रांची में ढेर सारी अफवाहें हैं। हर पत्रकार कुछ न कुछ भविष्यवाणी करता नजर आ रहा है। केंद्र में हैं दैनिक हिंदुस्तान, रांची के स्थानीय संपादक हरिनारायण सिंह। उनकी विदाई की बातें हो रही हैं। वरिष्ठ स्थानीय संपादक पद पर हिंदुस्तान ज्वाइन कर रहे राजेंद्र तिवारी के बारे में लोग कहते घूम रहे हैं कि वे झारखंड के हेड के तौर पर रांची में बैठेंगे। जाहिर है, तब हरिनारायण सिंह को राजेंद्र तिवारी को रिपोर्ट करना पड़ेगा। लोग कहते हैं कि ऐसी स्थिति हरिनारायण सिंह बर्दाश्त नहीं करेंगे और खुद इस्तीफा दे देंगे। दूसरी चर्चा यह है कि कई तरह के आरोपों में घिरे हरिनारायण को प्रबंधन पहले ही पद से हटा देगा। उसके बाद उनकी जगह राजेंद्र तिवारी की ताजपोशी कराई जाएगी। पर ऐसा होने की संभावना कम बताई जा रही है। जिस शख्स ने हिंदुस्तान को झारखंड में शून्य से शिखर पर पहुंचाया, उसकी बेआबरू वाली विदाई प्रबंधन कतई नहीं चाहेगा क्योंकि इससे प्रबंधन को भी लेने के देने पड़ सकते हैं। यह संभव है कि राजेंद्र तिवारी को हरिनारायण के उपर बिठाकर और चारों तरफ से घेराबंदी कराकर यह संकेत दे दिया जाए कि वे खुद चले जाएं अन्यथा उनके दिन बुरे होते चले जाएंगे।
कुछ जानकार लोगों को कहना है कि शशि शेखर ने राजेंद्र तिवारी की नियुक्ति कर और उन्हें झारखंड भेजने का फैसला कर, एक तीर से कई निशाने साधे हैं। शशि शेखर खुद सीधे हरिनारायण सिंह से उलझना नहीं चाहेंगे इसलिए राजेंद्र तिवारी को झारखंड का हेड बनाकर भेज रहे हैं ताकि झारखंड के सारे आपरेशन की सफलता-विफलता की ठीकरा राजेंद्र तिवारी के सिर पर फूटे। लोग इसे शशि शेखर की दूरदृष्टि का कमाल बता रहे हैं। वहीं कुछ मीडिया विश्लेषकों की राय है कि हरिनारायण सिंह की हिंदुस्तान प्रबंधन में गहरी पैठ है। खुद एचटी मीडिया के वाइस प्रेसीडेंट और बिहार-झारखंड के प्रभारी वाईसी अग्रवाल को संरक्षण हरिनारायण को प्राप्त है। ऐसे में कोई भी बड़ा फैसला बिना सबकी सहमति लिए लागू कर पाना संभव नहीं है।
एक अन्य महत्वपूर्ण लेकिन अपुष्ट सूचना के अनुसार भास्कर समूह अगले कुछ महीनों में बिहार और झारखंड में धावा बोलने की तैयारी में है। वह मीडिया के कुछ बड़े नामों को अपने साथ जोड़ने की कवायद शुरू कर चुका है। हरिनारायण सिंह के प्रभाव, संपर्क, संबंध, अखबार निकालने व जमा देने की दक्षता को देखते हुए भास्कर समूह ने फिलहाल पूरा जोर हरिनारायण सिंह को अपने पाले में करने के लिए लगा दिया है। इस काम में भास्कर की मदद हिंदुस्तान में बैठे कुछ पुराने दिग्गज कर रहे हैं। संभव है, अगले कुछ दिनों में झारखंड व बिहार की मीडिया में बड़े उथल-पुथल देखने को मिले।
उधर, भड़ास4मीडिया ने जब हिंदुस्तान के कई वरिष्ठों से राजेंद्र तिवारी की नियुक्ति के बारे में जानना चाहा तो किसी ने स्पष्ट तौर पर नहीं कहा कि राजेंद्र तिवारी को कहां भेजा जा रहा है। सबने सिर्फ संभावना प्रकट की कि राजेंद्र तिवारी को रांची भेजा जा सकता है। खुद राजेंद्र तिवारी से भड़ास4मीडिया ने जब पूछा कि वे किस जगह पर ज्वाइन करेंगे तो उनका जवाब था- मुझे खुद नहीं पता है कि मुझे कहां और किस तरह की जिम्मेदारी दी जाएगी। फिलहाल मैं दिल्ली में ज्वाइन करूंगा, बस इतना ही मुझे पता है। उधर, हिंदुस्तान, रांची के स्थानीय संपादक हरिनारायण सिंह से भड़ास4मीडिया ने संपर्क किया तो उनका कहना था कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। रांची में लोग अफवाह कई तरह की उड़ा रहे हैं लेकिन इसके पीछे सच्चाई क्या है, यह वे नहीं जानते।
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