: प्रवीण, केपी व आनंद की नई पारी : हिंदुस्तान, रांची से खबर है कि दैनिक भास्कर, रांची से इस्तीफा देकर अजय शर्मा के हिंदुस्तान ज्वाइन करने से हिंदुस्तान के पत्रकारों में नाराजगी है. लांचिंग की पूर्व संध्या पर अजय शर्मा के हिंदुस्तान जाने से भास्कर को तगड़ा झटका लगा था. वह इसलिए क्योंकि भास्कर में लीड स्टोरी अजय शर्मा की थी. अजय के ठीक उसी दिन हिंदुस्तान ज्वाइन कर लेने से वही खबर उसी दिन हिंदुस्तान में प्रकाशित हो गई. हिंदुस्तान, रांची के लोग खफा इस बात से हैं कि अजय इसी माह के शुरू में हिंदुस्तान छोड़कर भास्कर गए थे.
कुछ ही दिनों बाद उन्हें फिर हिंदुस्तान में बढ़े पैसे पर ज्वाइन करा दिया गया. इनका कहना है कि जो व्यक्ति किसी नए अखबार की लांचिंग से ठीक पहले संस्थान छोड़कर जाता है तो उसे ज्यादा पैसे पर वापस नहीं लिया जाना चाहिए. इससे उन लोगों का मनोबल गिरता है जो प्रलोभनों को ठुकरा कर निष्ठा से एक जगह पर जमे हुए हैं और संस्थान के हित में कार्य कर रहे हैं.
लोगों की नाराजगी देख हिंदुस्तान से जुड़े वरिष्ठों ने उन्हें बताया कि अजय शर्मा को हिंदुस्तान ने जानबूझ कर भास्कर भेजा था ताकि भास्कर की स्ट्रेटजी आदि का पता लगाया जा सके. बताया जाता है कि यह जवाब सुनकर हिंदुस्तान के लोग और भी ज्यादा भड़क गए. इनका कहना था कि इस तरह से तो हिंदुस्तान से जाने वाले हर आदमी पर जासूसी का आरोप लग सकता है और मार्केट में उनकी क्रेडिबिलिटी खराब हो सकती है. रांची में यह प्रकरण फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है.
दिल्ली से मिली एक सूचना के मुताबिक प्रवीण कुमार सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से इस्तीफा देकर द संडे इंडियन ज्वाइन कर लिया है. वे वहां पर सीनियर एडिटर बनाए गए हैं. प्रवीण टीओआई, जी न्यूज, इंडिया टुडे समेत कई जगहों पर काम कर चुके हैं. वे 13 वर्षों से मीडिया में हैं.
उधर, अमर उजाला, नोएडा से केपी और आनंद के इस्तीफा देने की खबर है. इन दोनों ने हिंदुस्तान, एनसीआर ज्वाइन किया है.
ankit
August 25, 2010 at 11:27 am
चलो किसी का तो आत्मसम्मान जागा, ख़ुशी हुई कोई तो आवाज़ उठाया
प्रभात खबर मे तो अब ये परंपरा बन गया है अपना सलेरी बराने का .
पिछले दो सालो में तो प्रभात खबर में करीब २० – २५ लोगो ने एसे ही अपनी सलेरी बरवाई है
अब तो प्रभात खबर में जयादा तर ऐसे लोग ही कम करते है और वंहा के मैनेजमेंट भी ऐसे ही लोगो
को पसंद करती है
पता नहीं प्रभात खबर के लोगो का आत्मसम्मान कब जागेगा.
sunit
August 25, 2010 at 1:20 pm
अजय शर्मा को फंसाया गया था। उसे मान-मनुहार कर हिंदुस्तान के आफिस बुलाया गया और जब वह आफिस आया तो संपादक ने तालियां बजवाकर एलान किया कि अजय शर्मा असली हीरो हैं। अजय शर्मा को पता ही नहीं था कि उनके कैरियर के साथ को वरिष्ठ पत्रकार इस तरह का मजाक भी कर सकता है और वह हिंदुस्तान जैसे प्रतिष्ठावान अखबार का संपादक। फिलहाल अजय शर्मा भास्कर में ही हैं। हां और जिन पांच लोगों के आने की बात की जा रही है, उनसे से दो तो आ ही नहीं रहे। दरअसल हिंदुस्तान रांची के पत्रकारिता जगत में गंदगी फैलाने का काम कर रहा है। वैसे भी यहां कम गंदगी नहीं, कृपा करके और गंदगी फैलाने का काम हिंदुस्तान न करे तो ुसका सभी पत्रकारों पर अहसान होगा।
JAYANT
August 25, 2010 at 6:37 pm
HINDUSTAN NEWS PAPER ABHI BAHAT SARE PATARKAR BHASKAR RANCHI JOIN KARNE WALE HAI.AAB HINDUSTAN NEWS PAPER KI JHARKHAND ME BAT LAGNEWALI HAI,
rajesh
August 25, 2010 at 10:13 pm
YE MELA H. IAME AANA JANA LAGA RAHATA H. YAHAN MOL BHAU HOTA H. JO JITANE M PAT JAYE USKO VO KIMAT MIL JATI H. YE MANDI H. JO JITNE M BIKA VO, USKI KIMAT H. HIMMAT H TO LAGALO APNI KIMAT.