एडिटर, भड़ास4मीडिया, जनसंदेश प्रबंधन की तरफ से भेजा गया “सुनील तनेजा के आरोप निराधार” नामक खबर पढ़ने के बाद मैं कुछ कहना चाहता हूं. हकीकत ये है कि जनसंदेश का मैनेजमेंट शुरू से ही बदमाशी कर रहा है. चैनल की शुरुआत से ही माननीया मुख्यमंत्री जी का नाम जोड़ा गया और उनके व बसपा के नाम का जमकर दुरुपयोग किया गया. मेरे शुरुआत का (नवम्बर माह) का भुगतान आज तक नहीं किया गया. शुरू में जब भी मैं इस बारे में पूछताछ करता तो पेमेंट जल्द हो जाएगी कहकर बात टाल दी जाती. उसके बाद इन लोगों ने प्रदेश सरकार का नाम लेकर डराना-धमकाना शुरू कर दिया और उस पेमेंट को भूल जाने को कहा. इन लोगों ने (जनसंदेश मैनेजमेंट ने) हद तो सितम्बर माह से ही शुरू कर दी. पहले मैनेजमेंट ने हमारे अन्य भुगतान को रोका.
उसके बाद सितम्बर से अभी तक का वेतन भी रोक रखा है. अब हकीकत ये है कि वेतन तथा अन्य भुगतान के बारे में बात करने पर प्रदेश के पंचम तल और ब.स.पा सरकार की धमकी दी जा रही है. ये लोग रात में मेरे मोबाईल पर फोन करके डरा-धमाका रहे हैं और इस बात का मेरे पास सबूत भी है. इन लोगों ने अब चैनल के लैंड लाइन नंबर से फोन करके धमकाना शुरू कर दिया है. मुझे तो लगता है कि ये माननीया मुख्यमंत्री जी और बसपा सरकार को बदनाम करने की सोची-समझी रणनीति है क्योंकि जिन बहन जी ने हमेशा दबे-कुचले और कमजोर तबके की आवाज उठाई हो और हमेशा किसी भी प्रकार के शोषण का प्रतिकार किया हो वो भला इस तरह के (हम लोगों के शोषण के) कृत्य में कैसे शामिल हो सकती हैं. सुनील तनेजा जी ने सही काम किया कि बहन जी को इस बात से अवगत तो करा ही दिया कि कैसे उनके नाम को बदनाम किया जा रहा है. अब बहन जी से न्याय की अपेक्षा है.
जनसंदेश मैनेजमेंट किस सामान को वापस करने की बात कह रहा है, उसने ये तो कभी मुझे बताया नहीं. आप ही बताइए, अगर मेरे पास आपका सामान है तो आप मुझे बताएंगे कि मेरे पास आपका कौन-सा और कैसा सामान है. आज तक इन्होंने मुझसे किसी भी सामान के बारे में जिक्र तक नहीं किया. हां, इनका (जनसंदेश का) एक पत्र आया था जिस पर चैनल की प्रापर्टी को वापस करने के बारे में लिखा था. इनकी कौन-सी चल या अचल संपत्ति मेरे पास है, उसका इन्होंने जिक्र तक नहीं किया और न पूछने पर बताया. पत्र के नीचे प्रेषक अथवा अथारिटी की जगह न तो किसी का नाम और न ही पद का जिक्र किया गया है. मैंने इस बात का प्रतिकार किया था और जनसंदेश को मेल द्वारा बताया भी था. वो मेल भी मैं आपको भेज रहा हूं. अब आप ही बतायें कि जनसंदेश गलत है या सुनील तनेजा?
कल तक तो सुनील तनेजा की गिनती जनसंदेश के बेहतरीन स्टाफ में होती थी. आज उन्होंने अपना हक़ मांग लिया तो वे गलत हो गए. जनसंदेश के मैनेजमेंट ने उन पर धन वसूली के साथ ही अन्य आरोप भी लगा दिए. अब हमने भी सच्चाई सबके सामने लाने की गुस्ताख़ी कर दी है तो देखिये की वो मुझ पर क्या आरोप लगाते हैं. जनसंदेश का मैनेजमेंट कह रहा है कि सुनील जी उनका पांच लाख का सामान हड़पना चाह रहे हैं तो भाई हम लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि हक मारने का काम आप लोगों का है. कर्मचारियों के धन को हड़पने का इनका पुराना अनुभव है. अंत में एक बात कहना चाहूँगा कि “हक़ मांगना अगर अपराध है तो समझो हम अपराधी हैं”.
धन्यवाद आपका
अमितेश पाण्डेय
ब्यूरो संवाददाता
जनसंदेश, वाराणसी