पैसे वाले दो बड़े मीडिया घरानों की जंग होगी : भास्कर के लिए राजीव, उर्मिलेश, संतोष, रविप्रकाश के नाम चर्चा में : हिंदुस्तान ने सरकुलेशन डबल करने की स्ट्रेटजी तैयारी की : 28 पेज आल कलर प्रिंटिंग मशीन अगले माह के लास्ट तक : डीबी स्टार को निपटाने के लिए नया टैबलायड लाएगा हिंदुस्तान : भास्कर को रांची में घेरकर पस्त करने की तैयारी : अखबारों के युद्ध का नया अखाड़ा बनने जा रहा है रांची. झारखंड की राजधानी में दैनिक भास्कर और डीबी स्टार की लांचिंग की तैयारियां तेज हो गई हैं. सरकुलेशन की टीम शहर में घूम रही है. कई वरिष्ठ जन डेरा डाल चुके हैं. भीतर ही भीतर कई तरह की तैयारियां चल रही हैं. कुछ वरिष्ठ लोगों को दूसरे अखबारों से तोड़कर भास्कर में लाने की तैयारी है.
भास्कर में इनहाउस भी कई लोगों के नाम रांची को लेकर चर्चा में हैं. दैनिक भास्कर छत्तीसगढ़ के स्टेट हेड राजीव सिंह, बिजनेस भास्कर के पोलिटिकल एडिटर उर्मिलेश, दैनिक भास्कर ग्वालियर के न्यूज एडिटर संतोष मानव, डीबी स्टार ग्वालियर के संपादक रवि प्रकाश आदि के नाम रांची के प्रोजेक्ट के लिए चर्चा में हैं. संतोष मानव के बारे में बताया जा रहा है कि वे झारखंड के ही रहने वाले हैं इसलिए प्रबंधन उन्हें रांची की टीम का हिस्सा बना सकता है. रवि प्रकाश ने ग्वालियर में डीबी स्टार लांच किया है इसलिए संभव है कि उन्हें रांची में भी डीबी स्टार की लांचिंग का जिम्मा दे दिया जाए. राजीव सिंह छत्तीसगढ़ के स्टेट हेड हैं और उससे पहले दैनिक भास्कर, लुधियाना की सफल लांचिंग करा चुके हैं. साथ ही वे प्रबंधन के प्रियपात्र भी बने हुए हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि दैनिक भास्कर, रांची की लांचिंग का जिम्मा उन्हें दिया जा सकता है. उधर, उर्मिलेश का झारखंड को लेकर अच्छा खासा काम रहा है. झारखंड पर उनकी कई किताबें हैं. इसलिए उनकी इलाके पर पकड़ को देखते हुए संभव है कि उन्हें दैनिक भास्कर रांची एडिशन का एडिटर बना दिया जाए. पर ये सभी नाम अभी चर्चा में ही है. किसी का फाइनल नहीं हुआ है.
सूत्रों के मुताबिक भास्कर के रांची आने की आहट को देखकर हिंदुस्तान प्रबंधन ने जंग के लिए हथियार सहेजने-चमकाने की शुरुआत कर दी है. सूत्रों के मुताबिक रांची में हिंदुस्तान बहुत जल्द कोई स्कीम शुरू कर सकता है जिससे अखबार का प्रसार जबरदस्त तरीके से बढ़ जाए. रणनीति यह है कि अगले तीन महीने में हिंदुस्तान के रांची में सरकुलेशन को जस्ट डबल कर दिया जाए. तीन माह में रांची शहर में सरकुलेशन 80 हजार के आसपास करने की तैयारी है. स्कीम ऐसी तैयार हो रही है जिससे पाठक व हाकर दोनों ही अखबार खरीदने-बेचने को प्रेरित हों. चर्चा यह भी है कि हिंदुस्तान प्रबंधन प्रसार बढ़ाने के लिए अखबार के दाम में कमी कर सकता है. मूल्य में कमी के विकल्प पर भी काम चल रहा है. अगले कुछ दिनों हिंदुस्तान के बिजनेस हेड अमित चोपड़ा रांची जाने वाले हैं. उनके इस दौरे में कई चीजें फाइनल हो जाएंगी.
रांची में हिंदुस्तान प्रबंधन नई मशीन भी लगा रहा है. अप्रैल लास्ट तक यहां 28 पेज आल कलर प्रिंटिंग की व्यवस्था हो जाएगी. इसका भी असर हिंदुस्तान के सरकुलेशन पर पड़ेगा. ज्यादा पेज होने से पाठकों तक ज्यादा से ज्यादा कंटेंट हिंदुस्तान प्रबंधन पहुंचा पाएगा. राजेंद्र तिवारी के हिंदुस्तान रांची की कमान संभालने के बाद से अखबार में ढेर सारे प्रयोग किए जा रहे हैं. एडिटोरियल टीम इस कोशिश में है कि भास्कर के आने से पहले ही वह झारखंड व रांची से जुड़े ज्यादा से ज्यादा कंटेंट पाठकों तक पहुंचाए तक दूसरे आने वाले अखबारों के लिए नया कुछ खास करने के लिए शेष न रहे. एक अन्य खबर के मुताबिक हिंदुस्तान प्रबंधन रांची में भास्कर के टैबलायड डीबी स्टार के जवाब में अपना एक टैबलायड अखबार प्लान कर रहा है ताकि भास्कर को डीबी स्टार के प्रयोग के जरिए बढ़त बनाने से रोका जा सके.
ज्ञात हो कि पिछले ही दिनों ग्वालियर में दैनिक भास्कर समूह ने टैबलायड अखबार डीबी स्टार लांच करके उसे अपने पाठकों के बीच फ्री में वितरित किया. इस रणनीति के जरिए भास्कर समूह अपने पाठक को एक अखबार के दाम में दो-दो अखबार पढ़ाता है और इसका फायदा यह होता है कि भास्कर का पाठक भास्कर को छोड़कर किसी दूसरे अखबार की तरफ नहीं जाता. हिंदुस्तान प्रबंधन भास्कर की ही रणनीति से भास्कर को रांची में मात देने की तैयारी में लगा है. हिंदुस्तान प्रबंधन की कोशिश है भास्कर के लिए रांची की राह बिलकुल आसान न रह सके. भास्कर के लोग रांची में आकर मुश्किल में पड़ जाएं, हिंदुस्तान प्रबंधन ऐसी रणनीति बना रहा है. दैनिक भास्कर में लंबे समय तक काम कर चुके राजेंद्र तिवारी इन दिनों हिंदुस्तान, रांची के वरिष्ठ स्थानीय संपादक हैं. वे भास्कर की कार्य प्रणाली से अच्छी तरह परिचित हैं. हिंदुस्तान प्रबंधन भास्कर से निपटने में राजेंद्र तिवारी के अनुभव का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है.
rajiv
March 22, 2010 at 10:51 am
dainik bhaskar patna kab tak milegi
gulshan saifi
March 22, 2010 at 12:33 pm
plz change headline bhidenge nahi milakar sach samne layenge
prabhat
March 22, 2010 at 1:32 pm
is bhidant me safal wahee hoga jiska editorial team or editor Jharkhand ke readers ka Taste ko bhunane me safal hoga. Chunki Jharkhand me abhee V quality akhbar kee kamee hai,isliye agar Bhashkar Quality content dene me safal raha to wah aasanee se apne liye jagah bana lega.
s shukla
March 22, 2010 at 2:27 pm
bhaskar aane se sabase jyada patrakaro ka hi bhala hoga ve chahe kisi bhi group se kyon na hi jure ho :)8)[quote][/quote]
raj chauhan
March 22, 2010 at 7:15 pm
acha hai, bhai ane do bhaskar ko. market me utha-patak machegi to fayada employ ko hoga……..
anil giri
March 22, 2010 at 7:38 pm
Bengal me bhaskar aane ka koi plan hai kya.
sarika
March 22, 2010 at 10:08 pm
ravishekhar honge pariwar today ke repotor
sagarBandhu
March 23, 2010 at 7:07 am
Bhaskar ke ranchi aane par jagran jaise fatoli akhabar ka beda gark hoga. Bhaskar ne haryana aur punjab me jagran ko dho kar rakh diya hai. umid hai bhaskar ke ranchi jane par jagran se political cadreo ka safaya hoga aur dukandar kuch had tak khabar par dhuana denge.
Ravinder Chouhan
March 23, 2010 at 1:14 pm
Bhaskar ke ranchi aane se sabhi akhbaro ke maliko ki need udna lajmi hai. bhaskar ne apne Tajurbe se haryana.Panjab me badi saphlta hasil ki hai. Bhaskar Pariwar Ranchi me apni alag paith banane me jarur kamyab rahega rahi baar Rajender Tiwari ji ki to Bhaskar sansthan ne unhe bahut kuch sikhya hai.uska paryog wha juarur kare.
Ravinder Chouhan Dainik Bhaskar Haryana Panipt
alok kumar singh
March 23, 2010 at 4:07 pm
bhaskr paper sb pe bhari prne wala hai,ummid hai jharkhand me launch hote hi yahan bhi super hit rahega aur hindustan ki monopoly ka ending hoga,,jai bharat jai bhaskr .
manoj kumar chaourasiya maner
March 23, 2010 at 4:48 pm
Bhaskar aye ya nye duniya is mahagaye ke jame me hum thus takiya patrakaro ko koi faida nahi hone wala hai
ek bar fir loly pop ka sapana dikah kar jawani ka sosan hoga;D
नरेश कुमार गुप्ता
March 23, 2010 at 6:49 pm
भास्कर के रांची आने पर कुछ लोगों को लग रहा है कि पत्रकारों और कर्मचारियों का भला होगा। पर मनेर के मनोज कुमार चौरसिया ने एकदम ठीक कहा है कि “दस टकिया पत्रकारों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। एक बार फिर लॉली पॉप का सपना दिखाकर जवानी का शोषण होगा।” सीनियर पद पर तो एक-दो लोग ही रहेंगे। बाकी नए रंगरूट रखे जाएंगे उन्हें काम सीखाने के नाम पर रख लिया जाएगा और पैसे कम या नहीं दिए जाएंगे। काम सीखने के बाद वे किसी काम के नहीं रहेंगे क्योंकि फिर नया अखबार नए रंगरूट तलाशेगा। बहुत ठीक मनोज चौरसिया। वो कहावत है ना – शिकारी आएगा, जाल बिछाएगा, दाना डालेगा – लोभ से उसमें फंसना नहीं। भास्कर का आना पत्रकारों और अखबारी कर्मचारियों के लिए वैसे ही है जैसे बेल पकने से कौवा को कोई फायदा नहीं होता है।
ramshakal
March 24, 2010 at 7:50 am
jamshedpur se bhi aayega kya
Rishab
March 25, 2010 at 6:41 am
Ranchi me kab se launch karega & kya iska koi local office ranchi me khula hai..best of luck for your launching…
Navneet Sharma
March 26, 2010 at 2:44 am
Well , this is a good news .. We all are egaly waiiting for th Lainch of DB in Patna . This will help us to become more active and learn more about the launching of one of the leading newspaper of MP .
Apart from this DB launcing in Bihar & Jharkhand will create lot of oppurtunitoes for the people .
Thanks