये गये हैं और यथासंभव इन सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सामने भी यह प्रमाण रखे गये हैं और इस संबंध में संबंधित कुलपतियों की बाइट को भी हमने अपने कार्यक्रम में दिखाया है.

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों द्वारा किये जा रहे इस अनैतिक कृत्य को देखकर प्रोफ़ेसर बिपिन चंद्रा, प्रोफ़ेसर यशपाल और प्रोफ़ेसर मुशीरुल हसन सरीखे देश के कुछ बेहद सम्मानित शिक्षाविदों ने भी हमारे कार्यक्रम में अपना दुख और रोष व्यक्त किया है. अनेक राजनीतिक दलों के वरिष्ठ सासदों ने भी इस पर रोष व्यक्त किया है. इस प्रकरण का दुखद पहलू यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई का वायदा करने के महीनों बीत जाने के बाद भी किसी तरह की समुचित कार्रवाई अब तक नहीं की गयी है.

सीएनईबी न्यूज़ के चोर गुरू कार्यक्रम में अब तक उत्तर प्रदेश के जिन तीन विश्वविद्यालयों से जुड़े रहे शिक्षकों के कारनामे दिखाये गये हैं, वे हैं–बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (झाँसी), वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (जौनपुर) और महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ (वाराणसी)।

इन संस्थाओं से जुड़े जिन महानुभावों के कारनामे हमारे चोर गुरू कार्यक्रम में दिखाये गये हैं, उनके नाम निम्नवत हैं—

1. प्रोफ़ेसर रमेश चंद्रा पूर्व कुलपति, बुंदेलखंड विवि

2. प्रोफ़ेसर डी एस श्रीवास्तव पूर्व संकायाध्यक्ष, बुंदेलखंड विवि

3. सुश्री सरिता कुमारी बुंदेलखंड विवि से सम्बद्ध रहीं

4. प्रोफ़ेसर प्रेम चंद पातंजलि पूर्व कुलपति, पूर्वांचल विवि

5. प्रोफ़ेसर रामजी लाल संकायाध्यक्ष, पूर्वांचल विवि

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6. प्रोफ़ेसर अनिल के राय अंकित पूर्व विभागाध्यक्ष, पूर्वांचल विवि

7. डॉ एस के सिन्हा विभागाध्यक्ष, पूर्वांचल विवि

8. डा. अनिल उपाध्याय काशी विद्यापीठ

9. प्रोफ़ेसर राममोहन पाठक काशी विद्यापीठ

उत्तर प्रदेश के बाहर के जिन अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के कारनामे सप्रमाण हमने दिखाये हैं, उनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा और इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के नाम प्रमुख हैं. दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कई दलों के सांसदों ने इस मुद्दे को संसद के आगामी सत्र में उठाने का मन बनाया है. यह वास्तव में राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है.

अपने इस चोर गुरु कार्यक्रम की कुछ उन कड़ियों की सीडी हम इस पत्र के साथ आपके अवलोकनार्थ भेज रहे हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों से जुड़े मसले हैं. हम मानते हैं कि यह मुद्दा बेहद गंभीर है लेकिन जानबूझ कर इसकी अनदेखी की जा रही है और इसीलिए अब इस मुद्दे पर आपकी ओर से समुचित कार्रवाई किये जाने की ज़रूरत है. आप यदि उचित समझें तो हमारी चोर गुरु टीम सभी प्रमाणों को विस्तार से आपके सामने या आपके द्वारा नियुक्त किसी जाँच समिति के सामने रखने को तत्पर रहेगी।

साभार,

प्रदीप सिंह

राजनीतिक संपादक,

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सीएनईबी न्यूज़


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0 Comments

  1. Gaurav Gupta

    April 19, 2010 at 8:57 pm

    Pradeep Ji ….
    Aapke Prog. aapki jitni parasansa ki jaye kam hai… aapne such me ek aacche subject ko na sirf janta k saamne rakha hai … balki usper sahi karvaai k liye sahi darvaja bhi khatkhataya hai… likin pichle dino kai news channel per nakal se juri kai story aayi aur usme….university ki copy se lekar aur kai bare bare ghotale pure din news channels ki headlines bane rhe ….un logo per kaarvai bhi hui jo dosi the lekin vohi dosi log jinhe saja mile thi ab woh koi doosri university k vc hai ya dosri post per bat kar apna gorakh dhanda chala rhe hai….aapki pahal se sayad kuch gair jimmedaar aur bharast logo per kaarvai ho jaye…likin kuch aisa kariye taaki … aise logo ko chun chun kar hamara system saja de…
    Gaurav gupta (journalist)
    [email protected]

  2. SAJJAN

    April 20, 2010 at 9:59 am

    ARE INKA KUCH HONE WALA MUGHE TO AB KOI UMEED HI NAHI , SAB MILE HUA HAI UGC SE LEKAR UNIVERSITY KE V.C TAK ….

  3. chetan anand

    April 20, 2010 at 3:20 pm

    cneb ka yeh sahas vakei qabile taareef hai, maanniye rajyapal ispar gor karenge aisi umeed bhi hai. cneb ko chorguruon ke khilaaf muhim chalane ki badhai.

  4. neeraj mahere

    April 20, 2010 at 6:34 pm

    प्रदीप जी प्रणाम
    चोर गुरूओ की लोग कहानिया सुना करते थे पर सी एन ई बी ने लोगो
    को चोर गुरूओ का काला चेहरा दिखा कर समाज को उजाला दिया है ये
    मुझे लगता है | मै आपको और राहुल जी व् संजय जी को सत सत
    प्रणाम करता हु |
    नीरज महेरे नई दुनिया इटावा

  5. rinkoo singh

    April 21, 2010 at 7:25 am

    Pradee maharaj aapko in chor guruo me koi singh nahi mila hai. usi kashi vidyapith ka sabse bada chor op singh hai jo director bana baitha hai uske bare me to tumko kuchh likhne ki himmat nahi hoti,kyoki wo to tumhare khilaf letters likh likh kar tumhara baaja baja dega. maine to chorguru ke sare episodes dekhe hain.,sab jhootha hai. tumhara pramukh uddeshya hai rahul dev ko court ka chakkar lagana jo unko anil upadhyay lagva bhi rahe hain.Ek baat jaan lo tumhara thakurvad chalega nahi. Tumko media me hone ka ghamand hai na keval …nd chat kar reh jaoge. Himmat ho to opiya ke khilaf likho auquat pata chal jayega.

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