मुख्यमंत्री मायावती के इशारे पर प्रो. राय के घर में घुसकर पुलिस ने की गुंडई!

”बसपा सरकार बेलगाम हो गई है. सरकार के इशारे पर काम करने वाली पुलिस निरंकुश हो चुकी है। अपराध और अपराधियों को संरक्षण देने वाली सरकार कानून व्यवस्था को कैसे संभाल सकती है जब वह स्वयं और पुलिस आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों पर भी बसपा सरकार ने हमला शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री मायावती बौखला गई हैं। डॉ. राय के आवास पर पुलिस की यह हरकत निंदनीय है।” – राजेंद्र चौधरी, प्रवक्ता, सपा, उत्तर प्रदेश

यूपी पुलिस ने आधी रात स्व.प्रो. रामकमल राय के घर का ताला तोड़ा

: साहित्यकार के घर कथित गुंडों की तलाश में सरकारी गुंडई : डीएनए चेयरमैन के पैतृक आवास पर पुलिसिया तांडव : चौरासी वर्षीय बीमार विधवा व बहू से की अभद्रता : राजनीतिक छवि धूमिल करने का प्रयास- उत्पल राय : इलाहाबाद। हमेशा बैकफुट पर रहने वाली, सही को गलत और गलत को सही साबित करने वाली सूबे की पुलिस कब, क्या कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

यूपी में फिर एक मां का अपमान, डा. निशीथ राय के घर पुलिसवालों का तांडव

पत्रकारों पर सरकारी और प्रशासनिक दमन का कहर यूपी में लगातार ऊफान पकड़ता जा रहा है। शलभमणि त्रिपाठी पर हुए पुलिसिया हमले पर छीछालेदर के बाद भी पुलिसवालों का रवैया मीडियावालों के प्रति लगातार हमलावर बना हुआ है। ताजा घटना इलाहाबाद में हुई जहां डेली न्‍यूज एक्‍सप्रेस के प्रबंध सम्‍पादक डॉ निशीथ राय के घर छह थानों की पुलिस ने दबिश डाली।

अनुकूलित मानसिकता के पत्रकार न थे आलोक

[caption id="attachment_20039" align="alignnone" width="505"]आलोक तोमर जी की तस्वीर पर फूल अर्पित करतीं उनकी पत्नी सुप्रिया रॉयआलोक तोमर जी की तस्वीर पर फूल अर्पित करतीं उनकी पत्नी सुप्रिया रॉय[/caption]

: इसीलिए उनकी कलम शीत-ताप नियंत्रित भाषा नहीं लिखती थी :

बहन जी की बड़ी तैयारी… डीएनए के मुकाबिल होगा जनसंदेश टाइम्स!

लखनऊ से बसपा का अखबार निकलने जा रहा है. जनसंदेश टाइम्स. पहले जनसंदेश नाम से चैनल खुला. अब जनसंदेश टाइम्स नाम से अखबार खुलने जा रहा है. लखनऊ के कयासबाज मान रहे हैं कि ये बहिन जी की बड़ी तैयारी का हिस्सा है. जिस तरह लखनऊ व इलाहाबाद से प्रकाशित डेली न्यूज एक्टिविस्ट उर्फ समाजवादी पार्टी का परचम लहराते हुए बहिन जी और उनके कारिंदों के कान काटने में लगा रहता है, उसी तरह बहिन जी चाहती हैं कि अगर किसी भी गलती से उनकी सरकार फिर सत्ता में न आ पाए तो दूसरी सत्तासीन पार्टियों के कान काटने का काम जनसंदेश टाइम्स करे.

डीएनए की चौथी सालगिरह पर यशवंत का लेख

लखनऊ और इलाहाबाद से प्रकाशित हिंदी अखबार डेली न्यूज एक्टिविस्ट के चार साल पूरे होने पर भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह ने अखबार के चेयरमैन प्रो. निशीथ राय को बधाई दी. इस मौके पर यशवंत सिंह द्वारा भेजे गए एक लेख को डेली न्यूज एक्टिविस्ट (डीएनए) में प्रकाशित किया गया. प्रकाशित लेख इस प्रकार है-

अखबार पैसा कमाने के लिए नहीं : निशीथ

[caption id="attachment_18287" align="alignleft" width="278"]प्रो. निशीथ राय का स्वागत करते अरविंद चतुर्वेदी, सबसे बाएं हैं एनई अनिल भारद्वाज.प्रो. निशीथ राय का स्वागत करते अरविंद चतुर्वेदी, सबसे बाएं हैं एनई अनिल भारद्वाज.[/caption]: डेली न्यूज़ ऐक्टिविस्ट पहुंचा प्रकाशन के चौथे सोपान पर : लखनऊ। जन सापेक्ष अखबार निकालना बुद्धि-विवेक ही नहीं, हिम्मत व जुनून का भी काम है। हमें अपने मिशन में बेहतर सफलता मिली है। भगवान भी उन्हें ही जिम्मेदारी देता है, जो उसे निभाने में समर्थ होते हैं। यह उदगार डेली न्यूज़ ऐक्टिविस्ट के चैयरमैन व प्रबंध संपादक डॉ. निशीथ राय ने अखबार के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में व्यक्त किए। डा. राय ने कहा कि उन्होंने जिस मिशन व विजन को लेकर मीडिया हाउस शुरू किया था, वह सफल रहा और अखबार की तीन वर्षों की उपलब्धियों से वे पूर्ण संतुष्ट हैं।

डीएनए के नाम पर 9 करोड़ दबाए हैं पंवार ने!

[caption id="attachment_17565" align="alignleft" width="68"]प्रो. निशीथप्रो. निशीथ[/caption]डीएनए के चेयरमैन और प्रबंध संपादक निशीथ राय ने आरोपों का विस्तार से किया खुलासा :  पंवार ने दो करोड़ रुपये दिल्ली के बिल्डर शमशेर सिंह और सात करोड़ रुपये पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान से लिए : डीएनए की महिला रिपोर्टर से शादी के लिए दबाव बना रहे थे पंवार : महिला रिपोर्टर की लिखित शिकायत के बाद पंवार पर की गई कार्यवाही : महिला रिपोर्टर की लिखित शिकायत की स्कैंड कापी संलग्न है :

आरोपों पर पंवार ने चुप्पी तोड़ी

डीएनए में छपी सूचनालखनऊ और इलाहाबाद से प्रकाशित हिंदी दैनिक ‘डेली न्यूज एक्टिविस्ट’ (डीएनए) के ग्रुप एडिटर पद से प्रबंधन द्वारा बर्खास्त किए गए देशपाल सिंह पंवार ने अपने उपर लगे आरोपों का जवाब भड़ास4मीडिया को एक पत्र लिखकर दिया है. उनका पत्र इस प्रकार है- प्रिय यशवंत, एक सिद्धांत की वजह से झूठे और घटिया आरोपों का जवाब नहीं देना चाहता था.

देखते हैं, वे कितना डराते हैं : निशीथ

[caption id="attachment_16784" align="alignleft"]निशीथ रायनिशीथ राय[/caption]सपोर्ट करने के लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद कर रहा हूं : उस वक्त मैं दिल्ली में था जब लखनऊ स्थित मेरे आवास से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के निर्देश पर उनके लोग सामान फेंक रहे थे. कुछ ऐसे जैसे मेरा घर किसी चोर-डकैत का घर हो. यूपी में सच कहने वाले ही आजकल सरकार और प्रशासन की नजर में चोर-डकैत हो गए हैं और जो असली चोर-डकैत हैं, वे सरकार-प्रशासन के हिस्से बन शराफत का चोला ओढ़ चुके हैं. जब उनका चोला ‘डेली न्यूज एक्टिविस्ट’ (डीएनए) उतारता है तो उन्हें चुभन होती है. उन्हें तकलीफ होती है कि आखिर कोई क्यों उनकी काली दुनिया में खलल डाल रहा है. सब कुछ जो हुआ, वो एक बड़े झटके की तरह था लेकिन ऐसे झटके इतने लगे हैं कि अब ये मेरे जीवन के हिस्से हो गए हैं. सच-सच छाप देना इतना कठिन काम होता होगा, इसकी कल्पना मुझे अखबार प्रकाशित करने से पहले न थी. कई तरह के आरोप मढ़े गए. अखबार न छप सके, कई बहानों से कोशिश हुई. 

नवनीत सहगल ने धमकाया था निशीथ राय को!

[caption id="attachment_16723" align="alignleft"]नवनीत सहगलनवनीत सहगल[/caption]यूपी शासन के ‘मूक-बधिर-चारण’ अफसरों ने ‘डीएनए’ को सबक सिखाकर अपनी नेता मायावती को दिया जन्मदिन का तोहफा : ‘अखबार को नियंत्रित कर लो अन्यथा जीवन तबाह कर दिया जाएगा…’। यह धमकी दी थी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के सचिव नवनीत सहगल ने। यह खुलासा किया इलाहाबाद और लखनऊ से प्रकाशित हिंदी दैनिक डेली न्यूज एक्टिविस्ट (डीएनए) के चेयरमैन और मैनेजिंग एडिटर डा. निशीथ राय ने। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले ही नवनीत सहगल उनसे मिले थे और इस तरह की सीधी धमकी उन्हें दी थी। निशीथ राय के मुताबिक उनका आवास खाली कराने के लिए शासन के शीर्ष स्तर से साजिश हुई जिसके सूत्रधार सीनियर आईएएस नवनीत सहगल बने। डा. राय ने यह भी कहा कि बिना अपील का मौका दिए उनसे मकान खाली करवाया गया और यह कार्रवाई शाम पांच बजे के बाद की गई जो कि नियम विरुद्ध है।

अखबार मालिक पर फिर बरपा सरकारी कहर

[caption id="attachment_16720" align="alignleft"]प्रो. निशीथ रायप्रो. निशीथ राय[/caption]लखनऊ से बड़ी खबर है. माया सरकार के कारनामों का खुलासा करने के लिए चर्चित हिंदी दैनिक डेली ‘न्यूज एक्टिविस्ट’ (डीएनए) के चेयरमैन प्रो. निशीथ राय के लखनऊ स्थित सरकारी आवास को राज्य और जिला प्रशासन ने धावा बोलकर जबरन खाली करा लिया है. यह आवास उन्हें लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित रीजनल सेंटर फार अर्बन एंड इनवायरमेंटल स्टडीज का निदेशक होने के चलते मिला हुआ था. इस सरकारी निवास का पता 31, राजभवन कालोनी है. प्रदेश सरकार के लोगों ने कई बार यह आवास खाली कराने की कोशिश की पर हर बार उन्हें कोर्ट के दखल से मुंहकी खानी पड़ी. इस बार गुपचुप तरीके से कागजी कार्यवाही पूरी कर धावा बोला. अखबार मालिक का सारा सामान सड़क पर फिंकवा दिया.

डीएनए कर्मियों को 50 फीसदी तक इनक्रीमेंट

समाचार संपादक अनिल भारद्वाज, समूह संपादक देशपाल सिंह पंवार, प्रबंध संपादक डा. निशीथ राय और संपादक अरविंद चतुर्वेदी

डेली न्यूज़ ऐक्टिविस्ट ने रखा तीसरे साल में कदम : दर्जनों पत्रकारों को तरक्की : उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता में दो साल पहले धमाकेदार मौजूदगी दर्ज कराने वाला राजधानी लखनऊ से प्रकाशित राष्ट्रीय हिंदी दैनिक डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट इसी 13 अक्टूबर को तीसरे साल में प्रवेश कर गया। सच्चाई के लिए संघर्ष करने वाली हिंदी पत्रकारिता की गौरवशाली परम्परा से प्रेरित इस अखबार ने बिना किसी लम्बे-चौडे़ तामझाम के, जन सरोकारों से अपने को संजीदगी से जोड़कर बहुत थोड़े ही समय में जो पहचान और पाठकों में पैठ बनाई है, वह खुद में आज एक मिसाल है। इस अखबार ने साबित किया है कि अगर निहित स्वार्थ और बाजारूपन की चालबाजियों के समानांतर जन समस्याओं को लगातार समाधानकर्ताओं के सामने लाया जाए, भ्रष्टाचार को निर्भीकता पूर्वक उजागर किया जाए तो पाठकों का विश्वास और लोकप्रियता दोनों हासिल किए जा सकते हैं।

अखबार मालिक नहीं झुकता है तो झेलता है

प्रो. निशीथ रायप्रो. निशीथ राय के पीछे पड़ी माया सरकार : सरकारी आवास खाली करने का तुगलकी फरमान : यूपी के एक तेवरदार अखबार के मालिक निशीथ राय सत्ता के निशाने पर बने हुए हैं। सच बोलने-लिखने की जिद का खामियाजा उन्हें लगातार भुगतना पड़ रहा है। लखनऊ और इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले अखबार डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट (डीएनए) के चेयरमैन प्रो. निशीथ राय सरकार की पंगेबाजी, उत्पीड़न और दमन से लड़ते हुए कई बार कोर्ट की शरण ले चुके हैं, पर सरकार के आगे झुके एक बार भी नहीं। सत्ता को न झुकना हमेशा से बुरा लगता रहा है, और आज भी लग रहा है। अखबार जब बिजनेस बढ़ाने के माध्यम बन गए हों, सत्ता से सांठगांठ कर लाभ-दाम कमाने के उपक्रम बन चुके हों, ऐसे में कोई अखबार लाभ, प्रलोभन, बिजनेस को लात मार सिर्फ जनपक्षधर खबरों को अपना एजेंडा माने और उसे ही जिए तो उसे, सबको सत्ता के चरणों में देखने के आदी सत्ताधीशों का कोपभाजन तो बनना ही पड़ेगा।

वे अब समझ गए हैं, मैं भागने के लिए नहीं आया : प्रो. निशीथ राय

प्रो. निशीथ रायइंटरव्यू : प्रो. निशीथ राय (चेयरमैन, डेली न्यूज एक्टिविस्ट, लखनऊ)

इस जमाने में कोई आदमी यह सोचकर अखबार निकाले कि उसे विशुद्ध मिशनरी पत्रकारिता करनी है, सच को पूरी ताकत से सामने लाना है, सत्ता और दबावों के आगे झुकना-डरना-टूटना नहीं है, बल्कि सत्ता और सत्ताधारियों की करतूतों का खुलासा करना है तो आप सोच सकते हैं कि उसे किस-किस तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। लखनऊ से डेली न्यूज एक्टिविस्ट नाम से एक अखबार निकलता है।