सभी के दिल को खुश करने वाली खबर है. मीडियावालों के अथक प्रयास से इकट्ठा हुए लाखों रुपयों के चलते हर्षिता की जान बच गई. उसके दिल का सफल आपरेशन अमेरिका में हो चुका है. हर्षिता के पिता अमित लूथरा ने भड़ास4मीडिया को भेजे एक मेल में सभी का दिल से आभार जताया है.
उन्होंने सूचित किया है कि आपरेशन के बाद हर्षिता पूरी तरह स्वस्थ है. अब भी वह अस्पताल में है. बोस्टन शहर के लिए हर्षिता व उसके मां-पिता कुछ हफ्तों पहले रवाना हुए थे. दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित रही तीन साल की नन्ही हर्षिता का आपरेशन बोस्टन के चिल्ड्रन हॉस्पिटल में चल रहा है. जालंधर के टीवी जर्नलिस्टों ने पिछले दो ढाई महीने से इस बच्ची का इलाज करवाने के लिए पर्याप्त पैसा इकट्टा करने को मुहिम चला रखा था. इलाज पर खर्च होने वाली साठ लाख की रकम पहले तो दूर की कौड़ी लग रही थी लेकिन धीरे-धीरे यह लक्ष्य हासिल हो गया. इस मुहिम में एक वक़्त ऐसा भी आया जब मीडिया और हर्षिता के पिता के बीच तालमेल ख़राब हो गया था. पर फिर से छोटे विवादों की अनदेखी कर सभी हर्षिता की जान बचाने के लिए लग गए.
कई न्यूज चैनलों ने भी हर्षिता के इलाज के लिए मदद की अपील की. पर कुछ बड़े न्यूज चैनलों ने इस मानवीय खबर की अनदेखी की. बावजूद इसके, हर्षिता की मदद के लिए देश-विदेश से बहुत लोग आगे आए. पर्याप्त पैसा इकट्ठा होने के बाद उसे हास्पिटल के एकाउंट में जमा करवाया गया और इसी आधार पर हर्षिता के माता-पिता को अमेरिका का दस साल का मल्टीपल वीसा भी मिल गया. हर्षिता के माता-पिता के वहां ठहरने के लिए भी एक व्यक्ति ने होटल बुक करवा दिया है और जाते-जाते भी हर्षिता के पिता को जालंधर के एक निर्यातक ने एक लाख रुपये दिए. हॉस्पिटल का खर्च, टिकट और कैश को मिला कर करीब पचास लाख रुपये जुट गए थे और अमेरिका में लोग आगे होने वाला खर्च उठाने तैयार रहे.
मीडिया की मुहिम के बाद भारत के लोगों से छह लाख रुपये मिले हैं. पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा से चार लाख रुपये की मदद उसके खाते में पहुंची. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम, सेहत मंत्री और विधानसभा के सभी सदस्यों को पत्र लिखे जाने के बाद भी किसी ने कोई सहायता नहीं की. बस स्थानीय निकाय मंत्री मनोरंजन कालिया ने तीन लाख रुपये की राशि दिलवाई. इसके अलावा किसी भी सामाजिक संस्था और एनजीओ ने मदद नहीं की. जालंधर में हिंदुस्तान टाइम्स, ट्रिब्यून ही ऐसे अख़बार थे जो खुल कर बच्ची के पक्ष में आये और उसके पिता का फ़ोन नंबर तक प्रकाशित कर दिया. भास्कर ने अपनी पहली खबर में फ़ोन नंबर नहीं दिया लेकिन बाद में भास्कर भी इसमें साथ जुड़ गया. अमर उजाला में खबरें छपती रहीं. टीवी मीडिया में एनडीटीवी ने इसे एक मुहिम की तरह चलाया तो आईबीएन सेवेन ने भी बच्ची की मदद के लिए अपील की. एमएच वन की भूमिका भी सराहनीय रही.
अमेरिका से चलने वाले पंजाबी चैनेल ने भी अमेरिका से बच्ची के लिए पैसा इकठा करने में मदद की. एक एनआरआई ने हॉस्पिटल के खाते में करीब पंद्रह लाख रुपये गुप्त रूप से दान कर बच्ची के इलाज का रास्ता साफ़ कर दिया. भड़ास4मीडिया और एनडीटीवी की वेबसाइट पर डाली गयी खबर का सबसे ज्यादा असर हुआ और लोगों ने देश-विदेश से इस खबर को देख कर ही पैसा भेजा. सारे प्रयासों का नतीजा सुखद रहा. बच्ची की जान बच गई. इसके लिए भड़ास4मीडिया ने अपने सभी पाठकों और मददगारों की दिल से धन्यवाद कहा है. भड़ास4मीडिया ने जालंधर के संवेदनशील टीवी जर्नलिस्टों को भी बधाई दी है जिनकी सक्रियता के कारण ही मुहिम आगे बढ़ सकी.
हर्षिता को लेकर अब तक भड़ास4मीडिया पर जो खबरें प्रकाशित की जा चुकी हैं, वे इस प्रकार हैं. इन्हें पढ़ने के लिए नीचे दिए गए शीर्षकों पर क्लिक कर सकते हैं…
Amit Luthra
August 18, 2010 at 6:30 pm
मै मिडिया का और भारतीयों का धन्यवाद करता हू और सर यशवंत जी का भी मै दिल से धन्यवाद करता हू जिन कि होंसले से और सह्यौग से हर्षिता कि जान बचाए जा सकी धन्यवाद एक बार फिर से करता हू हर्षिता को बचाने के लिए :):):):)[b][/b]