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justice for मां : जैसे जैस वक़्त गुज़र रहा है, अपमान की पीड़ा बढ़ती ही जा रही है

थाने में बंधक महिलाएंराष्ट्रपति महिला… महिला के हाथ में केंद्र सरकार का रिमोट… सूबे की महिला मुखिया… इन सबकी मौजूदगी में एक बेबस मां का अपमान का एक दिन… दो दिन… तीन दिन… बीतता जा रहा है. दोषी जस के तस हैं… अपनी जगह पर हैं… बिना डर और भय के… जैसे उनके लिए कुछ हुआ ही न हो… आरोपी के घर की महिलाओं को थाने में लाकर बंधक बनाने की पुलिसिया परंपरा को खत्म की लड़ाई है यह… किसी यशवंत की लड़ाई नहीं है… किसी एक मांग की जंग नहीं है… 3 जुलाई 2003 को मेरा चार साल का बेटा मुझको हमेशा के लिए छोड़कर चला गया…. न जाने क्यों ये कहते हुए संकोच नहीं हो रहा कि जैसे जैसे वक़्त गुज़रता जा रहा है, दर्द तो कम नहीं हुआ मगर मानो सबर सा आता जा रहा है…. मगर आप यक़ीन मानिए कि उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथों मेरी अपनी ही नहीं बल्कि हर पत्रकार की माता के अपमान की ख़बर सुनने के बाद जैसे जैस वक़्त गुज़र रहा है, अपमान की पीड़ा बढ़ती ही जा रही है…. हम इस मामले को भावनाओं के साथ साथ एक पत्रकार की हैसियत से भी लोगों को दिखाना चाहते हैं…. माता जी मेरी हो या यशवंत, किसी पत्रकार या इंसान की, उसके हम चरण तो स्पर्श कर सकते हैं लेकिन ये सोच भी नहीं सकते कि उसके आंचल को गम का साया भी छू सके….

थाने में बंधक महिलाएं

थाने में बंधक महिलाएंराष्ट्रपति महिला… महिला के हाथ में केंद्र सरकार का रिमोट… सूबे की महिला मुखिया… इन सबकी मौजूदगी में एक बेबस मां का अपमान का एक दिन… दो दिन… तीन दिन… बीतता जा रहा है. दोषी जस के तस हैं… अपनी जगह पर हैं… बिना डर और भय के… जैसे उनके लिए कुछ हुआ ही न हो… आरोपी के घर की महिलाओं को थाने में लाकर बंधक बनाने की पुलिसिया परंपरा को खत्म की लड़ाई है यह… किसी यशवंत की लड़ाई नहीं है… किसी एक मांग की जंग नहीं है… 3 जुलाई 2003 को मेरा चार साल का बेटा मुझको हमेशा के लिए छोड़कर चला गया…. न जाने क्यों ये कहते हुए संकोच नहीं हो रहा कि जैसे जैसे वक़्त गुज़रता जा रहा है, दर्द तो कम नहीं हुआ मगर मानो सबर सा आता जा रहा है…. मगर आप यक़ीन मानिए कि उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथों मेरी अपनी ही नहीं बल्कि हर पत्रकार की माता के अपमान की ख़बर सुनने के बाद जैसे जैस वक़्त गुज़र रहा है, अपमान की पीड़ा बढ़ती ही जा रही है…. हम इस मामले को भावनाओं के साथ साथ एक पत्रकार की हैसियत से भी लोगों को दिखाना चाहते हैं…. माता जी मेरी हो या यशवंत, किसी पत्रकार या इंसान की, उसके हम चरण तो स्पर्श कर सकते हैं लेकिन ये सोच भी नहीं सकते कि उसके आंचल को गम का साया भी छू सके….

महिला राष्ट्रपति, महिला के हाथों में रिमोट वाली केद्र सरकार और सूबे की महिला मुख्यमंत्री के कार्यकाल मे एक बेबस मां बिना किसी जुर्म के उत्तर प्रदेश पुलिस की मनमानी के चलते 12 घंटे तक थाने मे परिवार के साथ बंधक बनी रहे और हम ख़ुद के पत्रकार होने का दावा करते रहे तो इससे बड़ा झूठ तो हो ही नहीं सकता….. बहुत कुछ ना कहते हुए अपने सभी साथियों से अपील करना चाहता हूं कि इस शर्मनाक हादसे पर एक दिन गुजरने के बाद भी निकम्मी व्यवस्था की नींद नहीं टूटी है…. हम सभी पत्रकार या कोई भी साथी जहां भी काम कर रहे वहां के बैनरों के माध्यम से इस ज़ुल्म के खिलाफ अपनी कलम से अभियान छेड़ेंगे…. इस मामले मे भड़ास4मीडिया सहित साप्ताहिक “दि मैन इन अपोज़िशन” और http://oppositionnews.com के अलावा सभी मंचों को कमज़ोर की आवाज़ बनाया जा रहा है…. यानि ताक़तवर महिलाओं के राज में बेबस मां का अपमान का एक दिन….. दो दिन….. तीन दिन….आदि. हमारे विचार और हमारी गिनती शायद बेबसी की ताक़त बन सके…

आज़ाद ख़ालिद

9811409960

[email protected]

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0 Comments

  1. winit

    October 20, 2010 at 4:56 am

    यशवंत भाई
    जांच के झांसे में मत आना, कानूनी कारवाई की तयारी करो ,
    ये मायातांत्रिक पुलिस है… जो अपने पुरखे और प्रेरणा-श्रोत रावण के चरित्र और माया-वी शक्तियों के अधीन, उसी की भांति दंभ में ही जीती और आचरण करती है.
    हर साल की तरह दस्सहरा पे तो प्रतीकात्मक दहन हो चुका है, अब बारी है रावण के इन वर्दीधारी दूतों को उनकी सीमाए बताने की.
    लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को देख कर अब हर खजुहा कुत्ता अगर टांग उठाने का साहस करने लगे तो पहरुओ को समझना चाहिए की चौकीदारी में ढील ज्यादा हो रही है .
    इस घृणित कृत्य के विरुद्ध व कानून राज के नपुंसक व्यवस्थापको को सद्-बुधि व सन्मार्ग दिखाने हेतु सूबे की राजधानी लखनऊ में candle march का आयोजन कर रहे है. यशवंत भाई अगर आप स्वयं और आप के माध्यम से और ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें शामिल हो सके तो इस एकजुटता से पत्रकारों सहित ऐसे अन्य पीडितो को जूझने का पर्याप्त संबल मिल सकेगा.
    शुभेछु आपका —
    —विनीत–
    [email protected] 9450449019
    newszone broadcom p ltd

  2. .xyz.

    October 20, 2010 at 5:06 am

    Well done Khalid ! Bahut hi badhiya . Shaabash !

  3. Sushil Gangwar

    October 20, 2010 at 5:16 am

    Man ki peeda jinda hai , ye maata ka dulaar hai . Dekho Dekho maa ka lal kitna lachaar hai . hatho me bedhi kalam ki , sabki sunne kow taiyar hai . Ensaaf milega maa tumko , yah bete ki lalkaar hai . aakho me hai mere aasu , bas thoda sa entjaar hai .

    Sushil Gangwar
    http://www.sakshatkar.com

  4. Mahendra

    October 20, 2010 at 6:31 am

    yasvant Bhai aap Larai laro ham sab saath hai.

  5. prashant singh

    October 20, 2010 at 7:19 pm

    yaswant ji
    hum apke sath hai..
    kabhi bhi aap phone karo.
    prashant singh rajpoot…..9099922100
    apnishakti group
    apnishkti hindi magzin
    apnishkti.com

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