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डीएनए के नाम पर 9 करोड़ दबाए हैं पंवार ने!

[caption id="attachment_17565" align="alignleft" width="68"]प्रो. निशीथप्रो. निशीथ[/caption]डीएनए के चेयरमैन और प्रबंध संपादक निशीथ राय ने आरोपों का विस्तार से किया खुलासा :  पंवार ने दो करोड़ रुपये दिल्ली के बिल्डर शमशेर सिंह और सात करोड़ रुपये पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान से लिए : डीएनए की महिला रिपोर्टर से शादी के लिए दबाव बना रहे थे पंवार : महिला रिपोर्टर की लिखित शिकायत के बाद पंवार पर की गई कार्यवाही : महिला रिपोर्टर की लिखित शिकायत की स्कैंड कापी संलग्न है :

प्रो. निशीथ

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डीएनए के चेयरमैन और प्रबंध संपादक निशीथ राय ने आरोपों का विस्तार से किया खुलासा :  पंवार ने दो करोड़ रुपये दिल्ली के बिल्डर शमशेर सिंह और सात करोड़ रुपये पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान से लिए : डीएनए की महिला रिपोर्टर से शादी के लिए दबाव बना रहे थे पंवार : महिला रिपोर्टर की लिखित शिकायत के बाद पंवार पर की गई कार्यवाही : महिला रिपोर्टर की लिखित शिकायत की स्कैंड कापी संलग्न है :

प्रिय यशवंत, मैं पिछले तीन दिनों से वायरल से पीड़ित था। अभी-अभी ‘भड़ास4मीडिया’ पर डीएनए के बर्खास्त समूह संपादक श्री देशपाल सिंह पंवार का अपनी बर्खास्तगी व लगे आरोपों के ऊपर उनका विस्तृत उत्तर पढ़ा। श्री देशपाल सिंह पंवार ने जब चुप्पी तोड़ ही दी है तो यह जरूरी हो गया है कि उनके उठाए गए सवालों का जवाब दिया जाए। बर्खास्तगी दो शिकायतों के आधार पर की गई थी, और उन दोनों शिकायतों का विस्तृत विवरण इस प्रकार है-

1- संभव है कि श्री पंवार मीडिया जगत में बड़े नाम हों परंतु उन्हें डीएनए का हिस्सा बनाने के लिए हम लोगों की तरफ से कोई प्रयास नहीं किया गया। खुद पंवार ने अपनी तरफ से इकतरफा प्रयास किया और उनके काम व अनुभव के बारे में सुनने के उपरांत अगस्त 2009 में डीएनए के समूह संपादक पद का दायित्व सौंपा गया। दायित्व ग्रहण करते समय उन्होंने डीएनए प्रबंधन से इस बात का वादा किया था कि उनका एक महत्वपूर्ण कार्य वित्तीय संस्थानों/व्यक्तियों से वित्तपोषण कराकर डीएनए का दिल्ली संस्करण एवं अन्य राज्य संस्करण भी जल्द शुरू कराना होगा। इसके लिए उन्होंने अगस्त से लेकर अपनी बर्खास्तगी के दिन तक लगातार लखनऊ मुख्यालय से बाहर रहकर वित्तपोषण की प्रगति से मुझे अवगत कराते रहे कि किन व्यक्तियों से वित्तपोषण की बात उन्होंने की है। इसके सैकड़ों एसएमएस मेरे पास सुरक्षित हैं। श्री पंवार ने आपको प्रेषित अपने उत्तर में मुझसे यह जानना चाहा है कि किस बिल्डर और पॉलिटीशियन ने डीएनए के विस्तार की योजना में वित्तपोषण करने का निर्णय लिया। उनका नाम मैं लेना नहीं चाहता था लेकिन चूंकि श्री पंवार ने सार्वजनिक प्लेटफॉर्म भड़ास4मीडिया पोर्टल के माध्यम से मुझसे उत्तर जानना चाहा है इसलिए मुझे बताना पड़ रहा है।

2-मैं शपथपूर्वक कह रहा हूं कि श्री पंवार ने श्री शमशेर सिंह जो कि दिल्ली के एक प्रतिष्ठित बिल्डर हैं, से पांच करोड़ रुपए वित्तपोषण की बात मुझे बताई। साथ ही यह भी कहा कि एक-एक करके दो करोड़ रुपए दो किश्तों में श्री शमशेर सिंह दिल्ली संस्करण के नाम पर इनको उपलब्ध करा चुके हैं। जहां तक पॉलिटीशियन की बात है, श्री पंवार ने मुझे बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान जी दिल्ली संस्करण के लिए 20 करोड़ रुपए की धनराशि के वित्तपोषण कराने को तैयार हो गए हैं और उन्होंने प्रथम किश्त के रूप छह करोड़ रुपए और दूसरी किश्त में एक करोड़ रुपए की धनराशि उनको उपलब्ध करा दी है, जो कि उनके पास सुरक्षित है। जितनी बार भी मैंने श्री पंवार से अनुरोध किया कि श्री शमशेर जी और श्री पासवान जी द्वारा उपलब्ध कराई गई धनराशि (दो करोड़ व सात करोड़ कुल नौ करोड़ रुपए) से दिल्ली संस्करण पर काम शुरू किया जाए, श्री पंवार लगातार टालमटोल वाला रवैया अपनाए रहे। वे लगातार मुख्यालय से बाहर रहे तथा आजकल में आने की बात कहकर मुख्यालय आने की तिथि लगातार आगे बढ़ाते रहे। मैंने कई बार उनसे यह भी अनुरोध किया कि श्री शमशेर सिंह और पासवान जी द्वारा उपलब्ध कराए गए रुपए का डीएनए के विस्तार में उपयोग प्रारंभ नहीं किया जाएगा तो इन दोनों व्यक्तियों के मन में डीएनए प्रबंधन को लेकर खराब छवि बनेगी। लेकिन लगातार वे इन दोनों व्यक्तियों से अपने नजदीकी संबंधों का हवाला देकर तिथि को आगे बढ़ाते रहे।

3- दिनांक 6 जून 2010 को सायंकाल डीएनए में कार्यरत एक वरिष्ठ महिला रिपोर्टर ने मुझे दूरभाष पर अवगत कराया कि समूह संपादक श्री देशपाल सिंह पंवार पिछले वर्ष ईद के बाद से ही लगातार शारीरिक व मानसिक शोषण करने और शादी करने के लिए दबाव बना रहे हैं और उनकी यंत्रणा से परेशान होकर रिपोर्टर के शब्दों में मानसिक संतुलन तक डिगने लगा। रिपोर्टर को अस्पताल में भर्ती होकर मनोरोग चिकित्सक से अपना इलाज कराना पड़ा। इस गंभीर चारित्रिक शिकायत जिससे पूरा डीएनए परिवार गंभीर रूप से प्रभावित होता और डीएनए की छवि दागदार होती, मैंने उस महिला रिपोर्टर से अनुरोध किया कि आपकी जो भी शिकायतें हैं उसे आप लिखित रूप में मुझे उपलब्ध कराएं। तदुपरांत महिला रिपोर्टर ने अपनी शिकायत लिखित रूप में मुझे उपलब्ध कराई जिसकी स्कैंड कॉपी आपके पास भेज रहा हूं। स्कैंड कापी में महिला रिपोर्टर के मान-सम्मान की रक्षा की दृष्टि से उनके नाम को छिपाया गया है। लेकिन जब भी जरूरत पड़ेगी तो उसका खुलासा उपयुक्त समय पर किया जाएगा।

4-महिला रिपोर्टर द्वारा दिनांक 6 जून 2010 को शिकायत किए जाने के बाद ही मैंने श्री देशपाल सिंह पंवार को प्रश्नगत दोनों बिंदुओं पर तीन दिनों के अंदर उनका उत्तर चाहा था। लेकिन नियत तिथि दिनांक 9 जून 2010 तक उन्होंने कोई उत्तर डीएनए प्रबंधन को उपलब्ध नहीं कराया। तदुपरांत डीएनए प्रबंधन ने तात्कालिक प्रभाव से दिनांक 9 जून 2010 से श्री देशपाल सिंह पंवार को समूह संपादक के पद से बर्खास्त कर दिया। श्री पंवार ने आपको उपलब्ध कराए गए अपने उत्तर में बहुत सारी अनर्गल बातें कहीं है, जिनका न कोई आधार है और न ही कोई तथ्य है। उनमें से किसी भी बात का उत्तर देने की जरूरत मैं नहीं समझता।

भवदीय

प्रो. निशीथ राय

चेयरमैन एवं प्रबंध संपादक

डेली न्यूज़ ऐक्टिविस्ट

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0 Comments

  1. amitabh ojha

    June 14, 2010 at 8:48 am

    nisith sahab apka dard apni jagah thik hai lekin mere jaise ek admi ke jehan me bhi yah baat nahi pachti ki itna bada ghotala koi bina management ki milibhagat ke kar sakta hai.pahle to yakin nahi hota agar hota bhi hai to khain kahin koi aur to hai …khair is mudde par mujhe jyada nahi kahna kyonki parishthti kisi se kuch bhi kara sakthi hai jiase aaj apko andar ki baat bahar rakhni pad rahi hai…ab DNA jaise tewar wala akhbar bilder aur politician ke paiso ka mohtaz ho….waise maine bhi DPS pawar ke sath kam kiya hai .unke charitra par lagaye gaye aarop aur uska aadhar bada hi satahi hai….viswasniye bhi nahi .
    1..jis mahila ki shikyat par aapn itna ganbhi aarop laga rahe hai wah patra bhi adhura hai …jo mahila apki staff hai aap uske boss hai wo akhir apne patra me apni pahchan kyon chupa rahi hai ..patra ke niche us mahila ne apna naam tak nahi likha hai .aakhir kya majburi ho sakti hai ….
    2…itne bade elligation ka aadhar asia adhura patra ho sakta hai kya .mujhe to lagta hai kahi yah patra bhi mahaj tisue paper to nahi ..jise sirf aap pana face wash karne ke liye istemaal kar rahe ho.

  2. s kumar

    June 14, 2010 at 9:30 am

    aap ke jawab ke bad to aab kendriya mantri rambilash paswan se bhi poocha jae ki itana paisa unke pas aya kaha se aour o aapni kis galti ko chipane ke lie DNA news paper ko itana paisa diya hi
    manniya rai sahab aap in swalo ka bhi jwab de dete to achcha hota

  3. manorath mishra

    June 14, 2010 at 10:44 am

    nishith rai, ye letter farzi hai, banawati hai. aur kisi editor ke aukaat nahi hoti 2 crs aur 9 crs leney deney ki. Paswan etna halkey nahi hai ki DNA ko 7 cr de dengey. Unhey media me hissedaari chahiye hogi to bahut se brand hai..aur DNA hai kya..etney paise me to naya brand bana lenegye. ya kisi chotey brand ko kharid kar estemaal kar lenegy. Pawar ke apni kameenepan hai..lekin es baar aap kuch jyada hi likh rahey hai.

  4. nishi

    June 14, 2010 at 11:11 am

    ghambeer aropo ke baad bhi panwaar ne khud poshti kiyo nahi ki bina aag dhoan naho uthta kuch gadbad to zaroor hai aur chrita ki gurantee koi kisi k liye nahi le sakta saath main kaam karne ka matlab y nahi k aap kisi k bedroom ya uski unchai kwahisho ki jaankaari rakte ho rahi baat nishith roy ki to woh ek jeneun person hai panwaar ne aaj tak jo bhi kiya ho sakta hai unke galat kaamo ko khulne wala nahi mila hoga ya tab bhagwan chata hoga aaj unka ghda bhar gaya isliye baat khul gayi

  5. ravi tripathi

    June 14, 2010 at 12:30 pm

    pawar sahab aap sangarsh karo. hum aap ke sath hai

  6. krishna,patna

    June 14, 2010 at 1:10 pm

    DPS Pawar is a blot on journalism if allegation proved. 0ne should enquire his all activities where he has worked so far.He has punished so many sahara worker for his ego satisfaction. His devoted chelas are still working in rashtriya sahara patna or other places and fulfilling the means of Pawar. Be aware saharian.One day the chellas of Pawar can defame the organisations.

  7. sonia shah

    June 15, 2010 at 9:44 am

    this is so disguisting nd pathetic on someones part to put such filthy allegations on someone…few people dont understand that if they hav not earned their respect shudnt put a mark on sumone else’s character…….only people who dont hv value for their own can do it wid such an ease…i dont kno mr.panwar personally but i cant believe nythng written above….nd whosoever that girl is putting such big allegations on him doesnt hav a character of her own….thats y she gathered guts to publicly display her charcater…ny gal wid a bit of dignity cant do it….mr.panwar is a man of dignity and is an honurable journalist….people all over the media respect him…nd he has earned it in so many years…any media house wid not even worth of 1 paise can do this to such a genuine person…DNA shud be sorry and shud be guilty of wat they hav done…

  8. अभिषेक

    June 15, 2010 at 9:45 am

    क्या बेहूदा कहानी है? महिला रिपोर्टर के पत्र को देखें तो पाएंगे कि यह 9 june को लिखा गया है। शुरुआती लाइन में निशीथ रॉय कह रहे हैं कि महिला ने 6 june को फ़ोन पर उन्हें पहली बार जानकारी दी तो उन्होंने लिखित में देने को कहा। बाद में वो कहते हैं कि लिखित शिकायत उन्हें 6 june को मिली और इस पर उन्होंने पंवार जी को 3 दिनों की नोटिस दे डाली। क्या निशीथ ऱय यह बताने का कष्ट करेंगे कि 6 june को 9 june की तारीख का पत्र क्यों लिखवाया गया? इन तथ्यों से साफ है कि 9 june को पंवार को बर्खास्त करने के बाद पत्र तैयार किया गया है।
    सारी कहानी मनगढ़ंत है।
    ज्यादा गंभीर मुद्दा यह है कि निशीथ रॉय एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और बहुचर्चित नेता रामबिलास पासवान पर काला धन खर्च करने का झूठा आरोप लगा रहे हैं। जहां तक मैं रामबिलास जी को जानता हूं, वो इतने स‌तही नहीं हैं। अगर निशीथ रॉय के आरोप स‌ही नहीं हैं तो उनपर कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत है।

  9. NIKHIL AGARWAL

    June 15, 2010 at 4:20 pm

    mr. rai
    if you wanted to terminate mr. pawar, you could easily do on the basis of financial irregularities, there was no need of explanation on public portal. it looks like that there is some planted stories, which has many loopholes.are you not competent to arranging the money for your newspaper, then why are you in this media rat race. no big name will join you

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